हरियाणा में मतदान के बाद सभी को विधानसभा चुनाव के परिणामों का इंतजार है. 8 अक्टूबर को चुनावी परिणाम घोषित किए जाएंगे. इस बीच फरीदाबाद जिले की बड़खल सीट चर्चाओं में है. इस सीट पर लगातार दो बार ‘कमल’ खिलाने के बाद भारतीय जनता पार्टी जीत की हैट्रिक लगाने की बाट जोह रही है. वहीं कांग्रेस एक दशक से वापसी की संभावना तलाश रही है. इस सीट पर सीधी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है. पिछले दो बार से इस सीट का प्रतिनिधित्व बीजेपी की सीमा त्रिखा द्वारा किया जाता रहा है. बीजेपी ने इस बार उनका टिकट काटकर धानेश अदलखा को थमाया है. उनके सामने कांग्रेस ने विजय प्रताप सिंह पर भरोसा जताया है.
बड़खल विस में चौथा चुनाव
फरीदाबाद जिले में आने वाली बड़खल विधानसभा सीट 2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयी. इससे पहले यह सीट मेवला महाराजपुर विस सीट का हिस्सा हुआ करती थी. अस्तित्व में आने के बाद से बड़खल विधानसभा पर यह चौथा चुनाव होगा.
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2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़खल सीट से बीजेपी की सीमा त्रिखा ने जीत हासिल की थी. उन्हें 58,550 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस के विजय प्रताप सिंह रहे थे, जिन्हें 56,005 वोटों से संतोष करना पड़ा. आप के धरमबीर भड़ाना तीसरे नंबर पर रहे जिन्हें केवल 9481 मत मिले थे. पिछले चुनाव में बड़खल में 2.75 लाख रजिस्टर्ड मतदाताओं के साथ वोटिंग प्रतिशत केवल 49.15 फीसदी रह था.
2014 में बड़े अंतर से जीती थी त्रिखा
इससे पहले हुए विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच बीजेपी की त्रिखा ने कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह को आधे से अधिक वोटों से शिख्स्त दी थी. सीमा त्रिखा को 70,218 वोट मिले जबकि दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के महेंदर प्रताप सिंह को 33,609 मत हासिल हुए थे. बसपा के धरमबीर भड़ाना को 16,949 वोटों के साथ तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था. वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव में महेंदर प्रताप सिंह ने सीमा त्रिखा को 12 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
क्या है जीत-हार का समीकरण
चुनाव आयोग के मुताबिक, बड़खल विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,75,347 रजिस्टर्ड मतदाता हैं. इनमें से 1,50,424 पुरुष और 1,24,909 महिलाएं हैं. 14 थर्ड जेंडर वोटर्स भी हैं. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने धनेश अदलखा को अपना प्रत्याशी बनाया है. धनेश अदलखा के पास दो बार पार्षद का अनुभव है, लेकिन गंभीर आरोप के कारण मतदाताओं में नाराजगी भी है. आम आदमी पार्टी की ओर से ओम प्रकाश वर्मा और बसपा की तरफ से परविंद सिंह मैदान में हैं. कुल मिलाकर इस सीट पर 10 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि मुकाबला कांग्रेस के विजय प्रताप सिंह और बीजेपी के धनेश अदलखा के बीच ही दिखाई दे रहा है.
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सीमा त्रिखा का टिकट कटने को लेकर नाराजगी है, जिससे बीजेपी को नुकसान हो सकता है. वहीं पिछला चुनाव हार चुके विजय प्रताप को टिकट थमाकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है. अब बीजेपी नए उम्मीदवार पर दांव खेलकर लगातार तीसरी बार बड़खल में ‘कमल’ खिला पाती है या फिर कांग्रेस पिछले एक दशक का अपना इंतजार खत्म कर पाती है, देखना रोचक रहने वाला है.