Politalks.News/Maharashtra. एंटीलिया केस-सचिन वाझे मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद महाराष्ट्र की सियासत में तूफान आया हुआ है. बता दे, परमबीर सिंह में लेटर के जरिए महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा कि देशमुख ने सचिन वाझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही कर उन्हें देने को कहा था. इस लेटर के बाद से अब महाराष्ट्र विकास अघाड़ी में संकट के बादल मंडराने लगेे हैं, क्योंकि अनिल देशमुख के एनसीपी से होने के चलते शरद पवार की पार्टी इस बार आलोचनाओं के केंद्र में हैं. इस बीच रविवार को इस मामले पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं, साथ ही पवार ने यह भी कहा कि चिट्ठी पर परमबीर सिंह से हस्ताक्षर नहीं हैं. वहीं, सचिन वाझे नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवालों पर शरद पवार ने कहा है कि सचिन वाझे की नियुक्ति सीएम और गृह मंत्री ने नहीं की है.
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि वाझे का निलंबन खत्म करने का फैसला परमबीर का था. आगे शरद पवार ने सवाल करते हुए कहा है कि कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर आरोप क्यों लगा रहे हैं? पवार ने कहा कि जांच के लिए मुख्यमंत्री के पास पूरा अधिकार है. इसके साथ ही शरद पवार ने आगे कहा कि परमबीर सिंह की चिट्ठी में सिर्फ आरोप लगाए हैं सबूत नहीं है, परमबीर की चिट्ठी में यह भी नहीं बताया गया है कि पैसा गया कहां?
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एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मुझे नहीं पता है महाराष्ट्र सरकार गिराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं या नहीं, मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सरकार पर उनका कोई असर नहीं होगा. शरद पवार ने कहा कि गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार महाराष्ट्र मुख्यमंत्री के पास है.
गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सनसनीखेज आरोप लगाया है. परमबीर सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धल ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने के लिए कहा था. सीएम ठाकरे को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाए हैं कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे से प्रत्येक महीने बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपए की उगाही करने के लिए कहा था.