kirodi lal meena
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Kirodi lal Meena: राजस्थान में इन दिनों प्रमुख विपक्षी दल भाजपा विभिन्न मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साध रही है. भाजपा नेता इन दिनों भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाकर गहलोत सरकार पर लगातार बड़े आरोप लगा रहे है. राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा ने बीते दिन पीएचईडी विभाग में 20 हज़ार करोड़ के घोटाले का सरकार पर आरोप लगाया. इसके बाद सांसद मीणा ने आज सचिवालय पहुँचकर अतिरिक्त CVC को इस मामले की जांच को लेकर ज्ञापन दिया वहीं शिकायतकर्ता टी एन शर्मा के साथ अशोक नगर थाने में मामले की एफआईआर दर्ज कराने को लेकर परिवाद दिया. इस मामले की पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं होने पर सांसद मीणा अशोक नगर थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए. इस दौरान सांसद मीणा ने कहा कि एफआईआर दर्ज नहीं होने तक धरने पर बैठेंगे.

सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि टीएन शर्मा जो कि इस मामले में शिकायत कर्ता है, इन्होंने ने इस मामले में परिवाद अशोक नगर थाने में दिया है. एक कंपनी ने जलदाय विभाग में फर्जी दस्तावेज लगाकर 900 करोड रुपए के टेंडर ले लिए. जिसको हमने कल पत्रकारों के सामने भी रखे थे. एक अन्य मामले में जिसमें राजस्थान के फाइनेंस डिपार्टमेंट ने डायरेक्शन दिए थे. टेंडर फ्री पारदर्शिता बनी रहे. इसके लिए आरटीपीपी एक्ट का 2012 का उल्लंघन नहीं हो, इस निर्देश के बाद भी पीएचइडी डिपार्टमेंट ने टेंडर दिया. इन कंपनियों को निर्धारित दर से 30 से 40 फ़ीसदी ज्यादा दर पर टेंडर जारी किए गए. यह आरटीपीपी एक्ट का उल्लंघन है. यह 20 हज़ार करोड़ के घोटाले का मामला है. इसमें दूसरी एफआईआर इस मामले को लेकर है.

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सांसद मीणा ने कहा कि भ्रष्टाचार के इस मामले की एफआईआर दर्ज करवाने के लिए शिकायतकर्ता टी एन शर्मा के साथ हम अशोक नगर थाने आए थे. मुझे शिकायतकर्ता टी एन शर्मा साथ आने की पार्टी ने जिम्मेदारी दी थी. यहां अशोक नगर थाना पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया. हम पिछले कई घंटों से यहां पर बैठे हैं. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी यहां थाने आए, उन्होंने मुझसे कहा है कि आप शिकायतकर्ता के साथ धरने पर बैठे. हम रणनीति बनाएंगे. इतने बड़े 20 हज़ार करोड रुपए के घोटाले पर हम सरकार को इतनी आसानी से नहीं छोड़ेंगे.

सांसद मीणा ने आगे कहा कि इस मामले में आईएएस, ठेकेदार और मंत्री महेश जोशी भी शामिल है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की बात करते हैं. यह पूरा मामला 20 हज़ार करोड के घोटाले का है. मुख्यमंत्री गहलोत कहते हैं, कोई भी थाने में जाए उसकी एफआईआर प्रदेश में दर्ज होती है. प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ थाने में आ गए, उसके बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई. ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत के एफआईआर दर्ज करना कंपलसरी है. यह गुमराह करने वाले बयान है. प्रदेश में हालात यह है कि प्रतिपक्ष के नेता और एक सांसद व शिकायतकर्ता खुद थाने में आ गए फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है.

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