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लोकसभा चुनाव में बीजेपी-जदयू-लोजपा गठबंधन ने बिहार में विशाल जीत हासिल की. जीत भी ऐसी कि विपक्ष के महागठबंधन में शांमिल कई पार्टियों का नामों-निशान मिट गया. प्रदेश की सत्ता पर लंबे समय तक काबिज रहने वाली लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल का एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया. यहां तक कि लालू की बेटी मीसा को भी हार का सामना करना पड़ा. राजद, कांग्रेस, रालोसपा, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, वीआईपी महागठबंधन बनाकर भी सिर्फ एक सीट पर फतह हासिल कर पाए.

बिहार में मिली इस भारी जीत का ईनाम दिल्ली में मिलना सुनिश्चित था और ईनाम मिला भी. प्रदेश से निर्वाचित हुए 5 बीजेपी सांसदो को पीएम मोदी ने मंत्रिमंडल में जगह दी है. इसमें रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, राजकुमार सिंह, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे को कैबिनेट में शामिल किया गया है. वहीं लोजपा कोटे से मंत्रिमंडल में पार्टी सुप्रीमो रामविलास पासवान को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

अब नित्यानंद राय के मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद बिहार बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलना तय है. क्योंकि नित्यानंद वर्तमान में बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष है. अब उन्हें बीजेपी के एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत के अनुसार अध्यक्ष का पद छोड़ना होगा. अब जो बड़ा सवाल जो वर्तमान में सभी के जहन में है कि अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी के लिए पार्टी किस नेता पर भरोसा करेगी. हम यहां उन संभावित नेताओं के बारे में बता रहे हैं, जो अध्यक्ष पद के लिए पार्टी की पसंद बन सकते हैं-

नंदकिशोर यादव

बिहार मे अगर बीजेपी यादव चेहरे के हटने पर दोबारा यादव को ही अध्यक्ष बनाने का फैसला करती है तो नंदकिशेर यादव का प्रदेश अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है. नंदकिशोर बिहार बीजेपी के बड़े नेता है. वो साल 2000 से लगातार विधायक चुने जा रहे है. साथ ही वे संघ के विश्वस्त माने जाते है. वहीं वे मोदी और अमित शाह के गुट में बिल्कुल फिट बैठते है. यादव जमीनी नेता है और संगठन पर अच्छी पकड़ रखते है. वे इससे पहले अध्यक्ष पद का निर्वहन साल 1998 से 2003 तक कर भी चुके है.

मंगल पांडे

बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के पद पर कार्यरत मंगल पांडे को पार्टी एक बार फिर प्रदेश के भीतर बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. उन्हें पार्टी लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण से नाराज रहे ब्राहम्ण समुदाय को खुश करने के लिए ब्राहम्ण चेहरे के तौर पर अध्यक्ष बना सकती है. पांडे इस जिम्मेदारी को साल 2013 में भी संभाल चुके है. युवा नेता के तौर पर तेजी से अपनी पहचान बनाने वाले मंगल पांडे सबसे कम उम्र में बिहार बीजेपी के अध्यक्ष बनने वाले नेता रहे हैं. वे वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं.

राधा मोहन सिंह

पिछली मोदी सरकार में कृषि मंत्रालय जैसे अहम महकमें का जिम्मा संभाल चुके राधा मोहन सिंह इस बार मोदी कैबिनेट में जगह हासिल नहीं कर पाए. हालांकि हो सकता है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने उनके लिए कोई बड़ी जिम्मेदारी सोच रखी हो. राधा मोहन सिंह ने पूर्वी चंपारण से लगातार तीसरी जीत हासिल की है. उन्होंने रालोसपा के आकाश सिंह को लगभग 3 लाख मतों से मात दी है. आपको बता दें कि आकाश सिंह बिहार कांग्रेस के बड़े नेता अखिलेश सिंह के पुत्र है. उनको ये बड़ी जीत तब हासिल हुई है जब दिल्ली मिडिया इस बार उनके हारने के कयास लगा रहा था.

अब बिहार बीजेपी अध्यक्ष पद को लेकर आखिरी फैसला पीएम मोदी और अमित शाह को करना है. वो अध्यक्ष पद के व्यक्ति के चुनाव में तमाम तरह के जातिगत और सामाजिक समीकरण साधने के प्रयास करेंगे, ताकि उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिले.

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