पॉलिटॉक्स ब्यूरो. जयपुर के सिविल लाइन्स स्थित मुख्यमंत्री निवास पर बुधवार को सिखों के पहले धर्म गुरू गुरूनानक देवजी के 550वें प्रकाश वर्ष के उपलक्ष्य में कीर्तन दरबार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब मुख्यमंत्री निवास पर कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया हो. कीर्तन दरबार में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने भी शिरकत की. यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने कीर्तन दरबार को ‘वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह’ जयकारे के साथ संबोधित करते हुए कहा कि गुरुनानक ने दुनिया को महिलाओं का सम्मान करना सिखाया. आज राजस्थान के अधिकांश क्षेत्रों में घूंघट की प्रथा है. देश के अधिकांश राज्यों में घूंघट प्रथा नहीं है. इसके लिए घूंघट हटाओ का अभियान चलना चाहिए. उन्होंने इस काम के लिए प्रदेश की महिलाओं और पुरूषों का आगे आने की सलाह देते हुए कहा कि आज महिलाएं चांद तक पहुंच रही है, मंगल ग्रह पर जा रही है. ऐसे में घूंघट हो या बुर्का, आधुनिक समाज में महिला को घूंघट में कैद रखना कहां की समझदारी है.
मुख्यमंत्री गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने अपने संबोधन में सिख समुदाय के लिए दो महत्वपूर्ण घोषणा भी की. पहली- अब सिख समाज में रीति रिवाजों से हुई शादियों के रजिस्ट्रेशन के उद्देश्य से राजस्थान आनंद मैरिज रजिस्ट्रेशन नियम 2019 के प्रारूप का अनुमोदन किया. दूसरी- प्रदेश में विभिन्न प्रतियोगी तथा शैक्षणिक परीक्षाओं में बैठने वाले सिख अभ्यर्थियों को परीक्षा के दौरान कड़ा, कृपाण एवं पगड़ी आदि धार्मिक प्रतीक धारण करने की छूट होगी. दोनों के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
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वैसे मुख्यमंत्री आवास पर आमतौर पर उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहता है, वहां बुधवार को किसी गुरूद्वारे जैसा भक्तीमय माहौल दिखाई दिया. इस मौके पर गहलोत ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से गुरूनानक देवजी का संदेश और उनकी शिक्षाएं आमजन तक पहुंचे. गुरुनानक देवजी का जीवन दर्शन और उनकी शिक्षाएं मानव की भलाई के लिए प्रेरित करती हैं. हमारा प्रयास है कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से समाज में सामाजिक समरसता एवं भाईचारे का संदेश जाए.
550वें प्रकाश वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेश में सालभर आयोजित होंगे कार्यक्रम, लगाएं जाएंगे 550 पौधे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने बताया कि गुरूनानक देवजी के 550वें प्रकाश वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेश में सालभर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. कार्यक्रमों के संबंध में मार्गदर्शन के लिए एक राज्यस्तरीय समिति भी गठित की गई है. राज्य सरकार ने जैसलमेर के पोकरण एवं कोटा के गुरूद्वारा अगमगढ़ साहिब में विकास कार्य कराने व राजस्थान विश्वविद्यालय में गुरूनानक देवजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर शोध के लिए गुरूनानक पीठ की स्थापना का निर्णय किया है. साथ ही सिख बहुल जिलों में गुरूनानक स्मृति वन बनाकर गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश वर्ष की स्मृति में 550 पेड़ लगाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस कीर्तन दरबार में सिख समाज सहित प्रदेश के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया, सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी, उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत सहित कई विधायक व अधिकारी शामिल हुए.