दवे की घर वापसी के साथ दिग्गजों की हुई भाजपा में एंट्री, पूनियां-सिंह ने भरी हुंकार तो कटारिया हुए नाराज

भाजपा सरकार में वनमंत्री रहे लक्ष्मीनारायण दवे की घर वापसी के साथ ही नवलगढ़ से विक्रम सिंह जाखल, ओसियां से महेंद्र सिंह भाटी, अलवर से बन्ना लाल मीणा, चंद्रशेखर यादव, जनता सेना से ओंकार वालिया और भगवती लाल मेनारिया ने भी की भाजपा ज्वाइन, पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं के बारे में पहले कोई सूचना नहीं होने और कार्यक्रम में आने के बाद जानकारी मिलने से नाराज कटारिया ने नहीं किया मंच साझा, बैठे रहे दूसरे कमरे में

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Politalks.News/Rajasthan. 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश में भाजपा सभी मोर्चो पर खुद को मजबूत करते हुए गहलोत सरकार को घेरने में जुट गई है. पार्टी की मजबूती के लिए अपने पुराने दिगज साथियों की नाराजगी दूर कर उन्हें वापस पार्टी में शामिल करवाया जा रहा है. इसी कड़ी में बीते रोज रविवार को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में वनमंत्री रहे लक्ष्मीनारायण दवे की भाजपा में घर वापसी हुई. प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और राजस्थान से आने वाले तीनों केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में पूर्व मंत्री दवे के साथ ही नवलगढ़ से विक्रम सिंह जाखल, ओसियां से महेंद्र सिंह भाटी, अलवर से बन्ना लाल मीणा, चंद्रशेखर यादव, जनता सेना से ओंकार वालिया और भगवती लाल मेनारिया ने भी भाजपा ज्वाइन की. वहीं, इस दौरान दिग्गज भाजपाई नेता और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की नाराजगी भी साफ दिखाई दी. दरअसल, पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं के बारे में कटारिया को कार्यक्रम में आने के बाद जानकारी दी गई, इससे नाराज कटारिया ने मंच साझा नहीं किया.

आपको बता दें, बीते रोज रविवार को प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक रखी गई थी. ऐसे में बैठक से ठीक पहले इन दिग्गजों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. शामिल होने वाले दिग्गजों में सबसे बड़े चेहरे के रूप में लक्ष्मीनारायण दवे को माना जा सकता है, क्योंकि लक्ष्मीनारायण दवे वसुंधरा सरकार ने साल 2003 से 2008 तक प्रदेश के वन व पर्यावरण मंत्री रहे. वहीं, पूर्व में राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी रहे. हालांकि, पिछले चुनाव में भाजपा से बगावत कर दवे ने निर्दलीय के रूप में मारवाड़ जंक्शन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसके चलते वे भाजपा से बाहर हो गए थे.

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पूर्व मंत्री दवे के साथ ही शेखावटी में झुंझुनू से आने वाले राजपूत समाज के बड़े चेहरे विक्रम सिंह जाखल ने भी रविवार शाम बीजेपी ज्वाइन की. जाखल पिछले विधानसभा चुनाव में नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. तब उन्हें 40 हजार से अधिक मत मिले थे और भाजपा प्रत्याशी व जाखल के बीच करीब 1500 मतों का अंतर रहा था. माना जा रहा है कि जाखल के भाजपा में शामिल होने से शेखावटी क्षेत्र में बीजेपी का आधार मजबूत हो सकेगा. इसके साथ ही ओसियां से पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह भाटी ने कई सरपंचों और कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. वहीं, अलवर के राजगढ़ से पिछले चुनाव में बसपा प्रत्याशी रहे बन्ना लाल मीणा और पूर्व मंत्री जगमाल दायमा के पुत्र चंद्रशेखर यादव ने भी भाजपा का दामन थामा.

आपको बता दें, महेंद्र सिंह भाटी साल 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 38000 वोट ले चुके हैं. बन्ना लाल मीणा ने पिछले विधानसभा चुनाव में बतौर बसपा प्रत्याशी राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से 28000 मत हासिल किए थे. इसी तरह चंद्रशेखर यादव ने साल 2008 के विधानसभा चुनाव में जदयू गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर अपनी ताल ठोकी थी. इनके अलावा आने वाले चुनावों को देखते हुए भिंडर के पूर्व पंचायत समिति से पुकार वालिया के अलावा भिंडर के ही पूर्व सरपंच संघ के अध्यक्ष भगवती लाल मेनारिया ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.

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भाजपा पार्टी मुख्यालय में हुए इस कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और अर्जुन राम मेघवाल पार्टी, राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, प्रवक्ता रामलाल शर्मा, सांसद सीपी जोशी व अन्य प्रदेश पदाधिकारी मौजूद रहे. तो वहीं कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की नाराजगी भी साफ तौर पर देखी गई. दरअसल, उदयपुर जिले से जनता सेना से जुड़े ओंकार सिंह वालिया और भगवती लाल मेनारिया को बीजेपी में शामिल किया गया. लेकिन उदयपुर जिले से ही आने वाले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को इसकी जानकारी कार्यक्रम में पहुंचने के बाद मिली. इससे नाराज होकर गुलाबचंद कटारिया ने समारोह के मंच को साझा करने से ही इनकार कर दिया और पास स्थित एक कमरे में ही बैठे रहे.

इस दौरान गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि ना तो उन्हें इन दोनों व्यक्तियों के बारे में उदयपुर के जिला अध्यक्ष ने कोई जानकारी दी और ना ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने. कटारिया की नाराजगी थी कि 40 साल भाजपा में रहने के बाद भी यदि उन्हें उनके ही जिले से शामिल किए जाने वाले किसी जनप्रतिनिधि की जानकारी देना भी पार्टी ने उचित नहीं समझा, इससे उनके मन में दुख है. ओमकार वालिया जनता सेना से ताल्लुक रखते हैं जो कि गुलाब चंद कटारिया के प्रतिद्वंदी रणधीर सिंह भिंडर का दल है. वहीं भगवती लाल मेनारिया भिंडर से ही आते हैं जो सरपंच संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं.

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सब मिलकर उखाड़ फेकेंगे गहलोत सरकार: भारतीय जनता पार्टी परिवार में अलग-अलग दलों और पार्टी से पूर्व में दूर हुए नेताओं की घर वापसी के मौके पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बीजेपी की विचारधारा और केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में अलग-अलग दलों और विचारधाराओं से जुड़े लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं, जिससे बीजेपी की शक्ति और बढ़ रही है. वहीं, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि यह बीजेपी की नीतियां और केंद्र सरकार की योजनाओं का ही परिणाम है कि ना केवल राजस्थान, बल्कि देश के अलग-अलग कोनों में कई बड़े नेता और लोग पार्टी परिवार से जुड़े हैं. सिंह ने कहा कि साल 2023 में होने वाले चुनाव में हम सब मिलकर दो तिहाई से अधिक बहुमत से बीजेपी को जिताएंगे और गहलोत सरकार को उखाड़ फेकेंगे. इसके साथ ही भाजपा परिवार में घर वापसी करने वाले पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे ने कहा कि वे एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में शामिल हुए हैं और भविष्य में पार्टी जिस प्रकार का आदेश देगी, उसी भूमिका में काम करेंगे.

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