मुंबई में 15वें एनुअल ग्लोबल इनवेस्टर कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि देश में अंडरग्राउण्ड वाटर का रेशो तेजी से खत्म होता जा रहा है. इसके बारे में देशवासियों को ही नहीं बल्कि राज्यों को भी मिलकर सोचना पड़ेगा और साथ आना पडेगा. उन्होंने पंजाब के बारे में कहा कि जहां सबसे ज्यादा अंडरग्राउण्ड वॉटर मौजूद था, वहां सबसे तेजी से पानी खत्म होता जा रहा है. पुणे में रहने वाली शर्मिला ओसवाल का जिक्र करते हुए गजेंद्र सिंह ने कहा कि ओसवाल ने कंबोडिया में बहुत अच्छा काम किया है. उनके जैसे प्रयास देश में भी करने चाहिए.
गजेंद्र सिंह ने राजस्थान के बारे में भी बात करते हुए कहा कि प्रदेश में मध्यप्रदेश की तुंग नदी का पानी लाने की कोशिशें चल रही हैं. एमपी में सरकार बदलने से थोड़ी परेशानी जरूर आ रही है लेकिन जल्दी ही इसे निष्तारित कर लिया जाएगा. साथ ही जवाई बांध को जल्दी से जल्दी फिर से लबालब करने का भरोसा दिलाया.
केंद्रीय मंत्री ने कॉन्फ्रेंस में जयपुर में द्रव्ययती नदी प्रोजेक्ट का भी जिक्र करते हुए बताया कि प्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार एक अच्छी सोच के तहत ये कार्य अपने हाथ में लिया था. दो हजार करोड़ की लागत का ये प्रोजेक्ट एक नदी के तौर पर न होकर एक रिवर फ्रंट चैनल के तरीके से काम करेगा. अगर ये पूरा होता है और निर्धारित योजना के अनुसार चरणबद्ध तरीके से काम किया जाता रहा तो प्रदेश के अन्य जिलों और देश के अन्य शहरों में भी इस ओर ध्यान दिया जा सकता है. इससे न केवल पानी की बचत हो सकेगी बल्कि अंडर वाटर डेप्थ को भी नियंत्रित किया जा सकेगा.