‘कैप्टन’ की सरपरस्ती में ‘गुरु’ करेंगे कमाल!, अपनी बात रख अमरिंदर ने राहुल पर छोड़ा फैसला !

गर्म है पंजाब कांग्रेस की सियासी हवा, क्या सिद्धू और कैप्टन के बीच झगड़े का आलाकमान ने निकाल लिया बीच का रास्ता, सिद्धू को उपमुख्यमंत्री या कैंपेन कमेटी का बनाया जा सकता है अध्यक्ष, अमरिंदर ने जातीय समीकरणों की गुगली डाल राहुल गांधी पर छोड़ा अंतिम फैसला!

क्या सुलझा पंजाब कांग्रेस का झगड़ा !
क्या सुलझा पंजाब कांग्रेस का झगड़ा !

Politalks.News/PunjabPolitics. पंजाब में कांग्रेस की राजनीति में मचे घमासान का हल निकालने के प्रयास जारी हैं. जहां एक तरफ दिल्ली में नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी आलाकमान के साथ मैराथन बैठकें करने के बाद कलह का हल निकलने के फॉर्मूले के इंतजार में हैं तो वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी पार्टी नेताओं के साथ अपना धड़ा मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं. इसी क्रम में कैप्टन ने गुरुवार को अपने करीबी नेताओं के साथ दोपहर के खाने पर बैठक की. ऐसा कहा जा रहा है कि कैप्टन की ये लंच पॉलिटिक्स एक तीर से दो निशाने लगाने के लिए की गई है. पंजाब के करीबी नेताओं के साथ हुई इस बैठक से ऐसा साफ जाहिर हो रहा है कि कैप्टन शक्ति प्रदर्शन कर अपना जोर दिखाने की कोशिश में लगे हैं तो वहीं पार्टी आलाकमान को यह संदेश भी मिलता दिख रहा है कि सिद्धू को लेकर जो भी फॉर्मूला तैयार किया गया है उसे पंजाब कांग्रेस के नेता सहर्ष स्वीकार करेंगे.

मान गए गुरू- सूत्रों की माने तो आलाकमान के साथ हुई बैठकों में सिद्धू को उपमुख्यमंत्री या फिर 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष में से कोई एक पद लेने को मान गए हैं. बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने सिद्धू की सुनील जाखड़ की जगह पंजाब में पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया. आलाकमान की ओर से कहा गया कि पंजाब में मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ दोनों एक ही ‘जट सिख’ नहीं हो सकते, पार्टी ने जातिय समीकरणों का संतुलन बैठाने के लिए हिंदू और दलितों को शामिल करने का निर्णय लिया है. सूत्रों की माने तो प्रियंका ने कैप्टन को सिद्धू के साथ हुई चर्चा के नतीजों की जानकारी दे दी है. वहीं अमरिंदर ने भी सभी निर्णय राहुल गांधी पर छोड़ दिए हैं. क्योंकि कैप्टन की प्राथमिकता पंजाब में कांग्रेस की फिर से सरकार बनाना.

यह भी पढ़ें- नीतीश सरकार में ‘ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेला!’, ‘BJP कोटे के अधिकांश मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त’-ज्ञानू

पंजाब में ‘कैप्टन’ सब पर भारी वहीं मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने पिछले दिल्ली दौरे के दौरान ही पंजाब क्राइसिस के लिए बनाए गए पैनल को बता दिया था कि वे अपने मंत्रिमंडल में एक दलित या हिंदू को उप मुख्यमंत्री शामिल करना पसंद करेंगे ना कि सिद्धू को, क्योंकि सिद्धू पहले भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके हैं. कैप्टन अमरिंदर पहले ही कह चुके हैं अगर हाईकमान चाहता है कि सिद्धू प्रचार की कमान संभाले तो उन्हें सिद्धू के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं है. लेकिन कैप्टन की शर्त है कि मुख्यमंत्री होने के नाते प्रत्याशी चयन में उन्हें फ्री हैंड मिलना चाहिए.

यह भी पढ़े: बसपा के बागियों ने खाई अखिलेश को सीएम बनाने की कसम, मायावती तिलमिलाई, योगी ने दी बधाई

ये नेता रहे बैठक में मौजूद कैप्टन के इस ‘शक्ति प्रदर्शन‘ में 5 सांसद, 20 विधायक, 8 कैबिनेट मंत्री, 30 जिलाध्यक्ष समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में पार्टी की अंतर्कलह सुलझाने के लिए बनाए जाने वाले फार्मूले को लेकर भी अपने करीबी नेताओं से चर्चा की. बैठक में यह तय किया गया कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह के चेहरे पर राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ा जाता है तो सिद्धू को आलाकमान की ओर से जो जिम्मेदारी दी जाएगी पंजाब के नेता उसका स्वागत करेंगे.

Leave a Reply