Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर अब संशय के बादल छंटने लगे हैं. कल शाम 4 बजे राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी. राजभवन के पिछले लॉन में 150 लोगों के बैठने के लिए शामियाना तैयार कर लिया गया है. इससे पहले आज शाम मुख्यमंत्री आवास पर गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक हुई. बैठक में सभी मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए गए है. बैठक खत्म होने के बाद प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि, ‘सभी मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं. सभी मंत्रियों ने हाईकमान पर फैसला छोड़कर इस्तीफे दिए हैं. रविवार 2 बजे सभी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जाएंगे, वहां से आगे जो भी निर्देश होंगे वहां जाएंगे’. सबसे बड़ी बात यह है कि मंत्रिमंडल को लेकर ‘महामंथन’ के बाद अब सब आलाकमान पर छोड़ दिया गया है. सीएम गहलोत ने राजभवन जाकर राज्यपाल कलराज मिश्र से भी मुलाकात कर ली है. शपथग्रहण समारोह को लेकर औपचारिक समय मांगा गया और तीन मंत्रियों के इस्तीफ सौंपे. इससे पहले सीएम गहलोत ने आज इशारों-इशारों में आज पार्टी के कार्यक्रम के मंच से कह दिया था कि,’किसकी लॉटरी लगेगी ये या तो आलाकमान जानता है या फिर माकन!’ वहीं सभी की नजरें पायलट की भूमिका पर रहेगी.
महामंथन के बाद खाका हुआ तैयार!
मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गई है. सचिवालय में नए मंत्रियों के लिए कमरे तैयार कर लिए गए हैं तो मोटर गैराज में करीब 15 गाड़ियां रिजर्व कर ली गई है. इससे पहले सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन के बीच आज तीन बार बैठक हुई. पहली बैठक सुबह सीएमआर में हुई. दूसरी बैठक होटल मैरियट में हुई. तीसरी बैठक शाम को मुख्यमंत्री आवास पर तकरीबन एक घंटे तक बैठक चली. बैठक में मंत्रिमंडल पुनर्गठन में शामिल होने वाले संभावित नामों और मंत्रिमंडल से ड्रॉप होने वाले नामों को लेकर चर्चा हुई. इन तीन बैठकों के बाद मंत्रिपरिषद की बैठक हुई.
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ये है मंत्रिमंडल का गणित!
आपको बता दें कि गहलोत मंत्रिमंडल में 9 सीटें पहले से खाली थी. तीन मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी और रघु शर्मा का इस्तीफा हो चुका है. शुक्रवार को तीनों मंत्रियों ने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिखा था. तीनों मंत्रियों ने अपनी सरकारी गाड़ी भी स्टेट मोटर गैराज को भिजवा दी है. इसके बाद अब 12 मंत्रियों के पद मंत्रिमंडल में खाली हैं. इसके बाद सियासी खबरें ये हैं कि करीब 3 मंत्रियों की मंत्रिमंडल से विदाई हो सकती है. इनमें मंत्री ममता भूपेश, भजन लाल जाटव और RLD कोटे के सुभाष गर्ग शामिल हैं. तो यह तय माना जा रहा है कि करीब 15 मंत्रियों को कल शपथ दिलाई जाएगी.
ये हो सकते हैं डोटासरा, चौधरी और शर्मा का विकल्प
गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी और रघु शर्मा की जगह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी. दो जाट और एक ब्राह्मण चेहरे की विदाई के बाद अब इनकी जगह रामलाल जाट, बृजेंद्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी, नरेंद्र बुडानिया के नाम चर्चा में हैं. निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला का नाम भी दावेदारों में हैं. रघु शर्मा की जगह राजेंद्र पारीक, महेश जोशी, राजुकमार शर्मा दावेदार हैं. हेमाराम, रामलाल जाट और ओला पहले भी गहलोत के साथ मंत्री रह चुके हैं. महेश जोशी गहलोत के शुरू से ही बहुत नजदीक माने जाते हैं और अभी सरकारी मुख्य सचेतक हैं.
बसपा से कांग्रेस में आए और निर्दलीयों पर आलाकमान करेगा फैसला
बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों और निर्दलीयों को लेकर दो खबरें छन कर बाहर आ रही हैं. एक तो यह है कि इन विधायकों में से राजेंद्र सिंह गुढ़ा की लॉटरी लग सकती है. बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायक ही दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन बाकी पांच को संसदीय सचिव बनाकर या राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट किया जा सकता है. निर्दलीयों में महादेव सिंह खंडेला और संयम लोढ़ा के नाम शामिल हैं. लेकिन इसको लेकर जो दूसरी खबर आ रही वो यह है कि पायलट कैंप ने इस पर वीटो लगा दिया है. क्योंकि इन सभी ने कांग्रेस पार्टी को इनके विधानसभा क्षेत्रों में हराया है. अगर इनको विधायक बनाया जाता है तो क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोभाव पर गहरा असर पड़ेगा. अब इस मामले को लेकर फैसला आलाकमान पर छोड़ा गया है.
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सभी नजरें पायलट के सियासी भविष्य पर
प्रदेश के सियासी गलियारों में आज सबसे ज्यादा चर्चा है सचिन पायलट की. हर कोई सचिन पायलट के सियासी भविष्य को जानना चाहता है, क्या पायलट को मंत्रिमंडल में दी जाएगी अहम जिम्मेदारी? अगर हां तो किस बड़े विभाग का जिम्मा पायलट को सौंपा जाएगा. और क्या वापस सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री बनेंगे? प्रदेश संगठन में तो सिर्फ एक ही पीसीसी चीफ का पद था पायलट के लायक, लेकिन माकन के बयान के बाद यह साफ हो चुका है कि डोटासरा ही पीसीसी चीफ बने रहेंगे. वहीं राजस्थान से बाहर जाने के कयासों पर खुद पायलट पूर्ण विराम लगा चुके हैं. हाल ही में उदयपुर दौरे पर रहे पायलट ने कहा था- ‘मैं कहीं नहीं जा रहा हूँ, प्रदेश में दुबारा कांग्रेस की सरकार बनानी है’, ऐसे में अब हर किसी निगाहें सचिन पायलट के सियासी भविष्य पर टिकी हैं.
पायलट कैंप को मिलेगा पूरा सम्मान!
अब बात की जाए पावर शेयरिंग की तो पायलट कैंप के 4 से 5 मंत्री बनने की संभावना है. पायलट कैंप से मुरारीलाल मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, बृजेंद्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी, रमेश मीणा में से मंत्री बनने की संभावना है. साथ ही कुछ समर्थकों को संसदीय सचिव और कुछ को निगमों में एडजस्ट किया जा सकता है.
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ये हो सकते हैं संभावित मंत्री
बात की जाए अन्य संभावित मंत्रियों की तो मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन के बाद गहलोत सरकार में कोई दलित कैबिनेट मंत्री नहीं है. मास्टर भंवरलाल मेघवाल की जगह मंजू मेघवाल को मंत्री बनाया जा सकता है साथ ही खिलाड़ी लाल बैरवा, परसराम मोरदिया, अशोक बैरवा, गोविंद मेघवाल भी दावेदार हैं. अशोक बैरवा गहलोत के पिछले कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं. गोविंद मेघवाल वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में संसदीय सचिव रह चुके हैं, बाद में वे बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आ गए थे. आदिवासी चेहरों के तौर पर दयाराम परमार, महेंद्रजीत मालवीय के नाम दावेदारों में हैं. मालवीय पहले भी मंत्री रह चुके हैं. बात कि जाए अल्पसंख्यक वर्ग से अमीन खान, जाहिदा के नाम प्रमुख दावेदारों में हैं. गुर्जर चेहरों के तौर पर शकुंतला रावत, डॉ. जितेंद्र सिंह और राजेंद्र सिंह बिधूड़ी के नाम चर्चा में हैं. कांग्रेस की अंदरूनी सियासत के लिहाज से गुर्जर चेहरों को मौका मिलने की पूरी संभावना है. नहरी क्षेत्र से गुरमीत सिंह कुनर को मौका मिल सकता है.