डोटासरा-चौधरी और शर्मा की विदाई, मंत्रिपरिषद की बैठक पर सभी नजरें, शपथग्रहण समारोह की तैयारी शुरू

मंत्रिमंडल पुनर्गठन का काउंट डाउन! डोटासरा, चौधरी और रघु के इस्तीफे मंजूर, मंत्रिमंडल में अब 12 पद हुए खाली, गहलोत-माकन का दो बार हो चुका महामंथन, आज शाम होने वाली मंत्रिपरिषद की बैठक पर सभी की नजरें, सभी मंत्रियों के लिए जा सकते हैं इस्तीफे! कल शाम 4 बजे का निकला है मुहूर्त, राजभवन में सजने लगा शामियाना

राजस्थान की राजनीति का 'सियासी शनिवार'
राजस्थान की राजनीति का 'सियासी शनिवार'

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की सियासत का आज सुपर शनिवार है. सियासी सुलह की ‘सुबह’ आखिरकार आ ही गई है. मंत्रिमंडल पुनर्गठन का मुहूर्त निकल चुका है. रविवार शाम 4 बजे नए मंत्रियों को शपथ दिलाने की तैयारियां शुरू हो गई है. राजभवन में टेंट का सामान पहुंच चुका है. अशोक गहलोत सरकार में एक से ज्यादा पद रखने वाले तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का इस्तीफा सीएम गहलोत ने मंजूर कर लिया है. इधर प्रभारी अजय माकन ने आज सुबह भी सीएमआर जाकर सीएम गहलोत से मुलाकात की. वहीं खबर ये भी है कि आज ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी जयपुर पहुंच रहे हैं. इधर आज शाम को गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक होनी है. माना जा रहा है कि इस बैठक में सीएम गहलोत सभी मंत्रियों से इस्तीफे ले सकते हैं. वहीं विश्वस्त सूत्रों का यह भी कहना है कि आज सीएम गहलोत प्रभारी माकन और सचिन पायलट की एक बैठक भी हो सकती है.

तीनों मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर
इधर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने गहलोत मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है और खबर ये आ रही है कि सीएम गहलोत ने इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है. कल ही तीनों दिग्गजों ने सोनिया गांधी को पत्र भेजकर इस्तीफे देने की पेशकश की थी. तीनों ही मंत्रियों ने अपनी सरकारी गाड़ियां भी मोटर गैराज में भिजवा दीं हैं. तीनों नेताओं के पास अब संगठन में पद रह गए हैं. डोटासरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं, हरीश पंजाब और रघु गुजरात कांग्रेस प्रभारी हैं. इन सभी ने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के चलते तीनों ने इस्तीफा दिया है. ताजा इस्तीफों को मिलाकर अब गहलोत मंत्रिमंडल में 12 पद खाली हो गए हैं.

यह भी पढ़ें- CM गहलोत ने किए त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन, आदिवासियों को दी बड़ी सौगात, बीच दौरे से लौटे जयपुर

सभी नजरें पायलट के सियासी भविष्य पर
प्रदेश के सियासी गलियारों में आज सबसे ज्यादा चर्चा है सचिन पायलट की. हर कोई सचिन पायलट के सियासी भविष्य को जानना चाहता है, क्या पायलट को मंत्रिमंडल में दी जाएगी अहम जिम्मेदारी? अगर हां तो किस बड़े विभाग का जिम्मा पायलट को सौंपा जाएगा. और क्या वापस सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री बनेंगे? प्रदेश संगठन में तो सिर्फ एक ही पीसीसी चीफ का पद था पायलट के लायक, लेकिन माकन के बयान के बाद यह साफ हो चूका है की डोटासरा ही पीसीसी चीफ बने रहेंगे. वहीं राजस्थान से बाहर जाने के कयासों पर खुद पायलट पूर्ण विराम लगा चुके हैं. हाल ही में उदयपुर दौरे पर रहे पायलट ने कहा था- ‘मैं कहीं नहीं जा रहा हूँ, प्रदेश में दुबारा कांग्रेस की सरकार बनानी है’, ऐसे में अब हर किसी निगाहें सचिन पायलट के सियासी भविष्य पर टिकी हैं.

दो बार हो चुका है महामंथन, अब भी माथापच्ची जारी
इधर सीएम गहलोत और प्रभारी अजय माकन की देर रात तक मीटिंग चली उसके बाद आज सुबह भी दोनों ने महामंथन किया है. ऐसा माना जा रहा है कि गहलोत सरकार के नए मंत्रिमंडल में फेरबदल का खाका बन चुका है. कल शपथ ग्रहण का समय तय हो गया है. राजभवन को औपचारिक तौर पर सूचना भी दे दी गई है. राजभवन में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. टेंट का सामान राजभवन में पहुंच चुका है और शामियाना सजने लगा है. राज्यपाल कलराज मिश्र आज शाम जयपुर लौटेंगे. कोविड के कारण शपथ ग्रहण में ज्यादा भीड़ नहीं की जाएगी.

यह भी पढ़े:   कृषि कानूनों पर यू-टर्न या मास्टरस्ट्रोक! गहलोत का हमला- 5 राज्यों में हार के डर से लिया फैसला

शाम 5 बजे मंत्री परिषद की बैठक, इस्तीफे लिए जाने की चर्चा
आज शाम 5 बजे गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों को बुलाया गया है. इस बैठक में कई और मंत्रियों के भी इस्तीफे लिए जा सकते हैं. इसको लेकर भी सियासी चर्चाएं ये हो रही है कि इस बैठक में सभी मंत्रियों के इस्तीफे लिए जा सकते हैं. शाम तक इस बारे में तस्वीर साफ हो जाएगी.

एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत की पालना में दिए इस्तीफे- डोटासरा
शिक्षा मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि, ‘हमने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत की पालना करते हुए इस्तीफे दे दिए हैं . संगठन के माध्यम से अब सरकार की योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे. हमारा फोकस अब 2023 में कांग्रेस की सरकार को फिर से बनाना है. आगे हम संगठन का विस्तार करेंगे. सत्ता और संगठन में समन्वय से काम करते हुए योजनाओं का जनता तक लाभ पहुंचाने के लिए काम करेंगे.

Leave a Reply