पॉलिटॉक्स न्यूज़. राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा मासिक बंधी को लेकर परिवहन विभाग के ‘महाघूसकांड’ के सबसे बड़े खुलासे के बाद मंगलवार को पीसीसी पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन होना चाहिए, लेकिन वो मेरे अकेले के कहने से नहीं होगा. इसके लिए हमारे मंत्रिमंडल के सभी साथी, सभी विधायक, ब्यूरोक्रेसी के तमाम लोग सबको मिलकर ये संकल्प लेना होगा कि जिस जनता ने हमें यहां बड़े पदों पर बैठाया है, हम सबकी ड्यूटी है कि जनता की सुनवाई हो, चाहे फिर वो ब्यूरोक्रेसी हो या जननेता. सरकार की भावना है कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन प्रदेश में कायम रहे.
मंगलवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रहे जयनारायण व्यास की जयंती के मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, ‘भ्रष्टाचार पर हमारी सरकार जीरो टालरेंस पर काम करती है और यदि कहीं कोई गड़बड़ी या अनियमितता होती है तो कार्रवाई होती है.’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘हम लगातार कहते आए है कि सुराज और सुशासन देना है, सभी को पारदर्शी सरकार देनी है, प्रशासन जवाबदेह होना चाहिए. सभी मंत्री, विधायक और ब्यूरोक्रेसी की जिम्मेदारी भी है, उन सबकी डयूटी है कि सरकार के अंदर जनता की सुनवाई होनी चाहिए और ये हमारी प्राथमिकता भी होनी चाहिए. जो कर्मचारी-अधिकारी उसमें कोताही बरतेगा, सरकार की नज़र उस पर रहेगी. सुनवाई करना बहुत आवश्यक है, किसी का काम होगा या किसी का काम नहीं होगा. लेकिन प्रशासन सुनवाई नहीं करेगा तो फैसला कैसे कर सकता है. इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार की जो योजनाएं हैं, वो जनता तक पहुंचे, सर्विस डिलिवरी अच्छी हो, ये हमारा प्रयास है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि दिल्ली के चुनाव में भाजपा के नेताओं को अभ्रद भाषा का प्रयोग करने पर जनता ने जो सबक सिखाया है, वह उन्हें लंबे समय तक याद रहेगा. सीएम गहलोत ने आगे कहा आज संविधान पर चोट की जा रही है. हम सबको इस बात की चिंता करनी चाहिए. भाजपा नेताओं की ओर से गोली मारने जैसे बयान दिए जा रहे है, ये दुखद है.
बता दें, मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान को की संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह होना चाहिए लेकिन वो मेरे अकेले के कहने से नहीं होगा, को गत रविवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दलालों के जरिये वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर परिवहन विभाग के अफसरों द्वारा मासिक बंधी लेने के बड़े खुलासे से जोड़कर देखा जा रहा है.
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