बीपीएल सूची में नाम जुड़वाने के लिए द्विस्तरीय अपील का है प्रावधान- सदन में बोले पायलट

प्रथम अपील संबंधित उपखण्ड अधिकारी को और द्वितीय अपील जिला कलक्टर को की जा सकती है तथा कलेक्टर के स्तर पर ही इसे स्वीकृत अथवा अस्वीकृत किया जा सकता है- सचिन पायलट

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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. 15वीं विधानसभा के चौथे चरण के दूसरे चरण में मंगलवार को प्रश्नकाल में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए उप मुख्यमंत्री एवं ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने सदन में बताया कि बीपीएल सूची 2002 में शामिल होने से वंचित रहे परिवारों को अपील के माध्यम से सूची में जोड़े जाने की प्रक्रिया निरंतर जारी है. बीपीएल सर्वे में प्रदेश में कुल 22 लाख 47 हजार 981 परिवार थे। उन्होंने कहा कि द्वितीय अपील के बाद इस सूची में 5 लाख 19 हजार पात्र परिवारों को और जोड़ा गया हैं.

सदन को जानकारी देते हुए सचिन पायलट ने बताया कि बीपीएल सूची 2002 (ग्रामीण) में शामिल होने से वंचित रहे परिवारों के लिये भारत सरकार के निर्देशानुसार बीपीएल सेन्सस 2002 (ग्रामीण) में पात्र परिवारों को शामिल करने हेतु द्विस्तरीय अपील का प्रावधान है. इसके अनुसार प्रथम अपील संबंधित उपखण्ड अधिकारी को और द्वितीय अपील जिला कलक्टर को की जा सकती है तथा कलेक्टर के स्तर पर ही इसे स्वीकृत अथवा अस्वीकृत किया जा सकता है. पायलट ने बताया कि अपील प्रक्रिया द्वारा ही बीपीएल सूची 2002 में पात्र परिवारों को शामिल किया जा सकता है. अब नया सैक (सोशल इकोनोमिक कास्ट सेन्सस) सर्वे हो चुका है, अब इसे मानक मानकर तदानुसार कार्य किया जायेगा.

इस दौरान विधायक खुशवीर सिंह के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार बीपीएल सर्वे करवाया जाता है. पूर्व में इसकी पंचवर्षीय योजना काल (2002-2007) के लिये वर्ष 2002 में बीपीएल सर्वे हुआ था. ग्राम सभाओं में अनुमोदन उपरांत बीपीएल सूची सितम्बर 2006 में प्रकाशित की गई थी. पायलट ने आगे बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार सैक सर्वे 2011 में किया गया है जिसकी अन्तिम सूची का प्रकाशन अप्रेल 2016 में किया गया है.

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सचिन पायलट ने सदन को बताया कि बीपीएल सेन्सस 2002 के चयन हेतु भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार 13 आर्थिक एवं सामाजिक सूचकों के आधार पर सर्वे करवाकर 52 अंकों में से अंक प्रदान किये गये थे. सर्वे से प्राप्त अंकों के आधार पर आरोही क्रम में सूचियां तैयार कर भारत सरकार द्वारा निर्धारित सीमा तक आने वाले परिवारों को एकल कट ऑफ स्कोर के आधार पर शून्य से 12 अंक तक प्राप्त करने वाले समस्त एवं 13 अंक प्राप्त करने वाले आंशिक परिवारों को बीपीएल सूची 2002 (ग्रामीण) में चयन किया गया था. पायलट ने बताया कि बीपीएल सर्वे 2002 के पश्चात भारत सरकार के निर्देशानुसार सैक सर्वे 2011 में कराया गया तथा सैक सूची को 2016 में लागू किया गया.

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