26 जनवरी से प्रार्थना सभा में होगा भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन, शिक्षामंत्री ने की घोषणा

देश की नई पीढ़ी, हमारे विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, सभी धर्मों के आदर की संविधान की भावना सदा कायम रहे, संविधान के प्रति विद्यार्थियों को स्कूल स्तर से ही जागरूक करना इसका उद्देश्य

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. संविधान के प्रति विद्यार्थियों को स्कूल स्तर से ही जागरूक करने के लिए शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने घोषणा की है कि 26 जनवरी से प्रदेश के विद्यालयों में प्रार्थना सभा में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का भी वाचन करवाया जाएगा. शिक्षा राज्य मंत्री ने शुक्रवार को राजस्थान एजुकेशन इनिसिएटिव की ओर से एक होटल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सहयोग करने वाली स्वेच्छिक संस्थाओं की बैठक में यह घोषणा की. मंत्री की घोषणा के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिए हैं.

शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना को विद्यालयों में प्रार्थना सभा के समय प्रतिदिन वाचन करने को लागू करने का उद्देश्य यही है कि देश की नई पीढ़ी, हमारे विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, सभी धर्मों के आदर की संविधान की भावना सदा कायम रहे. उन्होंने कहा कि राष्ट्र में जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उसमें हमारे संविधान निर्माण की प्रस्तावना और भावों के प्रसार से ही हम देश में परस्पर सद्भाव, एकता, अखण्डता को कायम रख सकते हैं. डोटासरा ने बताया कि राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में नवाचार अपनाते हुए विकास की महत्ती पहल की गई गई है. हम चाहते हैं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा में दूसरे स्थान पर रहने वाला हमारा प्रदेश सभी के सहयोग से एक नंबर पर आए. डोटासरा ने इसके लिए स्वेच्छिक संस्थाओं द्वारा विद्यार्थी हित में प्रतिबद्ध होकर सहयोग की बात भी कही.

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माध्यमिक शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने बताया कि स्कूलों में सह-शैक्षिक गतिविधियों के लिए प्रार्थना सभा का कार्यक्रम भी शामिल है, जिसके लिए 25 मिनट का समय निर्धारित है. ऐसे में विद्यार्थियों को भारत के संविधान की उद्देशिका में निहित मूल्यों से परिचित करने एवं भारतीय संविधान के संबंध में जागरूकता को प्रोत्साहन देने के लिए गणतंत्र दिवस से यह नवाचार किया जा रहा है. जिसके तहत राज्य के सभी प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के सरकारी स्कूलों में रोजाना प्रार्थना सभा में भारतीय संविधान की उद्देशिका के मूल पाठ का वाचन कराया जाएगा.

गौरतलब है कि इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने यह पहल प्रदेश के उच्च शिक्षा केंद्रों में शुरू की थी. इसके तहत यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रमों में संविधान की प्रस्तावन का वाचन अनिवार्य किया गया था. बता दें, किसी भी विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह में जहां राज्यपाल पहुंचते हैं, वे खुद ही विद्यार्थियों और समारोह में शामिल अतिथियों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराते है.

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