Politalks.News/UttarPradeshPolitics. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को लेकर भाजपा आलाकमान आज पूरे एक महीने बाद खुश नजर आया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ‘फरमान‘ को योगी आदित्यनाथ ने मान लिया है. इसके साथ योगी अब ‘हाईकमान की सियासत‘ पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हो गए हैं. जिसके बाद दिल्ली से लखनऊ तक भाजपा में ‘खुशहाली‘ छाई हुई है. पीएम मोदी और योगी के बीच ‘खटास‘ भी खत्म होती नजर आ रही है. दो दिन के दिल्ली दौरे के दौरान सीएम योगी की दिग्गजों के साथ हुई इन मुलाकातों को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है. अब जाकर योगी मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर लगभग पूरी ‘रूपरेखा’ तैयार हो चुकी है.
अपने दो दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 80 मिनट तक बैठक चली. पीएम के साथ उनकी यह बैठक प्रधानमंत्री के 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर हुई. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में यूपी के ‘मिशन 2022‘ पर चर्चा हुई. इसके साथ ही कैबिनेट विस्तार पर भी फाइनल ‘मुहर‘ लग गई है. दावा किया जा रहा है कि दो दिन पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले जितिन प्रसाद को मंत्री बनाया जा सकता है. जिसके लिए जितिन को जुलाई में एमएलसी बनाया जा सकता है. इसके अलावा पीएम मोदी के करीबी और रिटायर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एके शर्मा को भी बड़ी जिम्मेदारी देने पर बात बन गई है.
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पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट एवं मार्गदर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ, अपनी व्यस्ततम दिनचर्या से भेंट के लिए समय प्रदान करने व आत्मीय मार्गदर्शन करने हेतु प्रधानमंत्री जी का हृदयतल से आभार.’ पीएम मोदी से मुलाकात के बाद योगी ने दिल्ली स्थित भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर उनसे मुलाकात की. नड्डा से मुलाकात के बाद सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा की, ‘आज आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट कर विभिन्न विषयों पर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया, अपनी व्यस्त दिनचर्या से मुझे समय प्रदान करने के लिए आदरणीय अध्यक्ष जी का कोटिश: आभार.
गौरतलब है कि सीएम योगी ने गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. मीटिंग में शाह ने योगी को ‘सबका साथ, सबका विश्वास‘ के मंत्र की ‘घुट्टी‘ पिलाई. शाह ने योगी से कहा कि वो सबको साथ और विश्वास में लेकर चलें. अमित शाह से मुलाकात के बाद योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया कि ‘केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में शिष्टाचार भेंट कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया, भेंट हेतु अपना बहुमूल्य समय प्रदान करने के लिए गृह मंत्री का हार्दिक आभार‘.
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बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब एक महीने से योगी सरकार के खिलाफ पार्टी के भीतर से ही विरोध के सुर उभरे हैं. ऐसे में सीएम योगी का दिल्ली आना और पीएम मोदी से मुलाकात करना काफी अहम रहा . यहां हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रभारी राधा मोहन सिंह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष के लखनऊ में मीटिंग के बाद तरह-तरह की खबरें सामने आने लगीं थी. मीटिंग में योगी आदित्यनाथ के नदारद रहने से शंकाओं को बल मिला और दावे किए जाने लगे कि योगी की मोदी-शाह की टीम से नहीं ‘पट‘ रही है. पांच जून को जब योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर मोदी, शाह और नड्डा में से किसी ने ट्वीट करके बधाई नहीं दी तो तभी से मनमुटाव की अटकलें और बढ़ गई थीं.
विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में ‘जातीय समीकरण’ साधने की कवायद शुरू
अगले वर्ष होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सभी ‘जातियों‘ को साधने की कोशिश में लगी हुई है. अब योगी मंत्रिमंडल फेरबदल ब्राह्मण और ओबीसी पर केंद्रित रहेगा. हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और विधान परिषद के सदस्य एके शर्मा भी दिल्ली में हैं. उन्होंने पार्टी के कुछ केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की है. शर्मा को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी समझा जाता है. वहीं जितिन प्रसाद राज्य के ब्राह्मण परिवार से हैं तो शर्मा भूमिहार बिरादरी से संबंध रखते हैं. इसी को लेकर गुरुवार को एनडीए की सहयोगी अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल की भी गृहमंत्री अमित शाह से से मुलाकात हुई. ‘ऐसी अटकलें हैं कि अपना दल से अनुप्रिया पटेल को केंद्र में या उनके पति आशीष पटेल को राज्य मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है‘. योगी मंत्रिमंडल में पिछड़े और अनुसूचित जाति के नेताओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सकता है.
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वहीं दूसरी ओर एनडीए के पूर्व सहयोगी ओम प्रकाश राजभर ने कैबिनेट विस्तार की चर्चा के बीच बीजेपी पर निशाना साधा. राजभर ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी डूबती हुई नैया है, जिसको इनके रथ पर सवार होना है हो जाए पर हम सवार नहीं होंगे‘. राजभर ने कहा कि जब चुनाव नजदीक आता है तब इनको पिछड़ों की याद आती है जब मुख्यमंत्री बनाना होता है तो बाहर से लाकर बना देते हैं. हम जिन मुद्दों को लेकर समझौता किए थे, साढ़े चार साल बीत गया एक भी काम पूरा नहीं हुआ. राजभर ने आगे लिखा कि ‘यूपी में शिक्षक भर्ती में पिछड़ों का हक लूटा, पिछड़ों को हिस्सेदारी न देने वाली बीजेपी किस मुंह से पिछड़ों के बीच में वोट मांगने आएगी?
राजभर ने आगे कहा कि इनको सिर्फ वोट के लिए ‘पिछड़ा वर्ग’ याद आते हैं. हमने भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है जो यूपी में भाजपा को हराना चाहते हैं, हम उनसे गठबंधन करने को तैयार हैं. ऐसी चर्चा थी कि बीजेपी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओपी राजभर की वापसी की कवायद में जुटी थी. पिछड़े वर्ग को साधने के लिए ओपी राजभर से दोबारा गठबंधन के लिए संपर्क किया जा रहा था लेकिन राजभर के ट्वीट से साफ है कि उन्होंने फिलहाल भाजपा में आने का न्योता ठुकरा दिया है.