सरकार बचाने के लिए करीब 5 घण्टे तक राजभवन में चला सरकार का धरना

बीजेपी नेताओं ने की धरने की निंदा, सीएम गहलोत पर लगाया राज्यपाल को धमकाने जैसी भाषा का आरोप, गहलोत बोले नए नए नेता पैदा हो गए बीजेपी में, पहले हमसे मिलकर करें ज्ञान प्राप्त

5 घण्टे तक राजभवन में चला सरकार का धरना
5 घण्टे तक राजभवन में चला सरकार का धरना

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में चल रही सत्ता की लडाई आज राजभवन तक पहुंच गई है. गहलोत कैबीनेट द्वारा विधानसभा सत्र आहूत किए जाने की मांग को राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा नहीं माने जाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आक्रोषित नजर आए और राज्यपाल पर ऊपर (बीजेपी) के दबाव में काम करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही सीएम गहलोत अपने सभी समर्थित विधायकों के साथ दोपहर 2:30 बजे के करीब राजभवन पहुंच धरने पर बैठ गए. इस दौरान कांग्रेस व समर्थित विधायकों ने राज्यपाल मिश्र व सीएम गहलोत के सामने जमकर नारेबाजी भी की. इस पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां सहित बीजेपी नेताओं ने धरने की निंदा की और सीएम गहलोत की भाषा को राज्यपाल को धमकाने जैसी भाषा बताया. सीएम अशोक गहलोत ने पूनियां को जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी के ये नए नए नेता पैदा हुए हैं, इनको अभी जानकारी नहीं है. इसलिए इस तरह के बयान दे रहे है. इन्हे हम जैसे सीनियर लोगों से बातचीत कर ज्ञान प्राप्त करना चाहिए.

राजभवन में करीब 5 घंटे चला कांग्रेस विधायकों का धरना राज्यपाल कलराज मिश्र की सीएम गहलोत व कांग्रेस नेताओं से बातचीत और सकारात्मक आश्वासन के बाद खत्म हुआ. कांग्रेस विधायकों का धरना खत्म होने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत अपना बहुमत साबित करना चाहते हैं. गहलोत सरकार का बहुमत यहां राज्यपाल के दर पर खड़ा है. राजस्थान की जनता की भलाई के लिए हम विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते है. इसीलिए आज राज्यपाल के समक्ष उपस्थित हुए है.

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सुरजेवाला ने आगे कहा कि राज्यपाल मिश्र का लंबा राजनीतिक अनुभव है. राज्यपाल ने खुले मन से कहा है कि वह संविधान की अनुपालना बगैर किसी दबाव के करेंगे. राज्यपाल ने कुछ टिप्पणियां लिखकर सीएम गहलोत को दी है. जिस पर उनका ओबजेक्शन था. राज्यपाल आर्टिकल 174 की पालना के लिए कटिबद्ध है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आज रात मंत्रिमंडल की बैठक होगी. आज ही मंत्रिमंडल द्वारा राज्यपाल द्वारा दी गई टिप्पणियों पर समाधान निकाला जाएगा. इसके बाद आज रात को ही राज्यपाल महोदय को फिर विधानसभा सत्र आहूत करने का प्रस्ताव दिया जाएगा.

इससे पहले शुक्रवार शाम पत्रकारों से रूबरू होते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि कैबिनेट का विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला हुआ है. सत्र बुलाने की पहल हमने खुद ने की है उसका विपक्ष को भी स्वागत करना चाहिए था. यह परंपरा लोकतंत्र की रही है, यहां उल्टी गंगा बह रही है. हम कह रहे हैं कि हम सेशन बुलाएंगे, अपना बहुमत सिद्ध करेंगे, कोरोना पर बहस करेंगे, लॉकडाउन में जो आर्थिक रूप से तकलीफ हुई है उस पर बहस करेंगे. पूरे सदन को हम हम लोग विश्वास में लेंगे.

सीएम गहलोत ने कहा कि हमारे संवैधानिक मुखिया राज्यपाल महोदय हैं. हमने राज्यपाल से रिक्वेस्ट की है. मुझे कहते हुए संकोच नहीं है कि बिना ऊपर के दबाव के वो इस फैसले को रोक नहीं सकते थे, क्योंकि कैबिनेट के फैसले में बाउंड होते हैं. कुछ क्वेरी भी होती है तो आपस में बातचीत करके सेक्रेटरी टू गवर्नर- सेक्रेटरी टू सीएम से बात करके क्वेरीज का हम लोग समाधान कर सकते थे. क्या कारण रहे कि कल उसपर फैसला नहीं सुनाया? आज हमने फिर निवेदन किया है कि आप जल्द से जल्द इस फैसले को सुनाएं, जिससे कि पूरे प्रदेश की जनता इंतज़ार कर रही है कब फैसला आए कब हमें शांति मिले.

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सीएम गहलोत ने कहा कि हमने सभी विधायकों से कहा कि हमें महात्मा गांधी जी के बताए हुए रास्ते पर चलना है. उसी रूप में हम लोग राजभवन में धरने पर बैठे हुए हैं. राज्यपाल कलराज मिश्र जिनका अपना एक व्यक्तित्व रहा है. पक्ष और विपक्ष उनका सम्मान करता आया है वो दबाव में नहीं आएंगे. मैं यकीन करता हूं कि वो हमें जल्द ही फैसला सुनाएंगे. हम चाहते है कि जल्द से जल्द विधानसभा सत्र शुरू हो और सभी समस्याओं के बारे में हम सदन में चर्चा करें.

सीएम गहलोत ने कहा कि हमेशा विपक्ष मांग करता है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और यहां उल्टा हो रहा है. सत्ता पक्ष कह रहा है विधानसभा सत्र बुलाएं ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए. समझ के परे है कि इतना बडा क्या षड्यंत्र है कि सत्ता पक्ष कह रहा है कि हम विधानसभा के फ्लोर पर जाना चाहते हैं और विपक्ष कह रहा है कि हम मांग ही नहीं कर रहे हैं. इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि सत्ता पक्ष ने कैबिनेट का प्रस्ताव पास किया. इस पर मैंने राज्यपाल महोदय से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की, उसके बाद भी सत्र नहीं बुलाना समझ के परे है.

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सतीश पूनियां द्वारा सीएम गहलोत पर दिए गए बयान सीएम गहलोत की भाषा राज्यपाल को धमकाने वाली है इस पर बिना नाम लिए सीएम गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि भैरोंसिंह शेखावत ने 1993 में कहा था कि अगर बहुमत हमारे पास में है और मुझे नहीं बुलाया गया तो राजभवन का घेराव होगा. ये राजनीतिक भाषा होती है, जनता को समझाने के लिए, मैसेज देने के लिए. जनता भी समझती है. वही भैरोंसिंह शेखावत जी इसी राजभवन के अंदर जैसे आज हम लोग बैठे हैं, उसी रूप में धरने पर बैठे थे. ये बीजेपी के जो नए-नए नेता पैदा हुए हैं उनको अभी सब जानकारी नहीं है, इसलिए कई बार ऐसे कमेंट कर देते हैं. उनको चाहिए कि हम जैसे सीनियर लोगों से बातचीत करें, कुछ ज्ञान प्राप्त करें.

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