राणे से बदला लेने की फिराक में बैठे ठाकरे ने भी योगी के लिए सरेआम कही थी ‘चप्पल’ से मारने की बात

भाजपा-शिवसेना में फिर बढ़ा टकराव, उद्धव ठाकरे को लेकर दिए विवादित बयान के बाद गिरफ्तार किए गए नारायण राणे, रत्नागिरी कोर्ट ने की जमानत याचिका खारिज, कल हाइकोर्ट में होगी सुनवाई, बयान से नाराज शिवसैनिकों का महाराष्ट्र में तांडव, गिरफ्तारी पर बीजेपी दिग्गजों के बयानों में अलग-अलग सुर, शिवसेना से राजनीति की शुरुआत करने वाले राणे कभी बाल ठाकरे के होते थे करीबी

नारायण राणे से बदला लेने की फिराक में बैठे उद्धव ठाकरे ने योगी के लिए सरेआम कही थी यह बात
नारायण राणे से बदला लेने की फिराक में बैठे उद्धव ठाकरे ने योगी के लिए सरेआम कही थी यह बात

Politalks.News/MaharashtraPolitics. मोदी सरकार के आदेश पर देशभर में मोदी मंत्रिमंडल के नवनियुक्त मंत्रियों द्वारा निकाली जा रही ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ महाराष्ट्र में विवादों में आ गई है. जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के आरोप में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि केंद्रीय मंत्री राणे ने रत्नागिरी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसने अदालत ने खारिज कर दिया. नारायण राणे की गिरफ्तारी पर अब बीजेपी के दिग्गजों के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं, तो वहीं आपको बता दें, नारायण राणे को जिस बात के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया है, ठीक वैसी ही बात शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए खुलेआम एक रैली में कही थी, जिसमें उद्धव ठाकरे ने सीएम योगी को चप्पल से मारे की बात कही थी.

दरअसल, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के गठन से पहले ही बीजेपी और शिवसेना के रिश्ते में खटास आ चुकी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री बने उद्धव ठाकरे ने मई, 2018 को महाराष्ट्र के पालघर में चुनाव प्रचार के दौरान एक विवादित बयान देते हुए कहा था कि शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते वक्त योगी आदित्यनाथ ने खड़ाऊं पहन रखे थे, उन्होंने ऐसा करके शिवाजी का अपमान किया. ठाकरे ने आगे कहा कि, ‘यह योगी तो गैस के गुब्बारे की तरह है, जो सिर्फ हवा में उड़ता रहता है. आया और सीधे चप्पल पहनकर महाराज के पास गया. ऐसा लग रहा है उसी चप्पल से उसे मारूं.’ आपको बता दें, उद्धव ठाकरे के इस बयान पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि, ‘मेरे अंदर उनसे कहीं ज्यादा शिष्टाचार है और मैं जानता हूं कि कैसे श्रद्धांजलि दी जाती है. मुझे उनसे कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं है.’

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आइए आपको बताते हैं कि मोदी के मंत्री नारायण राणे ने ऐसा क्या कह दिया जिससे महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है. दरअसल, महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे भाजपा की ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ पर हैं. एक दिन पहले सोमवार को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले मेंं केंद्रीय मंत्री राणे की एक कार्यक्रम के दौरान ‘जुबान‘ फिसल गई. पत्रकारों ने जब उनसे सवाल पूछा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए भाषण में उद्धव ठाकरे अमृत महोत्सव या हीरक महोत्सव को लेकर भ्रम में दिखे. इस पर राणे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘देश को आजादी मिले हुए कितने साल हो चुके हैं, अरे हीरक महोत्सव क्या, मैं होता तो (तमाचा) कान के नीचे लगाता‘. यही नहीं नारायण राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को संबोधित करते समय ठाकरे यह भूल गए थे कि आजादी को कितने साल पूरे हो गए हैं. राणे ने कहा कि भाषण के बीच में उद्धव ठाकरे अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुए हैं.

बस फिर क्या था, नारायण राणे के इस बयान पर सत्ताधारी पार्टी भड़क गई और आपत्ति जताते हुए शिवसेना ने प्रदेश में बीजेपी कार्यालयों सहित कई जगह जमकर तोड़फोड़ की. नासिक स्थित बीजेपी के दफ्तर पर नारे लगाते हुए पत्थर फेंके गए, तो वहीं नारायण राणे के आवास के पास शिवसेना, बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प हो गई. वहीं चिपलून स्थित राणे के आवास के बाहर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई. इस दौरान दोनों ओर खूब पथराव हुए, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा. वहीं, सांगली में शिवसैनिकों ने राणे से जुड़े पोस्टर पर कालिख फेंकी, जबकि दादर में उन्हें मुर्गी चोर बताने से जुड़ा एक बैनर भी लगवाया. बता दें कि करीब पांच दशक पहले चेंबूर में राणे ‘पॉल्ट्री’ की दुकान चलाते थे.

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इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री राणे के खिलाफ महाराष्ट्र में कई शहरों में एफआईआर दर्ज भी की गई. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने नारायण राणे को मंगलवार दोपहर महाराष्ट्र के रत्‍नागिरी के चिपलून में गिरफ्तार कर लिया गया है. अब राणे को रत्नागिरी कोर्ट में पेश किया जाएगा. आपको याद दिला दें कि पिछले दिनों मुंबई में बाला साहब ठाकरे की समाधि पर केंद्रीय मंत्री राणे के श्रद्धांजलि देने पर शिवसेना के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई थी, जहां नारायण राणे ने बाल ठाकरे की समाधि पर पुष्प चढ़ाए थे, उस जगह को गंगाजल से साफ भी किया गया था. सही मायने में शिवसेना नारायण राणे से बदला लेने के लिए कई सालों से फिराक में थी, अब जाकर उसे मौका मिला है.

इधर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ की गई टिप्पणी पर उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की मांग की याचिका कल बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की जाएगी. राणे के वकील का कहना है कि अदालत के आधिकारिक घंटे खत्म होने के कारण आज याचिका दायर नहीं की जा सकी. राणे की याचिका पर तत्काल सुनवाई की याचिका दायर की गई है. इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार दिया. जिसके बाद नासिक पुलिस के विशेष दस्ते ने रत्नागिरी जाकर उन्हें हिरासत में ले लिया. इससे पहले शिवसेना नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राणे के खिलाफ नासिक, पुणे, ठाणे और महाड़ में चार एफआईआर दर्ज कराई थीं.

नारायण राणे की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेताओं के अलग-अलग सुर
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री के संवैधानिक मूल्यों का हनन है. नड्डा ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से न तो हम डरेंगे न दबेंगे. भाजपा अध्यक्ष ने जेपी नड्डा कहा कि राज्य में जन आशीर्वाद यात्रा को मिल रहे अपार समर्थन से लोग परेशान हैं, हम लोकतांत्रिक तरीके से लड़ते रहेंगे यात्रा जारी रहेगी. वहीं बीजेपी प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्‍या बताया.

दूसरी ओर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने वाले नारायण राणे के आपत्तिजनक बयान से बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने खुद को किनारे करते हुए कहा कि हम उद्धव ठाकरे के खिलाफ नारायण राणे के बयान का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन, मैं व्यक्तिगत तौर पर और पार्टी उनके साथ खड़ी है. फडणवीस ने कहा कि शर्जील उस्मानी ने भारत माता को गाली दी थी लेकिन उस पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई लेकिन राज्य सरकार ने नारायण राणे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली. महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि नारायण राणे के खिलाफ गिरफ्तारी से पता चलता है कि महाराष्ट्र सरकार डरी हुई है. पाटिल ने कहा कि मैं नारायण राणे के बयान का समर्थन नहीं करता. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि शिवसेना के नेताओं के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लेकर कई बार आपत्तिजनक विवादित बयान दिए गए लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई. वहीं शिवसेना सांसद विनायक राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर राणे को केंद्रीय मंत्री पद से हटाने की मांग की.

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शिवसेना से राजनीति की शुरुआत करने वाले नारायण राणे बाल ठाकरे के बेहद करीबी थे
महाराष्ट्र में नारायण राणे का कोंकण क्षेत्र में अच्छा प्रभाव माना जाता है. ‌10 अप्रैल 1952 को जन्मे राणे का बचपन बहुत ही गरीबी में बीता था. घर परिवार का गुजर-बसर चलाने के लिए उन्होंने पहले चिकन की दुकान भी खोली थी. ‌लेकिन वे आक्रामक स्वभाव की वजह से युवावस्था में ही ‘नेतागिरी‘ में कूद पड़े. साल 1968 में 16 साल में ही वे शिवसेना में शामिल हो गए. ‌ कुछ समय बाद ही वे शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे के करीबी भी हो गए. ‌इसके चलते उन्‍होंने राणे को चेंबूर में शिवसेना का शाखा प्रमुख बना दिया.

अपने तेजतर्रार बयानों की वजह से जल्द ही शिवसेना के अंदर उनकी लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ती चली गई. ‌राणे के भाषण में बोलने का अंदाज बाल ठाकरे को खूब पसंद आता था. नारायण राणे भी बाला साहब के स्टाइल में बात करने लगे. साल 1999 में बाल ठाकरे ने उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया, हालांकि वे इस पद पर 9 महीने ही रह सके. कुछ साल बाद जब बाल ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया तब नारायण राणे इसके विरोध में खड़े हो गए, जिसके बाद उन्हें शिवसेना से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

वर्ष 2005 में नारायण राणे ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. कुछ साल बाद 2008 में उन्हें अपने आपत्तिजनक बयानों की वजह से ही कांग्रेस से भी उन्हें बाहर निकाल दिया गया. बाद में नारायण राणे ने अपनी ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी‘ बनाई. इसके बाद अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर वो खुद बीजेपी में शामिल हो गए. बता दें कि उनके पुत्र निलेश राणे मौजूदा समय में महाराष्ट्र से भाजपा के विधायक हैं.

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