बची बघेल की कुर्सी! राहुल की ‘जय-वीरू’ में सुलह की कोशिश, लेकिन टकराव पर सस्पेंस बरकरार

छत्तीसगढ़ में 'कुर्सी की जंग', सीएम भूपेश बघेल और मंत्री सिंहदेव की राहुल गांधी के साथ बैठक, टकराव खत्म होगा या नहीं, सस्पेंस बरकरार, सूत्र आलाकमान ने दी कलह खत्म करने की सलाह, बघेल की कुर्सी सुरक्षित होने के मिल रहे संकेत, लेकिन किसके हिस्से में आया विष..? और कौन करेगा विष का हलाहल..? ये बताएगा समय!

राहुल की 'जय-वीरू' में सुलह कराने की कोशिश
राहुल की 'जय-वीरू' में सुलह कराने की कोशिश

Politalks.News/Chhattisgarh. कांग्रेस की राज्य इकाइयों में कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई में लंबे समय से चल रही गुटबाजी को खत्म करने के प्रयास के तहत पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के साथ बैठक की. सूत्रों का कहना है कि, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिं हदेव मंगलवार को सुबह राहुल गांधी के आवास 12 तुगलक लेन पहुंचे. इस बैठक के दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के छत्तीसगढ़ मामलों के प्रभारी पीएल पूनिया भी मौजूद थे. सूत्रों ने बताया कि, ‘कांग्रेस आलाकमान छत्तीसगढ़ में पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को जल्द खत्म करना चाहता है और यह बैठक इसी प्रयास के तहत हुई है’. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे.

बैठक से बाहर निकले टीएस सिंह देव ने कहा कि, बैठक में छत्तीसगढ़ की विकास योजनाओं और संगठन को कैसे मजबूत किया जाए इस बारे में चर्चा हुई,’  देव ने कहा कि, ‘बैठक में मुख्यमंत्री बदलने के लेकर कोई चर्चा नहीं हुई’.

बघेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कांग्रेस ने नहीं दिया कोई संकेत
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने बघेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कोई संकेत नहीं दिया है. एक समय था जब भूपेश बघेल और टी एस सिंह देव को राहुल गांधी की जय और वीरू की जोड़ी कहा जाता था लेकिन सरकार के 3 साल पूरे होते-होते दोनों के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है. आलम यह है कि भूपेश बघेल और टी एस सिंह देव के बीच ठन गई है.

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उधर, टीएस सिंह देव के खेमे का कहना है कि लगातार उनको टारगेट किया जा रहा है. शिकायतें ये भी है कि कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो के विपरीत स्वास्थ्य क्षेत्र में निजीकरण किया जा रहा है और ऐसा स्वास्थ्य मंत्री की जानकारी के बगैर किया जा रहा है. हाल ही में छत्तीसगढ़ विधानसभा से टी एस सिंह देव के वॉकआउट की तस्वीरें वायरल हुई थी.

रमन सिंह का तंज- ‘धुआं यदि चारों तरफ उठ रहा है तो कहीं ना कहीं भीतर आग ही आग लगी होगी’
दिल्ली में राहुल गांधी की भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की बैठक पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने तंज कसा है. रमन ने कहा कि, ‘धुआं यदि चारों तरफ उठ रहा है तो कहीं ना कहीं भीतर आग ही आग लगी होगी. ये बैठक कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला है. अच्छी बात है दोनों नेता एक साथ बैठकर बात करें. इस पर फैसला सोनिया-राहुल को लेना है. बीजेपी का इससे क्या लेना देना है’. दिल्ली में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की बैठक पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने टिप्पणी की है. रमन सिंह ने कहा कि, ‘दिल्ली से जिसको उम्मीद है वो लोग वहां टिके हुए हैं. हम तो दर्शक दीर्घा में बैठे हुए लोग हैं, प्रदेश की राजनीति क्या करवट लेती है ये देखना होगा’. सिंह ने तंज सकते हुए कहा कि, ‘ढाई-ढाई साल का मुद्दा बार बार आता है. कुछ ऐसी बातें बीच में आती है. केंद्रीय नेतृत्व ने वादा किया था या नहीं, इसमें जो भी है केंद्रीय नेतृत्व को ही
इसका फैसला करना है’.

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पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि, ‘वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं’. बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है. बताया जा रहा है कि भूपेश बघेल ने अपनी पकड़ पार्टी में और सीएम की कुर्सी पर काफी मजबूत कर ली है. बघेल ने राहुल गांधी के चुनाव के दौरान किए गए वादों को पद संभालते ही लागू करने का ऐलान कर दिया था.

अब इस बैठक के बाद किसके हिस्से में आएगा विष..? और कौन करेगा विष का हलाहल..? ये तो समय ही बताएगा. लेकिन ये भी तय है राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जारी कलह का नुकसान कांग्रेस को आने वाले चुनावों में उठाना पड़ सकता है.

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