Politalks.News/FarmersProtest. किसान और सरकार के बीच वार्ता के दौरान लग रहा था कि बातचीत में कोई सकारात्मक निर्णय निकलेगा लेकिन करीब साढ़े तीन घंटे चली बैठक बेनतीजा रही. दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बैठक में करीब 35 किसान संगठन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ वाणिज्य-उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश भी मौजूद रहे. चौथे चरण की वार्ता गुरुवार को दोपहर 12 बजे प्रस्तावित की गई है. बैठक में सरकार ने एक ओर कमेटी बनाकर चर्चा का प्रस्ताव रखा तो किसानों ने दो टूक जवाब जवाब देते हुए कहा कि आम हमारा भला मत कीजिए. किसानों ने आंदोलन को फैलाने की बात भी कही है.
आज किसान आंदोलन का छठा दिन है. सरकार के बुलाने पर किसानों का 35 सदस्यीय दल सरकार से बात करने पहुंचा लेकिन बात बनी नहीं. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को आश्वासन देने की कोशिश की और आंदोलन खत्म करने की बात कही. विज्ञान भवन में किसानों के साथ बैठक में कृषि कानून और एमएसपी पर सरकार की तरफ से प्रेजेंटेशन देकर ये समझाने की कोशिश की गई कि कानून किसानों के हित में है.
सरकार ने ये भी प्रस्ताव दिया है कि समिति रोजाना बैठकर चर्चा करने को तैयार है, ताकि जल्द नतीजा निकल सके. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों से बैठक में कहा कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दीजिए, एक समिति बना देते हैं जिसमे सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे. लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कानून वापिस लेने की बात पर अड़ गए.
एक किसान प्रतिनिधि ने नए कानूनों को किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’ भी कह दिया. किसान संगठन के प्रतिनिधि ने सरकार से कहा कि आप लोग ऐसा कानून लाए हैं जिससे हमारी जमीने बड़े कॉरपोरेट ले लेंगे, आप कॉरपोरेट को इसमे मत लीजिए. अब समिति बनाने का समय नहीं है. आप कहते हैं कि आप किसानों का भला करना चाहते हैं, हम कह रहे हैं कि आप हमारा भला मत कीजिए. किसानों ने कहा कि किसान कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर हैं और सरकार को इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए.
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बैठक की समाप्ति के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बातचीत को सकारात्म बताते हुए कहा कि आगामी 3 दिसम्बर को चौथे चरण की बातचीत की जाएगी. तोमर ने कहा कि परसों तक ये लोग भी अपने मुद्दे लेकर आएंगे और सभी बिन्दुओं पर चर्चा की जाएगी. हम चाहते थे कि छोटा ग्रुप बने, लेकिन सभी किसान यूनियनों का कहना था कि सभी मिलकर बात करेंगे. सरकार को सभी से बात करने में भी परेशानी नहीं है.
वहीं किसानों ने आंदोलन को फैलाने की बात कही. किसानों ने ये भी कहा कि चौथे दौर की बातचीत से पहले कृषि कानून के सभी बिंदूओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और किसान संगठन से भी वार्ता की जाएगी. इस मौके पर ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने कहा कि सरकार अपने स्टैंड से थोड़ा पीछे हटी है. 3 दिसंबर को अगली बैठक है, उसमें हम सरकार को यकीन दिला देंगे कि इन क़ानूनों में कुछ भी किसानों के पक्ष में नहीं है. हम इन क़ानूनों को रद्द करा के जाएंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात के बाद किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य चंदा सिंह ने आंदोलन जारी रखने की बात कही. चंदा सिंह ने कहा कि सरकार अगर शांति चाहती है तो लोगों का मुद्दा हल करे. हम मुलाकात के लिए परसों फिर आएंगे.