Politalks. News/UP-MP. दुनिया का दस्तूर रहा है एक हाथ से ले दूसरे हाथ से दे और भारतीय जनता पार्टी एक ऐसा दल है जो अपने वफादारों का एहसान चुकाना नहीं भूलती. बात को आगे बढ़ाएं उससे पहले कुछ वफादारी के बारे में भी जान लिया जाए. यहां हम आपको बता दें की जब केंद्र की मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक पर देश में कानून बनाने का फैसला किया था तब उत्तर प्रदेश बहराइच के पूर्व सांसद और पी वी नरसिम्हा राव सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे आरिफ मोहम्मद खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की थी. आरिफ मोहम्मद की यह बात पीएम मोदी को इतनी पसंद आ गई कि उन्हें कुछ समय बाद ही केरल के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति दे दी गई.
आरिफ मोहम्मद के राज्यपाल पद पर नियुक्ति पर विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. कहा तो यह भी जाता है कि देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहे रंजन गोगोई ने भी कई फैसले केंद्र सरकार के मन के मुताबिक सुनाए, इसमें अयोध्या का राम मंदिर, राफेल विमान की खरीद, यही नहीं और राहुल गांधी का पीएम मोदी के लिए बयान ‘चौकीदार चोर’ के मामले में राहुल गांधी को फटकार और मोदी सरकार को क्लीन चिट देने के बाद भाजपा सरकार इतनी खुश हुई थी कि रंजन गोगोई के मुख्य न्यायाधीश पद से रिटायर होते ही उन्हें पिछले दरवाजे (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत) से राज्यसभा भेज दिया गया.
अब आते हैं हम हमारी असल खबर पर, तो उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. यह सीट हाल ही में अमरसिंह के निधन के चलते खाली हुई है. जिसके लिए सितंबर महीने की 11 तारीख को उप-चुनाव होना है. भाजपा ने इस सीट के लिए सैयद जफर इस्लाम को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. यहां यह भी बता दें कि जफर इस्लाम का निर्विरोध जीतकर राज्यसभा जाना भी तय है.
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कौन है यह सैयद जफर इस्लाम
अब आपको बताते हैं इस युवा शख्स सैयद जफर इस्लाम के बारे में जो पिछले कुछ वर्षों से पर्दे के पीछे भाजपा के प्रति पूरी तरह वफादार और महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इसी साल मार्च में सैयद जफर इस्लाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में लाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी. यहां आपको बता दें कि सिंधिया और जफर इस्लाम दोनों की दोस्ती काफी पुरानी है. जफर इस्लाम ने ही सिंधिया सहित 22 कांग्रेस विधायकों को भाजपा ज्वाइन करवाकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को अल्पमत में ला दिया था, जिसके बाद वहां भाजपा के शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बन गए.
जफर इस्लाम की वफादारी पर अब भाजपा ने भी एक कदम आगे बढ़कर जफर इस्लाम के प्रति ‘अमर प्रेम’ दिखाया है. गौरतलब है कि कद्दावर नेता अमर सिंह का इसी माह एक अगस्त को सिंगापुर में उपचार के दौरान एक अस्पताल में निधन हो गया था. अमर सिंह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद थे. अब भारतीय जनता पार्टी अमर सिंह के निधन के बाद खाली हुई इस सीट से सैयद जफर इस्लाम को यूपी से राज्यसभा सांसद भेज रही है.
आइए आपको बताते हैं जफर इस्लाम के बारे में- सैयद जफर इस्लाम भाजपा में शामिल होने से पहले जर्मन ड्यूश बैंक में एमडी पद पर तैनात थे. वह जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में रहते थे. जफर ने राजनीति में अपने करियर की शुरुआत के लिए भारतीय जनता पार्टी को चुना. मोदी सरकार ने उनको वर्तमान समय में एयर इंडिया के निदेशक मंडल में शामिल कर रखा है. यहां आपको बता दें, सैयद जफर ने सात साल पहले ही नरेंद्र मोदी के कहने पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. इन वर्षों में वह भाजपा में एक मुखर और उदारवादी मुस्लिम चेहरा बनकर उभरे हैं. सोशल मीडिया पर भी वह काफी सक्रिय रहते हैं. जफर को भारतीय जनता पार्टी ने अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता भी बना रखा है. आपने देखा होगा चैनलों की डिबेट में जफर बहुत उदारवादी तरीके से भाजपा का पक्ष रखते हुए दिख जाएंगे.
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मोदी सरकार की ‘गुडलिस्ट’ में शामिल हैं सैयद जफर इस्लाम-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सैयद जफर इस्लाम पर बहुत ही भरोसा जताते हैं. यही नहीं मोदी सरकार के अधिकांश फैसलों में भी जफर को शामिल किया जाता है. नरेंद्र मोदी के अलावा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की गुडलिस्ट में भी शामिल हैं. मोदी सरकार को एक ऐसे प्रतिनिधि की जरूरत थी जिसकी अंग्रेजी के साथ ही हिंदी पर भी बहुत अच्छी पकड़ हो, इसमें जफर इस्लाम एकदम खरे उतरे हैं. अभी पिछले दिनों राजस्थान में सचिन पायलट को भाजपा में लाने के लिए जफर ने बहुत प्रयास किए थे लेकिन बात नहीं बन पाई.
जफर इस्लाम और ज्योतिरादित्य सिंधिया इस प्रकार आए थे करीब- सिंधिया से जफर इस्लाम की मित्रता सियासी गलियारों में काफी चर्चित है. बात उन दिनों की है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया यूपीए सरकार में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री हुआ करते थे, उसी दौरान जफर इस्लाम बैंकर की जॉब में थे. दोनों की मुलाकात धीरे-धीरे दोस्ती में बदल गई. सिंधिया को भाजपा में शामिल कराने में भी जफर इस्लाम ने ही प्रमुख भूमिका निभाई थी. जफर को उसी के बदले भाजपा सैयद जफर इस्लाम को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेज रही है.
यूपी से क्यों भेजा जा रहा है राज्यसभा में
2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 404 सीटों वाली विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक, सीएए कानून लाया गया, जिसे भाजपा का मुस्लिम विरोधी रवैये के तौर पर प्रचारित किया गया. अब भाजपा जफर को राज्यसभा भेजकर अपनी मुस्लिम विरोधी छवि को सुधारेगी.
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दरअसल, सैयद जफर इस्लाम को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने एक ही तीर से कई निशाने साध दिए हैं. चूंकि यूपी में भाजपा के पास राज्यसभा सीट जीतने के लिए पर्याप्त बहुमत है इसलिए जफर इस्लाम को निर्विरोध चुना जाना तय है. इसके साथ ही यूपी में कुछ सीटों पर विधानसभा उप-चुनाव होने हैं. इनमें से कई सीटों पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या काफी अच्छी है. भाजपा जफर इस्लाम के चेहरे से उन्हें साधने की कोशिश करेगी. वहीं इसके डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के समय भी आज लगाया गया यह पौधा तब पेड़ बनकर पूरी छांव देगा. इसके साथ ही पूरे देश में उस पर लग रहे मुस्लिम विरोधी आरोपों और चर्चाओं पर भी विराम लगाएगी.