पॉलिटॉक्स न्यूज. केरल में एक गर्भवती हथिनी की दर्दनाक मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था, अब केंद्र ने हिमाचल में बंदरों को जान से मारने की सहमति जारी की है. केंद्र की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी की है. हथिनी की मौत को पशु क्रुरता मानते हुए सांसद मेनका गांधी सहित अन्य बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी पर निशाना साधा था. अब कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा है कि अब मेनका गांधी कहा हैं?
सुरजेवाला ने मेनका के साथ एक बीजेपी नेता पर निशाना साधा जिसने कहा था कि हाथी भगवान गणेश के प्रतीक होते हैं. कांग्रेसी नेता ने कहा कि भाजपा के मुताबिक शायद हनुमान जी के प्रतीक बंदरों को मारने का सरकारी लाइसेंस देना पशुओं के प्रति क्रूरता में नहीं आता.
अब श्रीमती मेनका गांधी कहाँ गुम हैं?
ओह!
भाजपा के मुताबिक़ शायद “हनुमान जी” के प्रतीक बंदरों को मारने का सरकारी लाइसेन्स देना “ऐनिमल क्रूअल्टी” में नही आता।और TV चैनल पर डिबेट पर भी रोक है?
या
राष्ट्रीय मीडिया को जबरन चुप करवा दिया है? pic.twitter.com/c7rftWyA7L— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 7, 2020
सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक स्क्रीन शॉट डालते हुए ट्वीट किया, अब श्रीमती मेनका गांधी कहां गुम हैं?
Will Min. Menaka Gandhi speak up?
Oh! We forgot.
This concern is only reserved for attacking the Congress.And
No TV Debates will happen either!And
HImachal BJP Govt won’t be held accountable by anyone!https://t.co/0NImdjx4AP— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 6, 2020
याद दिला दें, केरल में बीते दिनों एक गर्भवती हथिनी की दर्दनाक तरीके से मौत हो गई थी. इसके बाद देश भर में इसे लेकर लोगों में गुस्से का माहौल रहा. सांसद मेनका गांधी समेत बीजेपी के कई नेताओं ने केरल सरकार और राहुल गांधी पर जमकर हमला किया. वहीं, केंद्र सरकार ने गर्भवती हथिनी की मौत मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए राज्य से रिपोर्ट भी मांगी है.
इस घटना को अधिक दिन नहीं हुए है, अब केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की कई तहसीलों में बंदरों को मारने की मंजूरी दे दी है. इसे लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पशु शुभचिंतक बीजेपी सांसद मेनका गांधी की चुप्पी पर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए केंद्र सरकार के इस फैसले पर सवालिया निशाना लगाया है.
बता दें, हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत प्रदेश की 91 तहसीलों में रीसस मकाक प्रजाति के बंदरों को मारा जाएगा. अधिसूचना के मुताबिक, इन बंदरों को केवल निजी भूमि में नुकसान करने पर ही मारा जाएगा.