Politalks.News/Rajasthan. आगामी 7 सितंबर को प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ सचिन पायलट का 43 वां जन्मदिन है. इस मौके पर पायलट समर्थक कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में 43000 यूनिट रक्तदान करने का लक्ष्य रखा है. यह शायद पहला मौका होगा जब किसी जनप्रतिनिधि के जन्मदिन पर 43 हजार यूनिट ब्लड डोनेट किया जाएगा. वहीं कोरोना के बढ़ते कहर के बीच प्रदेश को कोरोना संक्रमित मरीजों को इससे बड़ी राहत भी मिलेगी. वहीं सचिन पायलट ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने समर्थकों से जयपुर न आकर बल्कि अपने अपने क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उनका जन्मदिन मनाने के लिए कहा है.
33 जिलों और 200 विधानसभा क्षेत्रों पर होगा कार्यक्रम
इससे पहले 7 सितंबर को पूरे प्रदेश से सचिन पायलट समर्थक जयपुर आना चाहते थे, लेकिन सचिन पायलट के साफ मना करने पर अब पायलट समर्थकों ने पूरे 33 जिलों और 200 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 300 जगहों पर पायलट का जन्मदिन मनाने का निर्णय किया है. इस दौरान रक्तदान शिविरों के अलावा मरीजों की सेवा करना, गरीबों को खाना खिलाने सहित कई सामाजिक सरोकार के काम किए जाएंगे.
सुबह 7 बजे से फेसबुक लाइव से जुड़ेंगे पायलट
7 सितंबर को सचिन पायलट सुबह 7 बजे से फेसबुक लाइव के जरिए पूरे प्रदेश के 33 जिलों पर मौजूद अपने समर्थकों से जुड़ेंगे और बधाई स्वीकार करेंगे. सचिन पायलट ने गुरुवार अपने निवास पर प्रदेशभर से आए समर्थकों से मुलाकात की. इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए पायलट ने कहा कि मेरे जन्मदिन 7 सितम्बर को बहुत लोग जयपुर आकर बधाई देना चाहते हैं, मैंने सभी लोगों को कहा है कि जयपुर नहीं आकर अपने क्षेत्र से ही मुझे बधाई दें, क्योंकि यहां भीड़ बहुत इकट्ठी होगी. हम देख रहे हैं कि नेताओं में भी संक्रमण फैल रहा है, इसलिए हम चिंतित हैं. मैंने इसीलिए सबसे अपील की है कि मैं सबकी भावनाओं को समझता हूं और सम्मान करता हूं. सभी अपने जिलों में रहकर मेरे जन्मदिन पर सामाजिक सरोकार के कार्यक्रम आयोजित करें.
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कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर जताई चिंता
इस दौरान सचिन पायलट ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर चिंता जताई. पायलट ने कहा है कि देश-प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के मरीज बढ़ना बहुत बड़ा चिंता का विषय है. हम सबको और अधिक सावधानी बरतनी होगी. हम सब जानते हैं कि पिछले कुछ दिनों में हम सबने कुछ लापरवाही दिखाई है, इसलिए सब लोगों को सतर्क रहना होगा. पायलट ने कहा चाहे हाथ धोने की बात हो या फिर सोशल डिस्टेंसिग की बात हो, सरकार कानून बना सकती है और निर्देश जारी कर सकती है, लेकिन इनको मानना जनता को ही पड़ेगा.
गिरती जीडीपी के लिए केन्द्र सरकार जिम्मेदार
इस मौके पर पूर्व डिप्टी सीएम व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है. पायलट ने कहा कि यह बेहद चिंता की बात है कि जीडीपी गिरने के बाद भी सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है. अभी तक सिर्फ घोषणाएं हो रही हैं. गिरती जीडीपी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. सचिन पायलट ने देश की गिरती जीडीपी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जीडीपी लगातार गिर रही है और चिंता की बात है कि सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार को सभी पार्टियों के साथ मीटिंग करनी चाहिए. सभी पार्टियों की राय लेनी चाहिए. अर्थशास्त्रियों से राय लेकर अगले 8 महीने में अर्थव्यवस्था को फिर से कैसे जिंदा किया जाए, इस बारे में केन्द्र सरकार को सोचना होगा.
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प्रश्नकाल स्थगित करना गलत बात, सवाल पूछना सांसद का अधिकार
वहीं मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल को स्थगित करने को सचिन पायलट में गलत बताया. पायलट ने आगे कहा कि ऐसा भी बताया जा रहा है कि सदन में प्रश्नकाल नहीं होगा. सवाल पूछना एक सांसद का सबसे बड़ा अधिकार होता है. ये ऐसे निर्णय हैं जिससे लोगों के मन मे सवाल उठेंगे. प्रश्नकाल जरूरी है जिससे लोग और सांसद जान सके कि केन्द्र सरकार क्या कर रही है. प्रश्नकाल को सस्पेंड करना गलत निर्णय है, इस पर सरकार को फिर से विचार करना चाहिए.