बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पीएम मोदी उनकी बातों को नहीं सुन रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह मैं राम मंदिर के मुद्दे पर बोलना कभी नहीं छोड़ सकते, इसलिए वह चीन जा रहे हैं.
दरअसल एक ट्वीट करते हुए उन्होंने इस बात का जिक्र किया है. ट्वीट के माध्यम से उन्होंने कहा, ‘चीन की चीन की प्रसिद्ध सिंघुआ यूनिवर्सिटी ने सितंबर में मुझे स्कॉलर्स की सभा में बोलने के लिए बुलाया है. विषय है- चीन का आर्थिक विकास-सात वर्षों की समीक्षा. चूंकि नमो मेरे विचारों को जानना नहीं चाहते, तो मैं चीन जा सकता हूं.’ स्वामी के इस रुख की सियासी गलियारे में खासी चर्चा है. माना जा रहा है कि स्वामी आजकल बीजेपी से नाराज चल रहे हैं.
China’s famous Tsinghua University has invited me to address in September a gathering of scholars to speak on “China’s Economic Development: A Review Of Last 70 years.” Since Namo is not interested in knowing my views I might as well go to China
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 30, 2019
अमूमन पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ सार्वजनिक बयानों से बचने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने पहली बार अपने ट्वीट में नमो का जिक्र किया है. स्वामी एक राजनीतिक ही नहीं, बल्कि सुब्रमण्यम स्वामी की आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर भी पहचान है. संबोधन के लिए देश-दुनिया के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान उन्हें बुलाते रहते हैं. वह पिछली सरकार में अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहते हुए देश की अर्थव्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं.
सुब्रमण्यम स्वामी के नाम 24 साल में ही हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल करने का तमगा है. वह 27 साल की उम्र में हार्वर्ड में पढ़ाने लगे थे. बाद में उन्हें 1968 में दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकॉनामिक्स में पढ़ाने का आमंत्रण मिला. तब स्वामी दिल्ली आए और 1969 में आईआईटी दिल्ली से जुड़ गए. सुब्रमण्यम स्वामी 1977 में जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे. बाद में वे जनता पार्टी के अध्यक्ष बने. 2013 को उन्होंने जनता पार्टी विलय भाजपा में कर दिया. 2016 में बीजेपी ने सुब्रमण्यम स्वामी को राज्यसभा के लिए नामित किया.