पॉलिटॉक्स न्यूज. दिल्ली में जारी हिंसा और हुए जानमाल के नुकसान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में राजधानी दिल्ली में एनआईसीसी की एक बैठक हुई. बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, डॉ.मनमोहन सिंह और रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने भाग लिया. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जमकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने नाम न लेते हुए बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का भी जिक्र किया. साथ ही गृहमंत्री अमित शाह की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की. बैठक के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अधिकारिक हैंडल से ट्वीट करते हुए आमजन से शांति बनाए रखने की अपील की.
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पीएम मोदी ने दो ट्वीट किए. अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में व्याप्त स्थिति पर व्यापक समीक्षा की गई है. पुलिस और अन्य एजेंसियां शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए जमीन पर काम कर रही हैं’.
Had an extensive review on the situation prevailing in various parts of Delhi. Police and other agencies are working on the ground to ensure peace and normalcy.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 26, 2020
अपने दूसरे ट्वीट में पीएम ने लिखा, ‘शांति और सद्भाव हमारी प्राथमिकता है. मैं दिल्ली की अपनी बहनों और भाइयों से हर समय शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील करता हूं. यह महत्वपूर्ण है कि शांत हो और सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो’.
Peace and harmony are central to our ethos. I appeal to my sisters and brothers of Delhi to maintain peace and brotherhood at all times. It is important that there is calm and normalcy is restored at the earliest.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 26, 2020
इससे पहले दिल्ली में लगातार बिगड़ते हालातों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने इन परिस्थितियों के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बताया. सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली की स्थिति के लिए केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं. गृह मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.
सोनिया गांधी ने दिल्ली हिंसा को प्री प्लान्ड घटना बताया. सोनिया ने सवालों की झड़ी लगाते हुए पूछा कि रविवार को गृह मंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? हिंसा वाली जगहों पर कितनी पुलिस फोर्स लगी? बिगड़ते हालात के बाद भी सेना की तैनाती क्यों नहीं की गई? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे थे? इतना ही नहीं सोनिया गांधी ने नाम न लेते हुए बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर निशाना साधा और दिल्ली में उपजे हालातों के लिए मिश्रा के भड़काऊ बयान को जिम्मेदार बताया. सोनिया ने कहा कि बीजेपी नेता के तीन दिन के अल्टिमेटम बयान से लोग उग्र हो गए और आगजनी व पत्थरबाजी की घटनाएं हुई़. सोनिया ने मिश्रा पर कोई कार्यवाही न होने पर भी सवाल उठाया.
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वहीं एआईसीसी की बैठक से पहले कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा. चिदंबरम ने अपनी ट्वीट में कहा कि चाहे गृह मंत्री हो या फिर गृह मंत्रालय, सरकार का कर्तव्य है कि वह हिंसा को रोके. हिंसा सोमवार से जारी है और अब भी हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. यह दिल्ली पुलिस की भारी विफलता को दिखाता है.
चाहे पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़की हो (MOS-Home) या स्वतःस्फूर्त (MHA), सरकार का कर्तव्य है कि वह हिंसा को समाप्त करे
हिंसा सोमवार से जारी है और अब भी हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। यह दिल्ली पुलिस की भारी विफलता को दर्शाता है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 26, 2020
वहीं एक अन्य प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोनिया गांधी के बयानों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली हिंसा पर सरकार को दोष देना गलत है. जावडेकर ने कहा कि कांग्रेस की टिप्पणियों से पुलिस का मनोबल गिरता है. दिल्ली हिंसा के बीच गृहमंत्री के कहां होने के बयान पर जावडेकर ने कहा कि अमित शाह जहां भी थे, अपना काम कर रहे थे. वे पहले दिन से हालात संभालने पर काम कर रहे हैं. उन्होंने सभी दलों की बैठक में इस बारे में चर्चा की. जांच में सब सामने आ जाएगा और दंगा भड़काने वालों की भी जांच की जाएगी.
LIVE: Press byte by Shri @PrakashJavdekar in New Delhi. https://t.co/D44E0tFXgf
— BJP (@BJP4India) February 26, 2020
वहीं केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कांग्रेस पर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में हालात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है. वहीं कांग्रेस को तनाव के बीच राजनीति बंद करने को कहा.
बता दें, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में सीएए और एनआरसी पर विरोध के चलते हिंसा और तनाव बरकरार है. हिंसा में मरने वालों की संख्या 20 तक जा पहुंची है, वहीं 200 लोग घायल बताए जा रहे हैं. 60 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी घायल हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करने का निर्देश दिए हैं. दिल्ली हिंसा को देखते हुए नार्थ ईस्ट दिल्ली की तरफ से गाजियाबाद आने वाले 3 बॉर्डर को सील कर दिया गया है.
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पश्चिमी यूपी के इलाकों में खास तौर पर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, संभाल जैसे जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया गया है. इस बीच देर शाम सीबीएसई ने आज होने वाली दसवीं और बारहवीं की परीक्षा को उत्तर पूर्वी और पूर्वी दिल्ली के कुल 86 स्कूलों में स्थगित कर दिया है. हिंसा प्रभावित इलाकों में स्कूल भी बंद रहेंगे.