अभिनेत्री उर्मिला मातेंडकर (Urmila Matondkar) ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. पिछले लोकसभा चुनाव में वह उत्तर मुंबई सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार थी. उर्मिला मातोंडकर का इस्तीफ ऐसे समय आया है, जब महाराष्ट्र में कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं. इनमें मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह (Kripa Shankar Singh) भी शामिल है. उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है. बताया जाता है कि इस स्थिति में वह कांग्रेस नेता रहते हुए मोदी सरकार विरोध करने की स्थिति में नहीं है. अगर उनके खिलाफ अवैध कमाई का मामला प्रचारित हुआ तो उससे कांग्रेस को भी नुकसान ही होगा. इसलिए आर्थिक मामलों से राहत मिलने की उम्मीद में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है.

उर्मिला मातोंडकर ने मंगलवार को इस्तीफा देते हुए कहा कि उन्होंने मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को पत्र लिखकर पार्टी संगठन की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए अनुरोध किया था कि नेतृत्व के संकट को दूर करना जरूरी है. इसके बाद मुझे लगा कि पार्टी का कोई साफ नजरिया नहीं है और न ही ढंग का नेतृत्व है. उन्होंने कहा कि निजी स्तर पर पार्टी को लिखा गया पत्र मीडिया में लीक हो गया, जो अच्छा नहीं लगा. कुछ लोगों ने दुष्प्रचार शुरू कर दिया. इसके बाद कांग्रेस छोड़ने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था.

वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने उर्मिला मातोंडकर का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है. गौरतलब कि लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर मुंबई के कुछ कांग्रेस नेताओं ने उर्मिला मातोंडकर का सहयोग नहीं किया था और उनकी हार तय करने की भूमिका निभाई थी. उर्मिला मातोंडकर के इस्तीफे के बाद मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया है पिछले लोकसभा चुनाव में मैंने मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उत्तर मुंबई से कांग्रेस उम्मीदवार उर्मिला मातोंडकर का पूरे मन से सहयोग किया था. मैं उर्मिला मातोंडकर की बात से पूरी तरह सहमत हैं कि उत्तर मुंबई क्षेत्र में पार्टी की हार के लिए जिम्मेदार लोगों पर अवश्य कार्रवाई होनी चाहिए. उर्मिला मातोंडकर 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुई थी. कांग्रेस ने उन्हें उत्तर मुंबई से लोकसभा उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गई थी.

उर्मिला मातोंड़कर के इस्तीफे के बाद मंगलवार शाम को कृपाशंकर सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. वह मिलिंद देवड़ा से पहले मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. वह मुंबई में कांग्रेस के कद्दावर उत्तर भारतीय नेता हैं और 2004 में महाराष्ट्र सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा है जो महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रभारी हैं. बताया जाता है कि 2009 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शिवसेना से बढ़त दिलाने में कृपाशंकर सिंह का महत्वपूर्ण योगदान था. मुंबई के प्रवासी उत्तर भारतीय मतदाताओं में उनकी मजबूत पकड़ है.

 

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