rajasthan assembly elections 2023
rajasthan assembly elections 2023

मरूप्रदेश राजस्थान में आज का सियासी दंगल परवान पर है। चुनावी शोर की गुंज विरले हो चुकी है और मतदान की लंबी लाइनों में मतदाताओं के बीच अपने अपने समर्थक दलों के लिए जुबानी जंग चल रही है। यहां मुख्य मुकाबला बिना किसी शक और सवाल के भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच होना है लेकिन आधा दर्जन से अधिक छोटे बड़े दल दोनों पार्टियों की राह में रोड़ा अटका रही हैं. यहां कुछ सीटों पर घमासान मुकाबला है तो कई सीटों पर त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय मुकाबला बनते दिख रहा है. आज हम ऐसी ही कुछ हॉट सीटों पर होने जा रहे मुकाबले के बारे में बताने जा रहे हैं जहां मुकाबला त्रिकोणीय बनता नजर आ रहा है.

  1. खींवसर विस : हनुमान बेनीवाल बड़ी चुनौती

डेढ़ दशक से खींवसर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) का गढ़ रही है. पिछले तीन चुनाव और एक उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल और उनके भाई यहां से ही विधानसभा पहुंचे है. इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी में दूसरे और तीसरे नंबर की लड़ाई होती आई है. ​उपचुनाव में कांग्रेस ने हरेंद्र मिर्धा और रालोपा प्रत्याशी के बीच घमासान हुआ था जिसमें मिर्धा करीब दो हजार वोटों के मामूली अंतर से हार गए थे. इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां यहां के नतीजे बदलना चाहती हैं.

इस सीट पर हनुमान बेनीवाल मैदान में है. बीजेपी ने पूर्व रालोपा नेता रहे रेवतराम डांगा और कांग्रेस ने कुचेरा नगरपालिका के चेयरमैन एवं युवा नेता तेजपाल मिर्धा को टिकट देकर बेनीवाल के सामने उतारा है. कांग्रेस के बागी दुर्ग सिंह चौहान भी निर्दलीय मैदान में हैं. ऐसे में मुख्य मुकाबला हनुमान बेनीवाल और दुर्गसिंह चौहान के बीच में लग रहा है.

  1. भोपालगढ़ विस : पुखराज गर्ग पड़ रहे भारी

भोपालगढ़ विधानसभा सीट पर रालोपा के मौजूदा विधायक पुखराज गर्ग, पूर्व राज्य मंत्री बीजेपी की कमसा मेघवाल और कांग्रेस की गीता बरवड़ के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. गीता बरवड़ तीन बार के विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री नरपत बरवड़ की बेटी हैं. वहीं कमसा मेघवाल दो बार विधायक रह चुकी हैं. वे बीजेपी के टिकट पर 2008 और 2013 पर चुनाव जीत चुकी हैं. पिछले कार्यकाल में कमसा मेघवाल राज्यमंत्री भी रही थीं. वहीं रालोपा के पुखराज गर्ग मौजूदा रालोपा के टिकट पर दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं.

  1. चौरासी विस : चतुष्कोणीय बन रहा मुकाबला

चौरासी विधानसभा में BTP ने रणछोड़ ताबियाड़ को टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. यहां से बीजेपी से पूर्व राज्य मंत्री सुशील कटारा मैदान में है. वहीं कांग्रेस भी अपने पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है. आदिवासी बाहुल्य इस सीट पर BTP से पहली बार विधायक बने राजकुमार रोत इस बार नई पार्टी ‘बाप’ से ताल ठोक रहे हैं. कांग्रेस के बागी महेंद्र बरजोड़ ने यहां से निर्दलीय पर्चा भर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है.

  1. चौहटन विस : तरुणराय कागा दे रहे चुनौती

चौहटन विधानसभा सीट पर बीजेपी ने पिछले चुनावी प्रत्याशी आदूराम मेघवाल को फिर से मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने वर्तमान विधायक पदमाराम मेघवाल को ही टिकट दी है. दूसरी ओर, बीजेपी से बागी हुए तरुण राय कागा अब आरएलपी का दामन थाम बीजेपी और कांग्रेस दोनों को चुनौती दे रहे हैं. तरूणराय कागा शरणार्थी वोटरों में पकड़ रखते हैं. इससे सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

  1. नागौर विस : मिर्धा परिवार के बीच हबीबुर्रहमान

नागौर विधानसभा में बीजेपी-कांग्रेस से मिर्धा परिवार आमने-सामने हैं. कांग्रेस से हरेंद्र मिर्धा यहां से प्रत्याशी हैं तो कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई ज्योति मिर्धा पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं. यह हनुमान बेनीवाल का संसदीय क्षेत्र भी है. जाट बाहुल्य सीट होने के चलते मिर्धा परिवारों में वोट बंटना निश्चित है. मिर्धा परिवार के बीच मुकाबले में ट्विस्ट डाला है कांग्रेस के पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने, जिन्होंने टिकट काटने से नाराज होकर नागौर विस सीट पर निर्दलीय ताल ठोकी है. जाट और मुस्लिम बाहुल्य सीट पर एक ही परिवार से आने वाले काका-भतीजी को हबीबुर्रहमान ने संकट में ला दिया है. यहां  त्रिकोणीय मुकाबला होना निश्चित है.

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