Politalks.News/MP. कोरोना महामारी के बीच मध्य प्रदेश के ‘मामा‘ अपनी जनता को खुश करने में जुटे हुए हैं. मामा यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों दोनों हाथों से सरकारी खजाना लुटाने में लगे हुए हैं. जनता को सौगात देने में सीएम शिवराज सिंह को इतनी जल्दी में क्यों है? चौहान की इतनी दरियादिली के पीछे बिहार विधानसभा चुनाव के साथ मध्यप्रदेश में भी 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का सियासी दांव लगा हुआ है. सीएम शिवराज को इन दिनों कुछ सूझ नहीं रहा क्योंकि उनका लक्ष्य सिर्फ प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उपचुनावों पर लगा हुआ है. अब कहने को यह 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव हैं लेकिन कुल 230 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव से कम नहीं है, क्योंकि सरकार का भविष्य इसी पर टिका हुआ है. इसीलिए इसका फायदा भी प्रदेश की पूरी जनता को मिल रहा है.
निर्वाचन आयोग ने अभी एमपी में चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया है. इसी के चलते आचार संहिता लगने से पहले मध्य प्रदेश भाजपा सरकार ने प्रदेश की जनता पर इनामों की बारिश शुरू कर दी है. सीएम शिवराज सिंह ने 4 दिनों के अंदर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एमपी की जनता से दो बार जोड़ दिया. पिछले दिनों पीएम मोदी ने एमपी के पौने दो लाख स्ट्रीट वेंडरों से वर्चुअल माध्यम से बात की. उसके बाद शनिवार को पीएम मोदी ने एक बार फिर एमपी की जनता को ‘घर’ का तोहफा दिया. मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बने 1.75 लाख घरों का उद्घाटन किया. इस योजना के तहत घर पाने वाले तीन लोगों से मोदी ने बात भी की. शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव से पहले गरीबों के इन घरों को सिर्फ 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया. महामारी के बीच सीएम शिवराज सिंह के इतनी जल्दी घर बनाने पर पीएम मोदी ने उनकी प्रशंसा भी की.
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शिवराज सिंह सरकार के लिए उपचुनावों के नतीजों पर टिका सियासी भविष्य-
मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी धड़कनें बढ़ा दी हैं. एमपी में भी बिहार जैसी चुनाव की गहमागहमी देखी जा सकती है. भाजपा के साथ कांग्रेस पार्टी को भी मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन में भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे सहित कुल 27 सीटों पर उपचुनाव होने का इंतजार है. ये उपचुनाव इतने अहम हैं कि इनके नतीजों पर ही मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार और बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया का भविष्य टिका हुआ है.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के उपचुनाव में सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र ग्वालियर चंबल संभाग है. क्योंकि यहां की 27 सीटों में से 16 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने वाले हैं. दोनों राजनीतिक दलों ने इन इलाकों में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. ग्वालियर संभाग में उपचुनाव को देखते हुए कुछ दिनों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता बढ़ गई है. शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तो कई चुनावी सभाएं भी यहां हो चुकी हैं. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में शिवराज सिंह चौहान सरकार यहां की जनता को दोनों हाथों से सौगातें बरसा रहे हैं.
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मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश में एक साथ कई वादों की घोषणा कर खेला चुनावी दांव-
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सूबे की जनता के लिए एक साथ कई सौगातों की घोषणा की है. शुक्रवार को सीएम चौहान ने गरीबों के राशन से लेकर आंगनबाड़ियों और बच्चों के पोषण आहार को लेकर बड़ी घोषणाएं की. यही नहीं चौहान ने कहा कि इसी महीने 20 लाख किसानों के बैंक खातों में 4600 करोड़ रुपये फसल बीमा योजना भेजी जाएगी. यही नहीं उन्होंने कहा कि तीन साल में मध्य प्रदेश की धरती पर कोई गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा. सीएम शिवराज ने बताया कि 23 तारीख को प्रधानमंत्री किसान योजना के अंतर्गत जीरो प्रतिशत ब्याज पर किसानों को लोन देने के लिए सहकारी बैंकों को 800 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी.
इसके साथ उद्यान फसलों की फसल बीमा योजना के अंतर्गत 100 करोड़ की बीमा राशि का वितरण भी किया जाएगा. चौहान ने बताया कि 25 सितंबर को माननीय दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन के अवसर पर लोगों को बिजली बिलों में जो छूट दी गई है उसके संबंध में राशि वितरित की जाएगी. हाल ही में मध्यप्रदेश में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद होने और सैकड़ों मकान ढह गए थे, उनको भी मुआवजा देने की तैयारी में लगी हुई है शिवराज सरकार. अब देखना होगा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह चुनावी सौगात उन्हें उपचुनावों में कितनी सफलता दिला पाती है.