sharad pawar vs ajit pawar
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Maharashtra Politics: नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) में टूट के चलते शरद पवार थोड़े से परेशान जरूर हैं लेकिन घबराए बिलकुल नहीं हैं. अजित पवार के कुछ विधायकों को लेकर सरकार में शामिल होने के बाद शरद पवार काफी एक्टिव मोड में हैं. लगता है कि जैसे अजित पवार के जाने से उन्हें कोई नई बूस्टर टॉनिक मिल गई हो. दो दिन पहले अजित पवार के उनकी उम्र और रिटायमेंट को लेकर की गई टिप्पणी का जवाब शरद पवार ने नासिक के येवला में जनसभा कर अपने शक्ति् प्रदर्शन से दिया है. यहां उन्होंने मीडिया के सामने पुष्पाराज वाला अंदाज अपनाते हुए कहा कि ना तो वे थके हैं और न ही रिटायर हुए हैं. उन्होंने कहा कि मैं रिटायर नहीं बल्कि फायर हूं. उन्हें अपनी पार्टी को फिर से खड़ा करके दिखाना है और वे ऐसा करके रहेंगे.

कहते हैं कि घायल शेर पहले से कहीं ज्यादा खूंखार और खतरनाक होता है. शरद पवार की स्थिति ठीक उसी तरह की है. जनसभा में उन्होंने बिना नाम लिए अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने कुछ लोगों पर भरोसा करके गलती की, वो गलती अब दोहराऊंगा नहीं. अजित पवार द्वारा उनकी उम्र पर टिप्पणी करने को लेकर उन्होंने जवाब दिया कि क्या आप जानते हैं कि मोरारजी देसाई किस उम्र में प्रधान मंत्री बने? मैं प्रधानमंत्री या मंत्री नहीं बनना चाहता, सिर्फ लोगों की सेवा करना चाहता हूं.

अजित पवार के ‘रिटायर’ होने वाले सुझाव पर एनसीपी चीफ ने कहा कि अभी वो न थके हैं, न रिटायर हो रहे हैं. उनमें अभी आग बाकी है. शरद पवार ने अजित पर हमला बोलते हुए कहा कि वो मुझे जो भी कह रहे हैं उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. अजित मुझे रिटायर होने के लिए कहने वाले कौन होते हैं? मैं अभी भी काम कर सकता हूं. पवार ने कहा, कि मैं न थका हूं, न रिटायर हुआ, मैं फायर हूं. एनसीपी प्रमुख ने कहा कि वह काम करना जारी रखेंगे क्योंकि पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि वह काम करते रहें. वहीं सभी बागी विधायकों के लिए उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी बागियों को एनसीपी से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.

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मीडिया साक्षात्कार में जब शरद पवार से जब पूछा गया कि परिवार में उत्तराधिकार की लड़ाई में अजित को इसलिए दरकिनार कर दिया गया, क्योंकि वह उनके बेटे नहीं थे. इस पर पवार ने कहा कि मुझे पारिवारिक मुद्दों पर परिवार के बाहर चर्चा करना पसंद नहीं है. घर की बात घर में ही रहे तो बेहतर है. शरद ने इस बात का खुलासा भी किया कि कार्यकारी अध्यक्ष पद पर अजित की तरह सुप्रिया को तरजीह क्यों दी गई है. शरद ने कहा कि अजित को मंत्री बनाया गया और उपमुख्यमंत्री भी बनाया गया लेकिन सुप्रिया सुले को कोई मंत्री पद नहीं दिया गया, जबकि यह संभव था. उन्होंने कहा कि जब भी राकांपा को केंद्र में मंत्री पद मिला, वह दूसरों को दिया गया, लेकिन सांसद होने के बावजूद सुप्रिया को कभी नहीं दिया गया. यही वजह रही कि सुप्रिया को कार्यकारी अध्यक्ष पद दिया गया.

इससे पहले अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार ने कहा कि ये पार्टी मैंने बनाई है. पार्टी के कार्यकर्ताओं पर मुझे पूरा विश्वास है. मैं महाराष्ट्र में घूमकर कार्यकर्ताओं को एकजुट करूंगा. उसके बाद लोगों के बीच जाकर जनमत बनाऊंगा. दोबारा संगठन बनाना यह मेरा काम होगा और मैं यह कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर करूंगा. पार्टी की भूमिका आगे क्या होगी, ये पार्टी के नेताओं से बात करके बताऊंगा. लोगों का समर्थन आपको है कि नहीं यह ज्यादा जरूरी है. मुझे भरोसा है कि हम लोगों के पास जाएंगे तो वो हमारे साथ आएंगे.

इधर, एनसीपी नेता जीतेंद्र अव्हाण का कहना है कि शरद पवार लोगों से मिलेंगे और पार्टी को फिर से खड़ा करेंगे. हम लोग साहेब के साथ खड़े हैं. उधर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी पार्टी को मजबूत करने के लिए कल से राज्य का दौरा शुरू करेंगे. इन दोनों ही पार्टियों के समक्ष न केवल अपनी पार्टी को फिर से खड़ा करने की जिम्मेदारी है, साथ ही साथ कार्यकर्ताओं में नया जोश भी फूंकना पड़ेगा. उद्धव के हाथों से उनकी पार्टी का वास्तविक नाम और धनुष—बाण का चुनावी चिन्ह पहले ही छिन चुका है, जबकि अजित पवार भी इसी तर्ज पर एनसीपी पार्टी एवं चुनावी चिन्ह ‘घड़ी’ पर दावा ठोक चुके हैं. वहीं दोनों पार्टियों की ओर से विधायकों के अयोग्यता को लेकर मामला कोर्ट में विचाराधीन है. इस संबंध में शिवसेना के दोनों गुटों को तो नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं.

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