किसान की बात के अलावा कुछ नहीं बोले पायलट लेकिन भीड़ और समर्थक विधायकों ने जता दिया बहुत कुछ

सचिन पायलट ने महापंचायत में रखे तीन प्रस्ताव और उन पर मांगा किसानों से समर्थन, 14 समर्थक विधायक पहुंचे, तीन निजी कारणों से नहीं आ पाए, 14 के आलावा पहुंचे 2 विधायकों ने चौंकाया, पहले हमारी 99 सीट आईं, फिर 101 हो गईं, मेहनत कोई करे....', सैंकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे पायलट

कोटखावदा में आयोजित हुई किसान महापंचायत में पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट
कोटखावदा में आयोजित हुई किसान महापंचायत में पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट

Politalks.News/Rajasthan. केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट राजस्थान में किसान महापंचायतों के जरिये किसानों के बीच जा रहे हैं. वहीं इन किसान महापंचायतों को पायलट के शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है. पहले दौसा, फिर भरतपुर के बयाना और अब शुक्रवार को चाकसू के कोटखावदा में आयोजित हुई किसान महापंचायत में पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर हल्ला बोला. कोटखावदा की इस किसान महापंचायत में आई जबरदस्त भीड़ और पायलट समर्थक विधायकों को देखकर माना जा रहा है कि सचिन पायलट ने एक तीर से कई निशाने साधे. एक तो कांग्रेस आलाकमान तक अपनी जमीनी पकड़ का संदेश पहुंचाया, दूसरा अपने 16 समर्थक विधायकों को एक मंच पर बैठाकर शक्ति परीक्षण किया, वहीं किसान आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.

पायलट ने रखे तीन प्रस्ताव

कोटखावदा में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुये सचिन पायलट ने कहा कि ‘जो अनाज पैदा करता है उसकी कोई जाति नहीं है, वो किसान है. कुछ लोग हमें बांटना चाहते हैं लेकिन हमें एकजुट होकर लड़ना होगा. हमें आज प्रण लेना होगा, संकल्प लेना होगा, हमारी जिद है कि जो कृषि कानून लाये गये हैं उन्हें वापस लेना होगा.’ पायलट ने महापंचायत में तीन प्रस्ताव रखे और उन पर किसानों से समर्थन मांगा. पहला प्रस्ताव- तीनों कृषि कानूनों को वापस लिये जाएं, दूसरा प्रस्ताव- किसान की सारी फसल एमएसपी पर खरीदो और तीसरा प्रस्ताव- पेट्रोल-डीजली के दाम कम करें, ताकि किसान को मदद मिले. सचिन पायलट ने इन तीनों प्रस्तावों पर पायलट ने किसानों से हाथ खड़े करवाते हुये समर्थन मांगा.

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14 समर्थक विधायक पहुंचे, तीन निजी कारणों से नहीं आ पाए

कोटखावदा की इस किसान महापंचायत में पायलट समर्थक विधायक विश्वेंद्र सिंह, हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा, बृजेंद्र सिंह ओला, रमेश मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी, हरीश मीणा, जीआर खटाणा, इंद्राज गुर्जर, राकेश पारीक, अमर सिंह जाटव, सुरेश मोदी, मुकेश भाकर, पीआर मीणा शामिल हुए. जबकि निजी कारणों से विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, रामनिवास गावड़िया और भंवरलाल शर्मा महापंचायत में नहीं पहुंच सके. इस महापंचायत में सीएम अशोक गहलोत, राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और गहलोत खेमे के कई नेताओं को बुलाया गया था, लेकिन कोई नहीं पहुंचा. बताया गया कि जयपुर में ही दोपहर 12 बजे सीएम गहलोत का अपना कार्यक्रम था इसलिए वे नहीं आए.

14 के आलावा इन 2 विधायकों ने चौंकाया

किसान महापंचायत में पहुंचे इन 14 विधायकों के अलावा 2 और विधायकों की मौजूदगी ने सबको चौंका दिया. ये थे निवाई विधायक प्रशांत बैरवा और पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह के पुत्र वीरेंद्र सिंह जो दांतारामगढ से विधायक हैं. जैसे ही प्रशांत बैरवा महापंचायत में पहुंचे तो पायलट समर्थकों ने बैरवा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. वजह ये कि बैरवा पहले पायलट खेमे में थे, लेकिन पिछले साल जुलाई में गहलोत-पायलट गुट में जो टकराव हुआ था, उस वक्त प्रशांत बैरवा ने सीए गहलोत का दामन थाम लिया था.

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वीरेन्द्र सिंह पहले से रहे हैं पायलट समर्थक

वहीं विधायक वीरेंद्र सिंह का तो पहले भी झुकाव सचिन पायलट की तरफ ही रहा है. वीरेन्द्र सिंह के पिता नारायण सिंह जब प्रदेशाध्यक्ष थे तब वे अशोक गहलोत के विरोधी थे, बाद में पिछले राज में वे कुछ नरम हुए थे. लेकिन अब गोविंद सिंह डोटासरा के अध्यक्ष बनने के बाद नारायण सिंह गहलोत गुट से खुश नहीं बताए जा रहे हैं. जानकारों की मानें तो नारायण सिंह के पुत्र वीरेंद्र सिंह जुलाई में भी पायलट कैंप में जाना चाहते थे लेकिन उस वक्त नहीं जा पाए थे. लेकिन अब जब वीरेंद्र सिंह पायलट कैंप में आ गए हैं तो इसका असर सीकर की कांग्रेस सियासत पर भी पड़ेगा.

पहले हमारी 99 सीट आईं, फिर 101 हो गईं, मेहनत कोई करे….’

किसान महांपचायत के दौरान पूरे समय सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर समर्थक नारेबाजी करते रहे. लेकिन सचिन पायलट ने अपने संबोधन में किसान आंदोलन और कृषि कानून के अलावा कुछ नहीं बोला. हालांकि पायलट समर्थक विधायक पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह वह सब कुछ बोल गए, जिसकी वजह से पायलट का सीएम अशोक गहलोत से झगड़ा है. विश्वेंद्र सिंह ने स्पीच के दौरान सीएम अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा, ‘पहले हमारी 99 सीट आईं, फिर 101 हो गईं, मेहनत कोई करे….’ विश्वेंद्र सिंह के इतना कहते ही पूरी महापंचायत में तालियां और पायलट के समर्थन में नारेबाजी होने लगी. फिर विश्वेंद्र सिंह ने कहा, ‘आप मुझसे ज्यादा होशियार हैं, मैं आपको क्या भाषण दूं, मेरे बोलते ही आप अपने आप समझ गए.’ विश्वेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि राहुल गांधी आगाज करके गए हैं और पायलट की यह रैली नहीं, बल्कि रैला है.

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सैंकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे पायलट

ज़िले के चाकसू उपखंड के कोटखावदा में शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में समर्थित विधायकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा महापंचायत का आयोजन किया गया. पायलट के पहुंचने से पूर्व महिलाओं समेत हजारों लोग आयोजन स्थल पर पहुंच चुके थे. कार्यक्रम में पायलट के साथ सैंकड़ों गाड़ियों का काफिला चल रहा था और चाकसू से कोटखावदा में जगह-जगह तोरण द्वार बनाकर पायलट का स्वागत किया.

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