Politalks.News/RSS. उत्तर प्रदेश (UttarPradesh Assembly Election 2022) सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे और उसके अगले दिन 11 मार्च से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) यानी आरएसएस की सबसे महत्वपूर्ण ईकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होगी. यह बैठक तीन दिन चलेगी. अब इसको लेकर सियासी गलियारों में सवाल है कि क्या अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक पहले से तय थी और उसके बाद चुनाव नतीजों की तारीख तय हुई या चुनाव नतीजों की तारीख तय होने के बाद इसकी बैठक तय की गई? बताया जा रहा है कि चुनाव नतीजों की तारीख तय होने के बाद तीन दिन की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तारीख और स्थान दोनों तय हुए. सियासी जानकारों का कहना है कि इसी साल के अंत में गुजरात में चुनाव (Gujarat Assembly Election) होने हैं तो इस लिहाज से भी यह बैठक अहम हो जाती है. वहीं भाजपा के पक्ष में आते है पांच राज्यों के परिणाम तो बात अलग है और अगर भाजपा के फेवर में ये परिणाम नहीं आते हैं तो संघ से भाजपा में भेजे गए प्रतिनिधि (प्रचारकों) के प्रभार में बदलाव होना तय माना जा रहा है.
संघ से जुड़े जानकारों का कहना है कि यह तय हुआ कि नतीजों के अगले दिन से तीन दिन की बैठक शुरू होगी और बैठक गुजरात के कर्णावती में होगी. दोनों ही बातें अहम हैं. आपको बता दें कि गुजरात में इसी साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होने वाला है. उससे पहले संघ की सालाना बैठक गुजरात में हो रही है, इसका अपने आप में बड़ा महत्व है. दूसरा 11 मार्च की तारीख अहम है क्योंकि पांच राज्यों के नतीजे चाहे जो आएं लेकिन आरएसएस की बैठक में उस पर विस्तार से चर्चा होगी. अगर भाजपा जीत जाती है तब तो कोई खास बात नहीं है लेकिन भाजपा नहीं जीतती है खास कर उत्तर प्रदेश में तो संघ की इस बैठक में भाजपा नेतृत्व और उसकी नीतियों को लेकर गंभीरता से विचार होगा. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ साथ नीतियों की समीक्षा की जाएगी. सरकार की आर्थिक व सामाजिक नीतियों पर भी विचार होगा.
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अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के साथ सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल, मनमोहन वैद्य, मुकुंद, रामदत्त, अरुण कुमार और संघ के अन्य सभी पदाधिकारी सहभागी होंगे. प्रांतों से सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों, क्षेत्र और प्रांत के माननीय संघचालक, कार्यवाह, प्रचारकों के साथ संघ प्रेरित विविध संगठन के अखिल संगठन मंत्री और उनके सहयोगी भी बैठक में शामिल होंगे.
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साथ ही इस बैठक में पिछले वर्ष के कार्यवृत्त, संघ कार्य विस्तार की आगामी वर्ष की योजना, संघ शिक्षा वर्ग योजना, इसके साथ ही वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा होगी और कुछ विषयों पर प्रस्ताव भी आ सकते हैं. आपको बता दें कि पांच राज्यों के चुनाव के परिणामों के तुरंत बाद ही होने वाली संघ की ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है. इस दौरान सह कार्यवाह के तौर पर एक साल पूरा होने पर दत्तात्रेय होसबोले संघ विस्तार और संघ की ओर से पिछले 1 साल में किये गये कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत करेंगे. इस बैठक में आगामी वर्ष की कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा.