Politalks.News/Uttrakhand. उत्तराखंड सहित देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Elections) के परिणाम 10 मार्च को आएंगे. बात करें देवभूमि उत्तराखंड की तो, यहां तीनो ही पार्टियां यानी बीजेपी, कांग्रेस और आप प्रदेश में अपनी सरकार बनाने का दावा कह रही हैं. वहीं अगर परिस्थितियां बदलीं और किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो ऐसे में क्या होगा? ऐसे संभावित हालात को देखते हुए सूत्रों की मानें तो बीजेपी (BJP) बहुमत के साथ सत्ता में आने के दावे के साथ-साथ ही प्लान बी (Plan B) और प्लान सी (Plan C) पर भी काम कर रही है. पूरे मामले की कमान संभालने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash vijayvargiy) अपनी टीम के साथ देवभूमि पहुंच चुके हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस भी पूरे मसले को लेकर सतर्क है. जरुरत पड़ी तो कांग्रेस अपने विधायकों को राजस्थान और छत्तीसगढ़ भेज सकती है.
सर्वे ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें!
सियासी जानकारों का कहना है भाजपा की पार्टी लाइन के हिसाब से उत्तराखंड उसके लिए सबसे फ्रंटाईल स्टेट माना जाता है. यही कारण है कि उत्तराखंड को बीजेपी किसी भी सूरत में अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती. इसलिए विधानसभा चुनाव परिणाम आने से पहले ही पार्टी हर तरह के गुणा-भाग में जुटी हुई है. विभिन्न सर्वे में कांग्रेस की मिल रही बढ़त ने भी बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. बहुमत मिला तो ठीक और बहुमत के आसपास पहुंचे तो भी बीजेपी का प्लान है कि वो सरकार बनाने से पीछे नहीं हटेगी. पार्टी के रणनीतिकार हर हालात में उत्तराखंड में अपनी सरकार चाहते हैं.
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विजयवर्गीय ने डाला ‘डेरा’
भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो इसके लिए पार्टी ने प्लान- B तैयार किया गया है. प्लान-B को अमलीजामा पहनाने का टारगेट सौंपा गया है राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को. विजयवर्गीय की इस टीम में उत्तराखंड चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी शामिल हैं. रविवार को कैलाश विजयवर्गीय और चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी देहरादून पहुंच चुके हैं. देहरादून में विजयवर्गीय ने दावा करते हुए कहा कि, ‘उत्तराखंड में बहुमत जुटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यहां बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है’. कन्नी काटते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि, ‘देहरादून पार्टी के काम से नहीं व्यक्तिगत काम से आए हैं’. देहरादून के एक होटल में रूके कैलाश विजयवर्गीय ने चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ देर शाम मीटिंग की.
भाजपा का प्लान-A B और C!
सियासी जानकारों का कहना है कि, ‘इस मीटिंग में बीजेपी नेताओं ने ए, बी और सी प्लान को लेकर चर्चा की. प्लान ए के तहत यदि बीजेपी बहुमत आती है तो सरकार का क्या स्वरूप होगा? इसको लेकर चर्चा हुई. लेकिन यदि पार्टी बहुमत में नहीं आती और बहुमत के करीब पहुंचती है, तो फिर सरकार बनाने की क्या कवायद होगी? इसके लिए जीतकर आने वाले निर्देलीयों और बसपा के प्रत्याशियों का सहारा लिया जाएगा. इनको कैसे मैनेज किया जाएगा? इसको लेकर रणनीति बनाई जा रही है. प्लान सी के तहत सरकार न बना पाने की स्थिति पर भी चर्चा हुई.
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…हमारे कैंडिडेट है परिपक्व- गोदियाल
देवभूमि उत्तराखंड में बीजेपी के इस प्लान बी और उत्तराखंड में कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी ने कांग्रेस की धड़कनें बढ़ा दी है. सियासी जानकारों कहना है कि कैलाश विजयवर्गीय जोड़तोड़ के माहिर माने जाते हैं. बीजेपी कई राज्यों में उनका प्रयोग कर चुकी है. दूसरी तरफ कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि बीजेपी जोड़तोड़ के लिए कुख्यात है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कहते हैं कि, ‘हमारे कैंडिडेट सब परिपक्व हैं, मजबूत हैं. हम बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे’.
कांग्रेस के विधायकों की हो सकती है बाड़ाबंदी!
पीसीसी चीफ गोदियाल ने स्वीकार किया कि जिस तरह से बीजेपी का इतिहास रहा है, इससे उन्हें आशंका है और इसके लिए पार्टी ने अपने सभी कैंडिडेट को लाइनअप करना शुरू कर दिया है. साथ ही चर्चा है कि परिणाम आते ही कांग्रेस अपने कुछ चुनिंदा कैंडिडेट्स को सरकार बनने तक बीजेपी की नजरों से दूर कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान व छत्तीसगढ़ ले जा सकती है.