किसी के बहकावे में न आकर शांति से करें CAA और NRC का विरोध: प्रदर्शनकारियों से सीएम गहलोत की अपील

रविवार को कांग्रेस के होने वाले पैदल मार्च में शामिल होने वालों से की शांति की अपील, अफवाहों और फेक न्यूज सामग्री से बचने की सलाह

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. CAA और NRC को लेकर देशभर में इन दिनों हिंसा और अराजकता का माहौल है. इसे लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अपने निवास पर पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम गहलोत ने रविवार को होने वाले पैदल मार्च (Resist on CAA) में शांति बनाए रखने और किसी के बहकावे में न आने की अपील की. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि एनआरसी और सीएए कानून को लेकर देश में जो हालत इन दिनों बने हैं, वो चिंताजनक है. प्रदर्शन करने का अधिकार देश में सभी को है लेकिन हिंसा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने भी इस संदेश को बार बार दोहराया है.

सीएम अशोक गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि CAA और NRC कानून को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी देश के मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर की है. सीएए कानून पर मोदी सरकार की जो एप्रोच शुरू से रही है, इसी कारण देश में ये हालात पैदा हुए हैं. (Resist on CAA) उन्होंने कहा कि देश संविधान की मूल भावना के आधार पर ही चलेगा और चलना भी चाहिए. संविधान की भावनाओं को एक तरफ रखकर कानून बनाए जाएंगे तो उनका विरोध होगा, जो इस समय हो रहा है. केंद्र सरकार ने देशभर में हो रहे विरोध के बावजूद नागरिकता संशोधन कानून बना दिया.

NRC के विरोध में बार-बार असम के लोग धमकी दे रहे थे. इस पर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की आंखें खुलनी चाहिए. आज असम में सभी राजनीतिक पार्टियां नागरिकता कानून का विरोध कर रही हैं. सालों के प्रयास के बाद भी एनआरसी असम में जब लागू नहीं हो पाया तो अब कैसे होगा, इसका जवाब अमित शाह को देना चाहिए.

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सीएम गहलोत ने कहा कि सीएए बनाने को लेकर केंद्र सरकार ने विपक्ष को शामिल नहीं किया, इसका नतीजा ये हुआ कि देश के युवा सड़कों पर आ गए. इस विरोध प्रदर्शन में अब तक 11 लोगों की मौत हो गई.

प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान में हमने तय किया है कि इस कानून के विरोध में एक शांति मार्च (Resist on CAA) निकाला जाए. राजस्थान में हम प्रेम व भाईचारे से सभी धर्मों के लोग शांति से रहना चाहते हैं. सीएम ने प्रदेशवासियों से शांति की अपील करते हुए कहा कि जिस प्रकार से लोग भड़काने का काम करते हैं, उस पर पूरे प्रदेशवासियों को संकल्प लेना पड़ेगा कि हम किसी भी प्रकार के भडकावे में न आएं.

उन्होंने कहा कि रविवार को भी जो लोग प्रदर्शन करना चाहते हैं, वें शांति और सद्भाव के साथ विरोध प्रदर्शन करें. हिंसा का स्थान लोकतंत्र में नहीं है और जो हिंसा करेगा उस पर कानून अपना काम करेगा. कई बार दंगा भड़काने वाले लोग भी होते हैं. उनके बहकावे में न आएं और कोशिश करें कि जहां भी प्रदर्शन हो, शांति से हो.

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कई राज्यों में सीएए लागू नहीं करने पर गजेंद्र सिंह शेखावत के इनकम टैक्स अधिकारियों को लगाने के बयान पर सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री का ये बयान टिप्पणी करने लायक नहीं है. केंद्रीय मंत्री इस प्रकार की टिप्पणी करें तो आप समझ सकते हैं कि यहां अनुभव काम आता है.

‘कांग्रेस शासित राज्यों में दंगा क्यों नहीं हो रहे’ इस सवाल के जवाब पर सीएम गहलोत ने कहा कि जैसे हम यहां शांति मार्च निकाल रहे हैं. जहां दंगे हो रहे हैं, वहां के मुख्यमंत्री भी शांति मार्च (Resist on CAA) निकाले तो यह स्थिति नहीं होगी. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबसे पहले मैदान में आना चाहिए था. सभी वर्ग के लोगों को लेकर शांति मार्च निकालते तो कोई भी ऐसा नहीं करता. लेकिन केंद्र में शासन कर रहे लोगों की मंशा धर्म के आधार पर देश को बांटने की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी के पास कांग्रेस को बदनाम करने के अलावा कुछ नहीं है. संविधान की मूल भावना के अनुसार बीजेपी चल नहीं रही है. संविधान में लिखा हुआ है कि सभी धर्मों के लोग देश में एक समान है. इस कानून से सिर्फ मुसलमान ही नहीं सभी धर्मों के लोग दुख पाएंगे. देश के कई राज्यों में हो रही हिंसा इसका जीता जागता उदाहरण है. मोदी सरकार को अपनी गलती को कबूल करनी चाहिए. उन्हें कहना चाहिए कि देश के सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलेंगे. इससे लोकतंत्र बचेगा.

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राजस्थान में सीएए लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों ही कानून लागू होने के लायक नहीं हैं. यह सिर्फ बीजेपी के द्वारा देश को ध्रुवीकरण करने के लिए एक चाल है. वर्गों के आधार पर बीजेपी चुनाव जीतना चाहती है. पीएम मोदी और अमित शाह की सोच है कि देश के हर वर्ग में ध्रुवीकरण कर दो ताकि आने वाला सारे चुनाव हम जीत जाए.

सीएम गहलोत ने एक बार फिर शांति अपील (Resist on CAA) करते हुए कहा कि मैं पुनः सभी से अपील करता हूं कि प्रदर्शन करें लेकिन हिंसा न करें. शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखें लेकिन किसी भी प्रकार की हिंसात्मक गतिविधियों में शामिल न हों और न ही किसी के बहकावे में आएं. सभी को संविधान की मूल भावना के मुताबिक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक मूल्यों का अनुसरण करना चाहिए. सोशल मीडिया पर सर्कुलेट की जा रही अफवाहों, भड़काऊ सामग्री और फेक न्यूज से भी बचें. यदि कोई हिंसा फैला रहा है तो पुलिस को सूचना दें.

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