Politalks.News/Bihar. बिहार में इन दिनों सियासत अपने अलग ही परवान पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और केंद्र में मंत्री आरसीपी सिंह के करीबी नेताओं पर अब जेडीयू कार्रवाई करने से भी नहीं जूझ रहा है. पहले तो जदयू ने आरसीपी सिंह को अपना राज्यसभा प्रत्याशी नहीं बनाया और अब उनके करीबी नेताओं को एक एक कर पार्टी से बाहर करने की तैयारी में जुटे हैं. यहीं कारण है कि सिंह के करीबी और बीजेपी से बढ़ती नजदीकी के चलते जेडीयू के प्रवक्ता एवं दिग्गज नेता अजय आलोक को पार्टी से बाहर कर दिया गया है. बुधवार को जदयू ने पार्टी के चार नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाते हुए साफ़ कहा कि, ‘जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शान में अगर कोई भी गैरजिम्मेदाराना बयान दिया गया तो उनपर भी यहीं कार्रवाई होगी.’ वहीं खुद को पार्टी से अलग करने पर अजय आलोक ने पार्टी का धन्यवाद जताया.
बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने आज चार नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है. इन दिनों सत्ताधारी दाल जदयू में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी ने संगठन का कामकाज देख रहे अपने चार पदाधिकारियों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है. पार्टी से बर्खास्त किये गए इन नेताओं की बर्खास्तगी पर नीतीश कुमार के मंत्री ने सही ठहराया है. सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘कोई कितना भी कद्दावर नेता क्यों नहीं हो, उनके समर्थक गलत करेंगे तो उन पर कार्रवाई जरूर होगी. पार्टी अनुशासन से चलती है किसी की मर्जी से नहीं.’
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श्रवण कुमार ने केंद्रीय मंत्री आर.सी.पी सिंह को लेकर कहा कि, ‘सारी विषय संवैधानिक प्रक्रिया है. संविधान ना किसी को आगे भेजता है, न किसी को पीछे धकेलता है. दल अनुशासन से चलता है, जिस दल में अनुशासन नहीं है उस दल में बहुत सारी परेशानियां आती हैं. संगठन में कई लोग जुड़ते भी हैं, और कई हटते भी हैं. पार्टी के चार नेताओं को हटाने का जो निर्णय प्रदेश अध्यक्ष ने लिया है वो सोच-समझ कर लिया है. उनका फैसला सही है. पार्टी के अंदर अगर श्रवण कुमार हो या और कोई भी कद्दावर नेता के समर्थक हों, अगर गलत काम करेंगे, पार्टी के खिलाफ काम करेंगे, पार्टी की गतिविधियों के खिलाफ जाएंगे. जो पार्टी की नीति, सिद्धांत और कार्यक्रम का विरोध करेंगे तो उन्हें यही सजा मिलेगी.’
आपको बता दें कि आरसीपी सिंह के करीबी अजय आलोक कई मौकों पर टीवी डिबेट पर अक्सर बीजेपी के समर्थन में बयानबाजी करते देखे गए हैं. अजय आलोक के इस रवैये से खुद मुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार नाराज हैं. कुछ मौक़ों पर उन्होंने पार्टी लाइन से अलग भी बयान दिया था. अजय आलोक खुद डॉक्टर हैं और उनके पिता डॉक्टर गोपाल सिन्हा भी बिहार के जाने माने डॉक्टर हैं. वे बीएसपी से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. यह पहला मौका नहीं है जब अजय आलोक को पार्टी प्रवक्ता पद से हटाया गया है. एक बार आलोक को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के खिलाफ बयान दे दिया था जिसके कारण उन्हें उनके पद से हाथ धोना पड़ा था. उन दिनों प्रशांत और नीतीश के रिश्ते अच्छे हुआ करते थे.
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वहीं खुद को मिले पार्टी के नोटिस को लेक खुद अजय आलोक की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. अजय आलोक ने पार्टी से मिले नोटिस को अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा, ‘बहुत बहुत धन्यवाद मुझे मुक्त करने के लिए.’ आलोक ने अपने इस ट्वीट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंह को भी टैग किया है. सूत्रों का कहना है कि अब जल्द ही अजय आलोक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. वहीं अजय आलोक के साथ साथ जदयू ने जेडीयू ने पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं कार्यकर्ताओं को दिग्भ्रमित करने के आरोप में महासचिव अनिल कुमार, प्रदेश महासचिव विपिन कुमार यादव को भी पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है. इसके अलावा भंग समाज सुधार सेनानी के प्रकोष्ठ अध्यक्ष जितेन्द्र नीरज को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है.
वहीं जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं की एक लिस्ट भी बनाई है. साथ ही बुधवार को उन्होंने उन नेताओं को साफ शब्दों में कहा कि, ‘पार्टी विरोधी कार्य करने वालों पर सख्त कार्रवाई के बाद भी यदि ऐसे अन्य नेताओं में कोई सुधार नहीं आता है तो फिर वे पार्टी से बाहर जाने के लिए तैयार रहें.’ उमेश कुशवाहा ने कहा कि, ‘अब पार्टी विरोधी कार्य करने वाले नेताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’ जेडीयू ने पार्टी विरोध कार्य करने वाले नेताओं की लिस्ट भी तैयार कर रखी है.