Politalks.News/FarmersProtest. केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को शुक्रवार को 100 दिन पूरे होने जा रहे हैं. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार को जैसे किसान आंदोलन से कोई सरोकार ही नहीं है. ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि किसान अपने ट्रैक्टर में पेट्रोल फुल कराके रखें, बुलावा कभी भी आ सकता है. राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को लेकर आगे कहा कि, ‘दिशा निर्देश.. देंगे कभी हो बस तैयार रहो, कभी भी बुला सकते हैं, बस ट्रैक्टर में तेल भरवा कर रखो, कभी भी जाना पड़ सकता है. टिकैत ने कहा कि किसान खेत में काम करते रहें और दिल्ली की तरफ निगाह रखे रहें, बस ट्रैक्टर में तेल भरके खड़े करके रखें.’ कृषि कानून के विरोध में किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को राजस्थान के झुंझुनूं में किसान महापंचायत की.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को झुंझुनूं के कर्बला मैदान में किसान महापंचायत के दौरान लोगों को संबोधित किया. यहां राकेश टिकैत का 51 किलो की कुल 101 मालाओं से स्वागत किया गया. इसके साथ ही चांदी का मुकुट भी टिकैत को पहनाया गया. इस दौरान सबसे पहले किसान महासभा के अमराराम और किसान यूनियन के महामंत्री चौधरी युद्ध वीर सिंह ने संबोधित किया.
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राकेश टिकैट ने अपने सम्बोधन में किसानों से कहा कि राजस्थान का गेहूं सबसे पहले मार्केट में आएगा और सरकार को एमएसपी देनी होगी. अगर आपको एमएसपी नहीं मिले तो अपना गेहूं भरकर दिल्ली पहुंच जाओ. अगर दिल्ली में कोई आपको रोकता है तो उसे MSP पर गेहूं खरीदना पड़ेगा, क्योंकि, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि किसान देश में कहीं भी अनाज बेच सकते हैं. ऐसा थोड़ी न कहा है कि दिल्ली में नहीं बेच सकते हैं. दिल्ली की मंडी सबसे बढ़ियां हैं, ऐसे में सभी अपना अनाज भरकर दिल्ली चलो.
राकेश टिकैत ने मोदी सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये कहते हैं कि छोटा किसान तो खेत में है और बड़ा किसान आंदोलन में है. अब ये लोग छोटे और बड़े किसान को बांटने में लगे हैं. हमने कहा कि एमएसपी से छोटे किसान को सबसे ज्यादा लाभ होगा. टिकैत ने आगे कहा कि इनके बहकावे में मत आना, ये रोज नए फॉर्मूले लेकर आ रहे हैं, ये लुटेरे हैं और इन्हें अब भगाना ही पड़ेगा.
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राकेश टिकैत ने आगे कहा कि सरकार सोच रही है कि किसान अपने खेत में काम करने जाएगा तो आंदोलन खत्म हो जाएगा और वो कह रहे हैं कि अप्रैल में आंदोलन अपने आप थम जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं है, अब सरकार के साथ यह लड़ाई लंबी चलेगी. टिकैत ने कहा अपके खाने का सामान वहीं पर है, कुछ साथ लेकर आ जाना. आटे-दाल पर ही पूरा आंदोलन चल रहा है. टिकैत ने फिर दोहराया कि तीनों कानूनों की वापसी के बिना किसान घर नहीं जाएगा.
किसान नेता राकेश टिकैत ने आगरा का एक किस्सा बताते हुए कहा कि कल आगरा में एक किसान अपना गेहूं मंडी में लेकर गया. वहां व्यापारियों ने 1600 रुपए क्विंटल खरीदने की बात कही. उसने कहा- MSP का रेट 1975 रुपए है, उससे कम पर नहीं बेचूंगा और साथ ही मंडी भी नहीं चलने दूंगा. इस पर सारे अधिकारी मौके पर पहुंचे और उसका गेंहू 1975 रुपए में ही बिका.
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किसान महापंचायत में नेताओं को सुनने पहुंचे हजारों किसानों राकेश टिकैत ने कहा कि झुंझुनूं तो क्रांतिकारियों का जिला है. कई शहीद हुए जिन्होंने सामंतवादी व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन चलाया. टिकैत ने कहा आपको निकलना पड़ेगा, ये मोर्चे बंदी तोड़नी पड़ेगी, नहीं तो दिल्ली सरकार सुनने वाली नहीं है. राकेश टिकैत ने चेताया कि अबकी बार भी मोर्चा बंदी नहीं टूटी और अबकी बार भी MSP नहीं मिली तो हमारे बच्चे हमें माफ नहीं करेंगे. टिकैत ने कहा कि अगर आंदोलन फेल हुआ तो देश का किसान फेल होगा.