Politalks.News/UP-UK. कुछ दिनों बाद नवरात्रि से त्योहारी सीजन शुरू हो जाएगा, जिसकी छ्टा दीपावली तक बिखरी रहेगी. त्योहारों को लेकर जितना लोग उत्साहित हैं उससे अधिक लोकतंत्र के उत्सव में भारतीय जनता पार्टी खुशियों से सराबोर है. बिहार में विधानसभा चुनाव, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों को लेकर भाजपा काफी जोश में है. इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने कल दो राज्यों में राज्यसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. भाजपा आलाकमान इन चुनावों का पिछले कई दिनों से इंतजार कर रहा था. यह राज्यसभा चुनाव भाजपा सरकार के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है, एक तो उसे 11 में से 10 सीटों पर विजय प्राप्त हो रही है दूसरी उसकी ताकत उच्च सदन में और बढ़ जाएगी. ऐसे में अब मोदी सरकार राज्य सभा में बहुमत के काफी करीब होगी. आइए आपको बताते हैं राज्यसभा कितने सीटों और कहां पर चुनाव होंगे.
समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव का दुबारा सांसद बनना तय
मंगलवार को उत्तर प्रदेश की 10 सीट और उत्तराखंड की एक सीट के लिए राज्यसभा चुनाव की घोषणा की गई है, जिसके लिए 9 नवंबर को मतदान होगा. राज्यसभा चुनाव के लिए 20 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक नामांकन होगा. इन सीटों पर कार्यकाल 25 नवंबर को खत्म हो रहा है. उत्तर प्रदेश में सपा से 4 सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. जिनमें सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव, डॉ चंद्रपाल, जावेद अली और रवि प्रकाश वर्मा शामिल हैं. सपा इन चुनाव में केवल एक सीट ही जीत पाएगी, ऐसे में रामगोपाल यादव का एक बार फिर राज्यसभा सदस्य बनाना तय है. इसके लिए समाजवादी पार्टी ने कल ही रामगोपाल यादव को राज्यसभा के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी से राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी और पूर्व पीएम चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है. ऐसे में अगर भाजपा दोबारा से इनको अपना उम्मीदवार बनाती है तो आसानी से ये चुनाव जीत लेंगे.
यह भी पढ़ें: बिहार: बीजेपी ने जिनको निकाला उनको चिराग का मिला सहारा, मोदी के नाम पर रोक के बाद तेज हुआ घमासान
राज्यसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा फायदा, कांग्रेस, बसपा को नहीं मिलेगी एक भी सीट-
राज्यसभा के चुनाव में सबसे अधिक फायदा भाजपा को होगा. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की 11 सीटों में से बीजेपी को 10 सीटें मिलना तय माना जा रहा है. इन दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें और विधायकों का संख्याबल भी पार्टी के पास अच्छा खासा है, ऐसे में पूरी संभावना है कि भाजपा और एनडीए सरकार आने वाले दिनों में राज्यसभा के अंदर और मजबूत होंगी. बता दें, कि उत्तर प्रदेश से बसपा के राजाराम और वीर सिंह हैं लेकिन पार्टी के पास जरूरी सीट न होने की वजह से उसका कोई भी उम्मीदवार राज्यसभा के चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सकेगा. सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस के लिए है, पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं, उनका भी कार्यकाल इस बार खत्म हो रहा है. ऐसे ही उत्तराखंड से एक सीट के लिए फिल्म अभिनेता राज बब्बर भी राज्यसभा सांसद हैं, उनका भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. दोनों जगह कांग्रेस के पास पर्याप्त संख्या बल न होने के कारण उनका कोई उम्मीदवार राज्यसभा के लिए नहीं चुना जाएगा.
मोदी सरकार राज्य सभा चुनाव के बाद और होगी मजबूत—
नवंबर माह में होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार राज्यसभा में और सीना तान कर खड़ी होगी. राज्यसभा की कुल संख्या 245 है जिसमें से भाजपा-एनडीए के पास 112 सीटें हैं. ऐसे में नवंबर में एनडीए सरकार राज्यसभा में बहुमत के बहुत करीब होगी. यह राज्य सभा के चुनाव भाजपा के लिए उच्च सदन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं. मोदी सरकार को इन राज्य सभा चुनावों का पिछले काफी समय से इंतजार था.
यह भी पढ़ें: प्रशासनिक सियासत: डॉ भूपेंद्र सिंह आज DGP का पद छोड़ बनेंगे RPSC चैयरमैन, लाठर होंगे नए DGP
हालांकि केंद्र सरकार को सहयोगी दल एआईएडीएमके, बीजद, टीआरएस से राज्यसभा में बिल पास कराने में मदद मिलती रही है. अभी कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार के किसान विधेयक कानून के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया है, जिससे भाजपा सरकार को राज्यसभा में कुछ झटका जरूर लगा है. ऐसे में केंद्र सरकार को अगले माह होने वाले राज्यसभा की 11 सीटों के चुनावों की बेसब्री से इंतजार है. इन राज्यसभा चुनावों के नतीजों के बाद संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार लोकसभा के साथ राज्यसभा में भी दमदार आवाज के साथ गरजती हुई दिखाई देगी.