केन्द्र पर रघु शर्मा के आरोपों पर भड़के राजेन्द्र राठौड़, कहा- रायता बिखेरने का काम करते हैं स्वास्थ्य मंत्री

कोरोना महामारी पर सियासत जारी, रघु शर्मा ने केन्द्र सरकार पर लगाए ऑक्सीजन और कोरोना वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा पाने के आरोप, भिवाड़ी के ऑक्सीजन प्लांट का दिया उदाहरण, राजेन्द्र राठौड़ ने दिया जवाब- वैश्विक महामारी में भी राजनीतिक बयानबाजी से चूक नहीं रहे स्वास्थ्य मंत्री, गहलोत सरकार पर गैर जिम्मेदाराना और लापरवाह रवैया अपनाने का लगाया आरोप

केन्द्र पर रघु शर्मा के आरोपों पर भड़के राजेन्द्र राठौड़
केन्द्र पर रघु शर्मा के आरोपों पर भड़के राजेन्द्र राठौड़

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में बेकाबू कोरोना के चलते हालात भयावह बने हुए हैं. मंगलवार को आई स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कुल 12201 पॉजिटिव केस सामने आए हैं तो वहीं कोरोना से 64 लोगों की मौत हुई है. वहीं गहलोत सरकार के आदेशानुसार प्रदेश में तीन मई तक जन अनुशासन पखवाड़ा के तहत लगाया गया सख्त कर्फ्यू जारी है. इस सबके बीच राज्य सरकार के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने केन्द्र सरकार पर ऑक्सीजन और वैक्सीन के उचित आंवटन नहीं कर पाने का आरोप लगाया है. रघु शर्मा ने भिवाड़ी स्थित प्लांट का जिक्र करते हुए कहा कि ऑक्सीजन प्लांट राजस्थान का है और राजस्थान को ही कम आवंटन हो रहा है. वहीं कोरोना वैक्सीन और ऑक्सीजन की कालाबाजारी नहीं रोक पाने के आरोपों के साथ प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर है.

गहलोत सरकार में चिकित्सा डॉ. रघु शर्मा ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि राजस्थान कोरोना प्रबंधन में और कोरोना वैक्सीनेशन में देश के लिए रोल मॉडल रहा है. यदि जरूरत के अनुसार वैक्सीन, ऑक्सीजन और जीवनदायिनी दवाएं मिल जाएं, तो प्रदेश एक बार फिर मिसाल कायम कर सकता है. चिकित्सा मंत्री शर्मा ने कहा की प्रदेशवासियों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत है, लेकिन ऑक्सीजन प्लांट भारत सरकार के नियंत्रण में है. रघु शर्मा ने बताया कि भिवाड़ी का प्लांट 120 मैट्रिक टन (एमटी) ऑक्सीजन जनरेट करता है, लेकिन राजस्थान को केवल 65 एमटी ही मिल रहा है. जबकि राजस्थान का कोटा 124 मैट्रिक टन है और वर्तमान में प्रदेश के मरीजों के लिए 136 एमटी ऑक्सीजन की जरुरत है. जबकि पडौसी राज्य गुजरात को 1200 मैट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.

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केन्द्र पर आरोप लगाते हुए रघु शर्मा ने आगे कहा कि प्रदेश को जरूरत के मुताबिक दवा भी नहीं मिल रही है. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने 7 लाख वैक्सीनेशन प्रतिदिन करने का ढांचा विकसित कर लिया है, लेकिन जरूरत के अनुसार वैक्सीन नहीं मिल पा रही हैं. यही हाल जीवनदायिनी दवाओं का भी है. मंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से सभी व्यवस्थाएं मजबूत हैं. यदि केंद्र सरकार राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में सामग्री उपलब्ध कराती है, तो प्रदेशवासियों का जीवन बचाना हमारे लिए आसान होगा. उन्होंने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में बैड हैं, जरूरत पड़ी तो 2 से 3 लाख बैड की व्यवस्था हम कर सकते हैं, लेकिन बैड के साथ ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत है.

रायता बिखरने का काम करते हैं स्वास्थ्य मंत्री- राजेन्द्र राठौड़

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी के कद्दावर नेता और उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की कहर जारी है. संक्रमण में राजस्थान देश के पांच राज्यों में शुमार हो गया है. सरकार की कोशिश हो रही है और प्रतिपक्ष सरकार के साथ है. मगर अफसोस इस बात का है कि वैश्विक महामारी में भी स्वास्थ्य मंत्री राजनीतिक बयानबाजी से चूक नहीं रहे हैं. रघु शर्मा ने कहा कि ऑक्सीन आवंटन में भेदभाव हो रहा है. राठौड़ ने कहा मेरा मानना है कि केंद्र पर दोषरोपण करें, इससे पहले सरकार का पहला कर्तव्य है कि स्वास्थ्य जो स्टेट सब्जेक्ट है. इसलिए ऑक्सीजन, वेंटीलेटर की बात हो उससे पहले सरकार अपने कर्तव्य को पूरा करे. हर जगह राजनीति अच्छी नहीं है. प्रदेश में एक दिन में 12 हजार नए रोगी आ रहे हैं. एक्टिव रोगियों की संख्या 80 हजार को छू रही है. सरकार के संसाधन छोटे नजर आने लगे हैं. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि अच्छा रहे कि सरकार सबको विश्वास में लेकर चले. मुख्यमंत्री बात जरूर करते हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री रायता बिखरने का काम करते हैं.

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इससे पहले उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीटर के जरिए राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए निशाना साधा. राठौड़ ने ट्वीट में लिखा कि गैर जिम्मेदाराना, लापरवाह और कुप्रबंधन की बदौलत कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए उपयोग में ली जाने वाले जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, ऑक्सीजन सिलेंडरों की मात्रा और गुणवत्ता में भारी अनियमितताएं की खबरें मानवता को शर्मसार करने वाली हैं.

एक अन्य ट्वीट में राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्राणघातक वैश्विक महामारी कोरोना में सरकार की नाक के नीचे मुनाफाखोरी का धंधा फल-फूल रहा है और अधिकारी इसकी आड़ में जमकर चांदी कूट रहे हैं, मेरी राज्य सरकार से मांग है कि प्राणरक्षक दवाइयों और ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर तत्काल रूप से रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करें. दरअसल, प्रदेश के कुछ अखबारों में खबर छपी है कि मरीजों को ऑक्सीजन के जो सिलेंडर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं वो आधे खाली हैं.

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वहीं, बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी सीएम अशोक गहलोत द्वारा वैक्सीन की उपलब्धता पर दिए बयान पर निशाना साधा है. पूनियां ने कहा है कि मोदी सरकार ने वैक्सीन की आयु 18 वर्ष करके ऐतिहासिक फैसला किया है. ऐसे में अनर्गल बयानबाजी करना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शोभा नहीं देता, अब राज्य सरकारों को भी स्वतंत्रता है कि वो कंपनियों से प्रत्यक्ष तौर पर वैक्सीन खरीद कर ये प्रतिरक्षा लोगों को उपलब्ध करवा सकते हैं. बता दें कि सीएम गहलोत ने हालही में केन्द्र सरकार पर कोरोना वैक्सीन के स्टॉक की कमी को लेकर निशाना साधा था.

इस सारी सियासी बयानबाजी के बीच ये भी सच है कि बेकाबू कोरोना के चलते प्रदेश में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, जन अनुशासन पखवाड़ा के बावजूद लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, मंगलवार को भी प्रदेश में कोरोना से 64 लोगों की मौत हुई है, पिछले 24 घंटे में 12201 पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जिसके बाद प्रदेश में अब तक 3268 संक्रमितों की मौत हो चुकी है. आंकड़े बताते हैं कि कोरोना किस तरह प्रदेश पर कहर बरपा रहा है.

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