Politalks.News/Bihar-Jharkhand. बिहार में बहार है, लालू प्रसाद यादव को जमानत जो मिली है, जिसे लेकर राजद के कार्यकर्ताओं में जोरदार उत्साह है. बिहार समेत देश के लोगों में इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि राजद सुप्रीमो अपने परिवार और बिहार के लोगों के बीच कब आएंगे. इस बीच बिहार के सियासी गलियारों से खबर आ रही है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की रिहाई एक सप्ताह तक के लिए टल गई है. लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार से जानकारी मिली है, उसके मुताबिक लालू प्रसाद यादव को रिहाई के लिए अब आने वाले रविवार तक का इंतजार करना होगा. ऐसे में लालू की रिहाई टलने के तकनीकी कारणों के साथ सियासी रणनीति भी सामने आ रही है.
बात करें तकनीकी कारणों की तो, देशभर में कहर बरपा रहे कोरोना के कारण ही लालू प्रसाद यादव की रिहाई का मामला भी अटक गया है. दरअसल, कोविड-19 को लेकर झारखंड बार काउंसिल ने फैसला लिया है कि अगले 7 दिनों तक कोर्ट में किसी तरह के कार्य में एडवोकेट हिस्सा नहीं लेंगे, ऐसे में बार काउंसिल के फैसले के बाद कानूनी प्रक्रिया अवरुद्ध हो गई है. लालू के वकील प्रभात कुमार के मुताबिक ऐसे में अब सोमवार यानी 26 अप्रैल को लालू प्रसाद यादव की रिहाई के लिए बेल बांड भरा जाएगा.
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वहीं सियासी पंडितों की मानें तो लालू प्रसाद यादव की रिहाई फिलहाल टालना एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है. माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव की फिर से बिहार की राजनीति में एंट्री के साथ कुछ बड़ा होने की संभावना है. जिसके लिए पांच राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद ही लालू यादव की रिहाई करवाई जाएगी. फिलहाल कोरोना काल में लालू की रिहाई का फीका रहेगा जो की राजद और यूपीए को मंजूर नहीं है.
बता दें, 2 मई को पांच राज्यों के परिणाम आने हैं अगर ये परिणाम एनडीए के पक्ष में नहीं आते हैं तो लालू की एंट्री धमाकेदार हो सकती है. ऐसे में फिर पांच राज्यों के परिणामों के साथ ही बिहार में भी हलचल मचना तय है. लेकिन लालू प्रसाद यादव के जरिए बिहार में किसी बड़े सियासी उलटफेर के आसार फिलहाल नहीं नजर आ रहे हैं. जेडीयू और बीजेपी में आपसी खींचतान के बावजूद दोनों पार्टियों का गठबंधन इस सीमा तक नहीं जाता दिखता, जहां सरकार पर कोई संकट आए. व्यक्तिगत स्तर पर भी दोनों पार्टियों के नेताओं को यह पता है कि सत्ता पलट इतना आसान नहीं है, इस वजह से जैसा चल रहा है, वैसा चलता रहेगा. फिर भी राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है.
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गौरतलब है कि करोड़ों रुपये के चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाईकोर्ट से दुमका कोषागार मामले में भी शनिवार को जमानत मिल गई थी. लालू को जमानत मिलते ही बिहार की सियासत गरमा गई थी और उनके समर्थकों का जोश देखते ही बन रहा था. हालांकि लालू प्रसाद को जमानत मिलने के बाद भी अभी उनके परिवार के लोगों ने लालू को एम्स में ही रखने का फैसला लिया है.
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आपको बता दें, चारा घोटाला के दुमका कोषागार मामले में रांची हाईकोर्ट में जमानत पर फैसले के पहले लालू प्रसाद का पूरा परिवार भगवान की शरण में पहुंच गया था. लालू की बेटी राहिणी आचार्य रमजान के महीने में रोजा रखने के साथ चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा भी कर रही हैं. वहीं, लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी मां दुर्गा की पूजा कर रहे हैं. इस बीच छोटे बेटे, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने झारखंड के देवघर में भगवान भोलेनाथ की पूजा की थी.