Politalks.news/Rajasthan. राजस्थान में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के साथ ही सियासत भी बढ़ती जा रही है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में संक्रमण बेकाबू होकर कम्युनिटी स्प्रेड का रूप ले चुका है. सरकार ने शुरुआत में एहतियातन कदम उठा लिए होते तो ये हालात नहीं होते. उन्होंने सलाह दी कि अब सरकार को 31 मई तक का प्लान बनाना चाहिए. इसमें इंजेक्शन, ऑक्सीजन सहित सभी तरह की मेडिकल आवश्यकताओं का जिक्र होना चाहिए और इसी प्लान के आधार पर काम होना चाहिए.
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 21 अप्रैल को राज्य सरकार ने महामारी एक्ट-2020 की धारा-4 के तहत 60 से 100 बेड के निजी अस्पतालों के सामान्य और आईसीयू के 40—40 प्रतिशत बेड अधिगृहित किए थे. इसी तरह 100 बेड से ज्यादा के अस्पतालों में सामान्य और आईसीयू के 50 प्रतिशत बेड का अधिग्रहण किया था. सरकार ने न तो कोई नोडल अधिकारी मॉनिटरिंग के लिए लगाए और न ही दरें तय की. जिसकी वजह से निजी अस्पतालों ने मनमानी कर रखी है. इस पर सरकार को अब ध्यान देने की जरूरत है.
इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कालाबाजारी को रोका जाए
राजेंद्र राठौड़ ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते ही इससे संबंधित दवा, रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है. नकली इंजेक्शन भी बाजार में आ चुके हैं. इसलिए सरकार को इन पर अंकुश लगाना चाहिए. ऑक्सीजन पर राजनीति की बजाय सरकार को इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए. सरकार एसएमएस अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में बदले.
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ऑक्सीजन के नाम पर नहीं करनी चाहिए राजनीति
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि निजी अस्पतालों में जो पहले ऑक्सीजन कोटा दिया जा रहा था उस में 30 से 40% की कमी कर दी गई है जिससे वहां पहले से भर्ती मरीजों के जीवन पर संकट आ गया है तथा रेमडेसिवीर इंजेक्शन निजी चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं जिससे मरीजों के रिश्तेदार सीएमएचओ ऑफिस के चक्कर लगा कर परेशान हो रहे हैं और उसके बावजूद भी उनको इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अब राज्य की कांग्रेस सरकार को ऑक्सीजन के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, राजनीति नहीं कर के ऑक्सीजन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए.
साथ ही राजेंद्र राठौड़ ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को तय करना चाहिए की निजी चिकित्सालयों को कितने इंजेक्शन दिए जाएं , निजी चिकित्सालय में भर्ती मरीज इंजेक्शन की कमी के कारण अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लग गए हैं.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 30 अप्रैल तक मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है. राज्य सरकार ने इस महामारी को देखते हुए जो यह लंबी चौड़ी हेल्थ कवर की घोषणा की है, उसके लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में जो लोग रजिस्टर्ड हैं या नहीं है परंतु वे जिस कैटेगरी में बिना प्रीमियम के लाभान्वित किये जाने हैं, उनमें भामाशाह बीमा योजना एवं महात्मा गांधी आयुष्मान योजना, उनको कोरोना से पीड़ित होने पर जो अस्पताल इन पैनल में आते हैं सरकार को इन पीड़ित मरीजों को तुरंत मुफ्त इलाज का प्रबंध करना चाहिए.
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ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी पर लगाये रोक
राठौड़ ने कहा कि आज हालत यह हो गए हैं कि जो चीजें आम मरीज की आवश्यकता हैं वह या तो बाजार से गायब हो गई या उनके दाम 4 से 6 गुना बढ़ गए हैं. जैसे ऑक्सीमीटर, निमोलाइजर और थर्मामीटर यह तीनों चीजें कोरौना में आवश्यक हैं. कोरोना इलाज से संबंधित दवाइयां या तो मार्केट से गायब है या इनके दाम 4 से 6 गुना बढ़ चुके हैं. इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है. ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी हो रही है.
सुनिश्चित करें कि 48 घंटे में आ जाए टेस्ट रिपोर्ट
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि ‘आर टी पी सी आर’ टेस्ट 36 सरकारी लैब तथा केंद्र की दो लैब में हो रहे हैं, राज्य की जो 36 सरकारी लैब हैं उनमें आर टी पी सी आर की रिपोर्ट 5 दिन बाद आती है, 5 दिन में मरीज कितनी जगह संकरण कर आएगा यह चिंता की बात है इन लैब का फिजिकल वेरिफिकेशन करवाना चाहिए जिससे वहां लैब में आवश्यक उपकरणों में क्या खराबी है और क्या लैब में कमी है यह जानकारी में आए. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए की टेस्ट रिपोर्ट 48 घंटे में आ जाए.
नाईट कर्फ्यू लगाने से पहले क्यों नहीं दिया रेमडेसीविर इंजेक्शन खरीदने का आदेश
राजेंद्र राठौड़ ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि अभी सरकार ने 175000 रेमडेसीविर इंजेक्शन खरीदने का आदेश दिया मेरा सरकार से सवाल है कि यह आदेश अप्रैल के दूसरे सप्ताह में क्यों दिया जब सरकार ने 21 मार्च को नाईट कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया तो उस समय इंजेक्शन खरीदने का आदेश क्यों नहीं दिया. साथ ही सरकार से मेरा यह सवाल है कि जब नाइट कर्फ्यू लगाया गया तो 22 मार्च को 10000 इंजेक्शन पंजाब सरकार को क्यों दिए उस दिन पंजाब में एक्टिव केस की संख्या सिर्फ 5407 थी जबकि राजस्थान में 14468 एक्टिव के संख्या थी राजस्थान में इसकी आवश्यकता ज्यादा थी फिर यह इंजेक्शन वहां क्यों भेजें.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि डीएमएफटी का फंड 4500 करोड़ था उसमें 2000 करोड़ अभी भी सरकार के पास शेष है मैं सरकार से मांग करता हूं कि सरकार तुरंत 20 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदें जिससे ऑक्सीजन की कमी की पूर्ति की जा सके. राजेंद्र राठौड़ ने चिकित्सा मंत्री से कहा कि हमें 310 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है और हमारे पास 300 मीट्रिक टन उपलब्ध है तो मेरा सरकार से यह सवाल है कि फिर ऑक्सीजन के लिए परेशानी क्यों आ रही है . हम सबको मिलकर इस महामारी से मुकाबला करना चाहिए प्रदेश सरकार को विपक्ष से जो भी सहायता की आवश्यकता है वह हम हमेशा उसके लिए तैयार हैं.