Politalks.News/Rajasthan. गुजरात के बाद अब पंजाब कांग्रेस की कमान भी एक राजस्थानी के हाथ में होगी. गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब और चंडीगढ़ कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह आदेश जारी किया. ‘ओल्ड गार्ड पार्टी’ के सीनियर लीडर हरीश रावत के हटने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है. AICC के ये आदेश जारी होने के साथ ही पॉलिटॉक्स की एक और खबर पर मुहर लग गई. पॉलिटॉक्स ने करीब एक महीने पहले ही चौधरी को पंजाब का प्रभारी बनाए जाने के संकेत दे दिए थे.
पंजाबी राजनीति को नजदीक से जानते हैं चौधरी!
दरअसल हरीश चौधरी पंजाब में कैप्टन अमरिंदर को हटाने के प्रकरण से लेकर सिद्धू विवाद तक ऑब्जर्वर के तौर पर सक्रिय थे. चौधरी ने राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अजय माकन द्वारा की गई रायशुमारी में भी संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी. तभी से उन्हें AICC में बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा शुरू हो गई थी. आपको बता दें कि हरीश चौधरी साल भर से पंजाब कांग्रेस विधायकों के संपर्क में थे. पंजाब में सिद्दू और कैप्टन के बीच पनपे सियासी संकट के दौरान चौधरी को अजय माकन के साथ ऑब्जर्वर बनाकर भेजा था. हरीश चौधरी लंबे समय तक चंडीगढ़ में कैंप किए हुए थे. कैबिनेट शपथ, नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी और उठा-पटक के बीच हरीश चौधरी ही डैमेज कंट्रोल की कमान संभाले हुए थे. हरीश चौधरी को राहुल गांधी का नजदीकी माना जाता है.
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प्रभारी रावत को उत्तराखंड की सता रही थी चिंता
वहीं पंजाब के पूर्व प्रभारी हरीश रावत ने कल ही कांग्रेस आलाकमान से उन्हें पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त करने आग्रह किया था, दरअसल पंजाब और उत्तराखंड में एक साथ चुनाव होने हैं और हरीश रावत उत्तराखंड में कांग्रेस की ओर से फिलहाल अघोषित सीएम पद के दावेदार हैं. उनके चेहरे पर ही कांग्रेस उत्तराखंड चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं. वहीं इस दौरान पंजाब में जारी उठापठक से चलते रावत अपना ध्यान गृहराज्य में नहीं लगा पा रहे थे. उन्हें कभी दिल्ली तो कभी चंडीगढ़ की दौड़ लगानी पड़ रही थी. इस दुविधा के चलते रावत ने थक-हार कर आलाकमान से गुहार लगा ही दी थी. चुनावी राज्यों में फुल टाइम प्रभारी की जरुरत होती है. हालांकि सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि कांग्रेस में ना जाने रणनीतिकार कौनसा नशा करके बैठे हैं कि रावत को अब तक प्रभारी की जिम्मेदारी दी हुई थी जबकि उत्तराखंड में उनके चेहरे पर ही वापसी की उम्मीद है. जानकारों का कहना है कि करीब 2 महीने पहले भी रावत ने पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त करने की गुहार लगा चुके थे लेकिन पता नहीं कांग्रेस आलाकमान की नींद क्यों नहीं टूट रही थी?
गहलोत कैबिनेट से दो मंत्री बन चुके राज्यों के प्रभारी
हाल के दिनों में पंजाब के बाद गुजरात ऐसा अहम राज्य हैं जहां जल्द चुनाव होने हैं ऐसे में AICC में अब तेजी से राजस्थान के नेताओं का दबदबा बढ़ रहा है. अलवर के पूर्व सांसद जितेन्द्र सिंह पहले ही AICC में सक्रिय हैं. हालही में गहलोत सरकार के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को गुजरात कांग्रेस का प्रभारी बनाया था. गहलोत कैबिनेट में रघु शर्मा के बाद हरीश चौधरी दूसरे मंत्री हैं, जिन्हें प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. आज की नियुक्ति से राजस्थान से तीन नेता राज्यों के प्रभारी बन चुके हैं. भंवर जितेंद्र सिंह, रघु शर्मा और हरीश चौधरी राज्यों के प्रभारी हैं. वहीं जुबेर खान और धीरज गुर्जर यूपी में प्रियंका गांधी के साथ सहप्रभारी हैं.
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एक पद एक व्यक्ति सिद्धांत के तहत मंत्रिमंडल से छुट्टी तय !
अब बात करें राजस्थान की तो कांग्रेस आलाकमान ‘एक पद-एक व्यक्ति’ के सिद्धांत के तहत अगले मंत्रिमंडल विस्तार को करने की तैयारी में है. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को बड़े चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद इनकी गहलोत मंत्रिमंडल से छुट्टी तय मानी जा रही है! दो अहम विभागों के ये मंत्री राजस्थान में विभाग संभालेंगे या फिर चुनावी राज्यों की भागदौड़? जिसके संकेत प्रदेश प्रभारी माकन अपनी रायशुमारी में दे चुके थे कि कुछ मंत्रियों ने संगठन में काम करने की इच्छा जताई है. अब तो जब मंत्रिमंडल विस्तार होगा उसके बाद ही इसकी पुष्टि होगी.
सीएम गहलोत सहित दिग्गजों ने दी बधाई
मुख्यमंत्री अशोक सहित कई बड़े नेताओं ने हरीश चौधरी को बड़ी जिम्मदेरी मिलने पर बधाई दी है. पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी मिलने के बाद चौधरी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को धन्यवाद देते हुए कहा है कि, ‘वे पंजाब में कांग्रेस और कांग्रेस की विचारधारा मजबूत करने के लिए काम करेंगे. आगामी चुनाव में यहां कांग्रेस की जीत होगी’.