Congress For Rajasthanis in Karnataka Elections. कर्नाटक में 224 सदस्यों वाली विधानसभा में अगले तीन महीने में विस चुनाव होने हैं. बता दें, कर्नाटक का राजस्थान से गहरा रिश्ता है और यहां करीब एक करोड़ से अधिक राजस्थानी मूल के लोग निवास करते हैं. इसी बात को भुनाने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के कई दिग्गजों के कंधों पर कर्नाटक को जिताने की जिम्मेदारी डाली है. इन सभी का फोकस विस चुनाव में कर्नाटक में रह रहे एक करोड़ राजस्थानियों को साधकर कर्नाटक को जिताना है ताकि इसी साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में इसका फायदा उठाया जा सके. इसके लिए कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान से राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को चुनाव प्रभारी बनाया है.
इसके अलावा मोहन प्रकाश को स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन और नीरज डांगी को सदस्य बनाया गया है. मोहन प्रकाश और नीरज डांगी मूलत: राजस्थान से हैं. नीरज डांगी राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं. वे मूलत: रेवदर (सिरोही) के रहने वाले हैं. मोहन प्रकाश राजाखेड़ा (धौलपुर) से विधायक रहे हैं और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. उनके अलावा कमेटी में 3 सदस्य हैं. इनमें नीरज डांगी, मोहम्मद जावेद और सप्तगिरी उलाका शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: पायलट के साथ वालों को किया जा रहा है टारगेट, गुढा पर इसीलिए हुआ मामला दर्ज- गुर्जर के निशाने पर गहलोत
नीरज डांगी राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं. उनके अलावा मोहम्मद जावेद और सप्तगिरी उलाका शामिल हैं. इनके अलावा कमेटी में 6 नेताओं को एक्स-ओफिसियो मेम्बर बनाया गया है. इनमें डी.के. शिवकुमार, सिद्धारमैया, रणदीप सिंह सुरजेवाला, बी.के. हरिप्रसाद, एम.बी. पाटील और जी. परमेश्वरा शामिल हैं.
प्रकाश और सुरजेवाला पर रहेगी टिकट वितरण की जिम्मेदारी
दिग्गज कांग्रेसी नेतामोहन प्रकाश और रणदीप सिंह सुरजेवाला पर ही कर्नाटक में टिकट वितरण की सबसे खास जिम्मेदारी रहेगी. स्क्रीनिंग कमेटी ही टिकटों के दावेदारों के बीच में से किसी एक उम्मीदवार का चयन करती है. प्रकाश और सुरजेवाला पर सही उम्मीदवारों का चयन करने की सबसे खास जिम्मेदारी रहेगी. नीरज डांगी इस काम में दोनों को सहायता करेंगे.
कर्नाटक में रहते हैं राजस्थान मूल के लगभग एक करोड़ लोग
बता दें, कर्नाटक से राजस्थान का गहरा रिश्ता है. पिछले 100 सालों से राजस्थान से उद्योग-व्यापार के लिए लोग निरंतर कर्नाटक जाते रहे हैं. शेखावाटी और मारवाड़ के व्यापारिक समुदायों के लोग वहां बसते रहे हैं. हाल के दो दशक में शिक्षा, कॉर्पोरेट, टेक्नोलॉजी का बेंगलुरु हब बन गया है. ऐसे में नई पीढ़ी से भी वहां शिक्षा और रोजगार के चलते हजारों राजस्थानी युवा प्रतिवर्ष कर्नाटक में बसते हैं. कर्नाटक की बहुत सी विधानसभा सीटों पर राजस्थानी मतदाता बेहद प्रभावशाली भूमिका में हैं. ऐसे में उन्हें कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने के लिए विशेष रूप से फोकस किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: पीएम ने कांग्रेस पर जमकर बोला हमला, कहा- लोगों का मोदी पर भरोसा इनकी समझ के दायरे से बाहर
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का गृह प्रदेश है कर्नाटक
आपको बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मूलत: कर्नाटक के रहने वाले हैं. वे राज्यसभा में लीडर ऑफ अपोजिशन (नेता प्रतिपक्ष) भी हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते खड़गे पर दोहरी जिम्मेदारी है. उन्हें देश के अन्य राज्यों में तो कांग्रेस को मजबूत करना ही है, अपने गृह प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन सुधारने का भी दारोमदार है. राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल मूलत: केरल से हैं लेकिन कर्नाटक में सक्रिय रहे हैं.
देश के तीन सबसे समृद्ध राज्यों में है कर्नाटक
कर्नाटक देश के तीन सबसे समृद्ध राज्यों में गिना जाता है. औद्योगिक व आर्थिक रूप से बहुत विकसित प्रदेश है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच यहां कड़ा मुकाबला रहता आया है. स्थानीय पार्टी जेडीएस (जनता दल सेकुलर) भी वहां बड़ी ताकत है. पिछली बार कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर यहां सरकार बनाई थी और जेडीएस के एचडी कुमारास्वामी मुख्यमंत्री बने. बाद में ऑपेरशन लोटस के चलते कुछ विधायकों के बीजेपी में चले जाने की वजह से कुमारस्वामी सरकार गिर गई और भाजपा ने वहां सत्ता वापसी की.