राजस्थान में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन लाल सैनी के निधन से खाली राज्यसभा सीट पर 26 अगस्त को उपचुनाव होगा, जिसके लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख 14 अगस्त है. पहले यह भाजपा की सीट थी, लेकिन अब राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस का बहुमत होने से यह सीट कांग्रेस को मिलेगी. इसके बावजूद विधायकों की तोड़-फोड़ का सॉलिड अनुभव ले चुकी भाजपा अपना उम्मीदवार भी इस सीट पर खड़ा कर सकती है.
इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से डॉ. मनमोहन सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है. पहले वह असम से राज्यसभा सांसद थे. उनका कार्यकाल जून में समाप्त हो चुका है. मनमोहन सिंह को तमिलनाडु से राज्यसभा में भेजने की तैयारी चल रही थी, लेकिन वहां कांग्रेस की सहयोगी पार्टी द्रमुक ने खाली राज्यसभा सीट पर वाइको को चुने जाने का वादा कर लिया था, इसलिए मनमोहन सिंह को तमिलनाडु से राज्यसभा में नहीं भेजा जा सका. तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक और द्रमुक ने राज्यसभा की तीन-तीन सीटें जीती हैं.
कांग्रेस के कुछ नेता मानते हैं कि मनमोहन सिंह काफी उम्रदराज हो चुके हैं, इसलिए उन्हें राज्यसभा में भेजना ठीक नहीं होगा. मनमोहन सिंह बोलते भी बहुत कम हैं और ज्यादा सक्रिय भी नहीं हैं. कांग्रेस के ये नेता चाहते हैं कि राजस्थान की राज्यसभा सीट ऐसे नेता को दी जाए, जिसका मजबूत जनाधार हो और जिससे पार्टी को वोट दिलाने में मदद मिले.
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राजस्थान में सचिन पायलट के समर्थक चाहते हैं कि इस खाली सीट से अशोक गहलोत को राज्यसभा में भेज दिया जाए, जिससे कि राज्य में पायलट का रास्ता साफ हो और वह मुख्यमंत्री बन सकें. राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता है. इस सीट पर कार्यकाल 2024 तक रहेगा. हालांकि इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार तय करने का फैसला कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद होने की संभावना है.
गौरतलब है कि इस समय राज्यसभा में कांग्रेस की सीटें बहुत कम है, इसलिए कांग्रेस इस मौके का फायदा उठाकर किसी सक्षम नेता को राज्यसभा में भेज सकती है.