Hanuman Beniwal Big Statement: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने नागौर से सांसद चुने जाने के बाद आज खींवसर विधायक के पद से इस्तीफा दिया. हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को इस्तीफा सौपा. इसके बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि मेरा सुझाव रहेगा की एक व्यक्ति विधायक और सांसद दोनों रह सके. इसके साथ बेनीवाल ने नागौर से लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रही ज्योति मिर्धा, अग्निवीर योजना, इंडिया गठबंधन को लेकर बेबाकी से बात की. इसके साथ ही बेनीवाल ने कहा की लोकसभा चुनाव में अगर आरएलपी का कांग्रेस से गठबंधन नहीं होता तो कांग्रेस राजस्थान में खाता भी नहीं खोल पाती. खींवसर उपचुनाव को लेकर कहा कि आरएलपी चुनाव लेडेगी और जीतेगी.
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हम चाहेंगे कि लोकसभा और विधानसभा का सदस्य साथ रहना चाहिए. जिस तरह राज्यसभा से चुना हुआ व्यक्ति लोकसभा में बैठता है. राज्यसभा से चुना हुआ व्यक्ति लोकसभा में मंत्री बन सकता है. हमारा सुझाव रहेगा कि व्यक्ति विधायक रहते हुए सांसद भी रह सके. राजस्थान विधानसभा को हमेशा मिस करूंगा, क्योंकि मेरी राजनीति की शुरुआत यहीं से हुई है.
सांसद बेनीवाल ने खींवसर ने होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर कहा कि उपचुनाव में आरएलपी लड़ेगी. खींवसर में आरएलपी ही जीतेगी. खींवसर में 2003, 2008, 2013, 2014, 2018, 2019, 2023 और 2024 अपने दम पर हम जीते हैं. राजस्थान में ऐसी कोई पार्टी नहीं होगी, जिसने 8 चुनाव अपने दम पर जीते हो. हम नवी बार भी आरएलपी को जिताएंगे. ज्योति मिर्धा को हम चार बार हरा चुके हैं और कितनी बार हरायेंगे. दिल्ली में मैं गठबंधन का सदस्य हूं. यहां पर हम बैठकर बात करेंगे. वहीं इस्तीफे से पहले विधायक कोष का पूरा पैसा खर्च करने के सवाल पर कहा कि विधायक कोष की राशि खर्च करने का मेरे पास अधिकार है. विधायक कोष की राशि मैं चाहे एक दिन में खर्च करूं या 5 साल में, मैंने मेरे विधायक कोष का पैसा खर्च कर दिया है.
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बेनीवाल ने कांग्रेस नेताओ द्वारा ईवीएम पर उठाए जा रहे सवाल को लेकर कहा कि मैं पहले एनडीए गठबंधन में था. मैंने किसानों को लेकर एनडीए छोड़ा था. हम भी चाहते है ईवीएम की बजाय चुनाव बैलेट से होना चाहिए. पूरा देश भी यही चाहता है. ईवीएम को लेकर प्रशासन नई-नई चीज लेकर आता है. आचार संहिता के दौरान जिसकी सरकार होती है प्रशासन उसकी मदद करता है और विरोधियों को परेशान करता है. ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है. ईवीएम भी कहीं ना कहीं से कंट्रोल होती है. कांग्रेस नेताओं के बयान में मुझे सच्चाई नजर आ रही है. ईवीएम में कहीं ना कहीं घोटाला है. इसी के चलते एनडीए के विरोध के बावजूद भी इंडिया गठबंधन को वोट कम मिला है.
बेनीवाल ने आगे कहा की अग्नि वीर योजना का विरोध अगर किसी सांसद ने देश में किया तो व्यक्तिगत रूप से मैंने ही किया है. इसको लेकर बड़ा आंदोलन भी किया. अग्निवीर को लेकर हम दिल्ली को घेरेंगे. अग्निवीर के बजाय पहले की तरह सेना में भर्ती हो यह हम चाहते हैं. यही देश का नौजवान भी चाहता है. सेना के सम्मान में कोई समझौता नहीं होना चाहिए.
बेनीवाल ने ज्योति मिर्धा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ज्योति मिर्धा ने कभी पार्टी नहीं बनाई है. उनका परिवार हमेशा दूसरी पार्टियों का झंडा लेकर चलता रहा है. मिर्धा खुद पार्टी बनाकर चले तो औकात पता चल जाएगी. मिर्धा को 5 हजार वोट भी नहीं मिलेंगे. मैंने तो वसुंधरा को सबक सिखाने के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ा. मैंने अपने दम पर चुनाव लड़े. इस बार मैं इंडिया गठबंधन के साथ था. मुझे भाजपा को सबक सिखाना था. अगर हमारा कांग्रेस से गठबंधन नहीं होता तो कांग्रेस का खाता भी राजस्थान में नहीं खुलता.
बेनीवाल ने इंडिया गठबंधन के साथ होने के सवाल पर कहा कि मैं जवान किसान की बात करूंगा. केंद्र सरकार का विरोध करूंगा. मुझे इंडिया गठबंधन की बैठक में नहीं बुलाया तो मैंने इसका विरोध किया. इस पर उन्होंने कहा कि चूक हो गई. लोकसभा में मेंबर मेंबर होता है, चाहे उसकी पार्टी की एक सीट हो या दो सीट मेंबर मेंबर होता है. मैंने उनको एहसास दिला दिया. मैंने मेरी बात कही. दिल्ली में मैं पूरा प्रयास करूंगा की राजस्थान के लंबित मुद्दों का कैसे समाधान करवाया जावे.