एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे इन दिनों अपनी चुनावी सभाओं को लेकर चर्चा में हैं. बीजेपी ने चुनाव आयोग ने इनकी शिकायत की है. बीजेपी ने राज ठाकरे पर आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी प्रदेश की एक भी लोकसभा सीट पर चुनाव नही लड़ रही है तो वे इतनी बड़ी सभाएं क्यों कर रहे हैं. इसके लिए पैसा कहां से आ रहा है.
आपको बता दें कि राज ठाकरे की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में एक भी प्रत्याशी नही उतारा है, लेकिन वे महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ लगातार सभाएं कर रहे हैं. इनमें ठाकरे प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साध रहे हैं. यह कोई नहीं बात नहीं है, लेकिन उनका तरीका एकदम नया है. एमएनएस प्रमुख सभाओं में प्रधानमंत्री मोदी के 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए भाषणों के वीडियो दिखाते हैं और इसमें उठाए गए मुद्दों पर इस चुनाव में चुप्पी पर सवाल खड़े करते हैं.
“Modi-Shah pair can be dangerous for our Indian democracy” – Raj Thackerayhttps://t.co/tSmDwnJqBT
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— Raj Thackeray (@RajThackeray) April 22, 2019
राज ठाकरे की यह तरीका सोशल मीडिया पर गदर मचा रहा है. विपक्ष के किसी नेता ने बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी को इतनी तैयारी के साथ नहीं घेरा है, जितना ठाकरे घेर रहे हैं. बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई राज ठाकरे की सभाओं में आ रही भीड़ से चिंतित है. स्थानीय नेताओं ने इसकी रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को दी है. कई दौर के मंथन के बाद तय हुआ कि मामले की शिकायत चुनाव आयोग में की जाए. पार्टी ने ऐसा कर भी दिया है.
बीजेपी को उम्मीद है कि चुनाव आयोग उनकी शिकायत पर संज्ञान लेगा और राज ठाकरे की सभाओं पर रोक लगाएगा. इस बीच एक चैनल के इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि एमएनएस की रैलियों से कांग्रेस-एनसीपी को फायदा हो रहा है, राज ठाकरे ने कहा कि मेरे भाषण पूरे देश में लोकप्रिय हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे भाषणों के क्लिप दूसरी भाषाओं में दिखाई जा रही हैं, सभी पार्टियों को इसका फायदा हो रहा है.
If Narendra Modi declared that his life is in danger; then how can the country be in safe hands?https://t.co/lOT0HcioHm
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— Raj Thackeray (@RajThackeray) April 21, 2019
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले यह चर्चा थी कि एमएनएस और एनसीपी का गठबंधन हो सकता है, लेकिन बाद में एनसीपी और कांग्रेस के बीच गठजोड़ हो गया. एनसीपी और कांग्रेस ने एमएनएस के साथ गठबंधन इसलिए भी नहीं किया क्योंकि दोनों दलों को ये डर था कि राज ठाकरे के साथ आने से प्रदेश में रह रहे बाहरी राज्यों के लोग उनसे दूर छिटक सकते हैं, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा. यही नहीं, बीजेपी इस मुद्दे को बिहार और उत्तर प्रदेश में भी जमकर उछालेगी.
महाराष्ट्र की राजनीति के जानकारों की मानें तो राज ठाकरे की सभाओं के पीछे आगामी विधानसभा चुनाव है. एमएनएस प्रमुख नरेंद्र मोदी का विरोध कर शिवसेना से नाराज धड़े को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका मानना है कि शिवसेना के अनेक नेता और कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन करने से खफा हैं, ये सब विधानसभा चुनाव में उनके साथ आ सकते हैं.
Why is Narendra Modi using the martyred jawans as a tool to ask for votes?https://t.co/JZv7WbeX2I
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— Raj Thackeray (@RajThackeray) April 21, 2019
दरअसल, एमएनएस महाराष्ट्र में अपना वजूद बचाने के लिए जूझ रही है. वर्तमान में विधानसभा में उसका एक भी विधायक नहीं है. 2014 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने एक सीट जीती थी, लेकिन वे भी शिवसेना में शामिल हो गए. बता दें कि 2006 में राज ठाकरे शिवसेना से अलग होकर एमएनएस का गठन किया था. 2009 के चुनाव में पार्टी को 13 सीटों पर सफलता मिली थी.