कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं. पिछले बार कथित तौर पर सफर भारत जोड़ो यात्रा का अपग्रेड वर्जन ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ एक दिन पहले बिहार पहुंच गयी है. वो बिहार, जहां इस यात्रा के पहुंचने से एक दिन पहले ‘बड़ा खेला’ हो गया. राहुल गांधी यहां मोहब्बत की ऐसी दुकान खोलने निकले कि पूरी की पूरी सरकार ही बदल गयी. यहां तक की दो दुश्मन फिर से दोस्त बन गये. राहुल गांधी की मोहब्बत तो यहां बिकी लेकिन दुकानदार और दुकान बदल गयी. अब राहुल गांधी बोलें तो क्या बोलें, बस मुद्दे ही उठा सकते हैं. वैसे बता दें कि कांग्रेस-राजद महागठबंधन से नीतीश कुमार के अलग होने के बाद राहुल गांधी की बिहार की यह पहली यात्रा है.
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बिहार के किशनगंज में एक जनसभा को संबांधित करते हुए राहुल गांधी ने आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता ने कहा कि आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा देश में हिंसा और नफरत फैला रही है. ये (संघ और बीजेपी) लोगों को जाति, धर्म और भाषा के नाम पर आपस में लड़ने के लिए उकसाते हैं. केंद्र में बीजेपी नीत राजग शासन के दौरान विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग आपस में लड़ रहे हैं. राहुल गांधी ने फिर से एक बार रटा-रटाया वाक्या दोहराते हुए कहा कि भाई-भाई लड़ रहे हैं और उन्होंने यही माहौल बनाया है. हम लोगों को जोड़ने के लिए काम करते हैं, नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलना चाहते हैं.
आज दलाली करने वालों की इज्जत है
राहुल गांधी ने कहा कि कामगारों का सम्मान ही रोज़गार की कुंजी है. आज दलाली करने वालों की इज्ज़त है, काम करने वालों की नहीं. उन्होंने कहा कि भारत तरक्की तभी करेगा जब एक श्रमिक का भी उतना ही सम्मान होगा जितना किसी बड़े उद्योगपति का होता है. वहीं कांग्रेस नेता ने जातिगत जनगणना को न्याय की पहली सीढ़ी बताया. उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की सामाजिक और आर्थिक सेहत जाने बिना, उसके लिए सही योजनाएं बना पाना असंभव है और जातिगत जनगणना ही देश की समृद्धि में समाज के हर तबके की न्यायपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने का उपाय है.
आरक्षण को खत्म करने की हो रही है साजिश
राहुल गांधी ने कहा कि UGC के नए ड्राफ्ट में उच्च शिक्षा संस्थानों में SC, ST और OBC वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को ख़त्म करने की साजिश हो रही है. आज 45 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में लगभग 7,000 आरक्षित पदों में से 3,000 रिक्त हैं, और जिनमें सिर्फ 7.1% दलित, 1.6% आदिवासी और 4.5% पिछड़े वर्ग के प्रोफेसर हैं.
आरक्षण की समीक्षा तक की बात कर चुकी BJP-RSS अब ऐसे उच्च शिक्षा संस्थानों में से वंचित वर्ग के हिस्से की नौकरियां छीनना चाहती है. यह सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वाले नायकों के सपनों की हत्या और वंचित वर्गों की भागीदारी ख़त्म करने का प्रयास है. यही ‘सांकेतिक राजनीति’ और ‘वास्तविक न्याय’ के बीच का फर्क है और यही है भाजपा का चरित्र. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ये कभी होने नहीं देगी. हम सामाजिक न्याय के लिए लड़ते रहेंगे और इन रिक्त पदों की पूर्ति आरक्षित वर्गों के योग्य उम्मीदवारों से ही कराएंगे.