राहुल गांधी ने बताई बड़ी वजह कि आखिर इसी समय पर क्यों हुआ चीन का भारत पर आक्रमण

सोशल मीडिया के जरिए देश की जनता को दिए कई सवालों के जवाब, तीन मुख्य बिंदूओं से बताई चीन के आगे बढ़ने की वजह, कोरोना काल में आर्थिक संकट पर मोदी सरकार को घेरा

Rahul Gandhi Vs Narendra Modi
Rahul Gandhi Vs Narendra Modi

पॉलिटॉक्स न्यूज. 15 जून की भयानक काली अंधेरी रात भलां देश कैसे भूल सकता है क्योंकि यही वो रात थी जब चीन के साथ भारतीय सैनिकों की मुठभेड़ हुई थी. हिंसक मुठभेड़ में 40 से अधिक भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हुए. कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने जोरशोर से इस मुद्दे को उठाया कि मोदी सरकार देश को बताए कि चीनी सेना देश की सीमा में घुसी या नहीं. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि ऐसा कुछ भी नहीं है. अब राहुल गांधी ने इस घटना के एक महीने बाद सोशल मीडिया के जरिए देश की जनता को बताया कि आखिर चीन ने इसी समय पर क्यों किया भारत पर आक्रमण. राहुल गांधी ने इसके लिए बाकायदा वीडियो पोस्ट करते हुए तीन मुख्य बिंदू बताए हैं.

राहुल गांधी ने कहा कि 2014 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भारी गलतियों एवं अविवेकपूर्ण कार्यों ने मूल रूप से भारत को कमजोर तथा हमें वल्नरेबल कमजोर स्थिति में पहुंचा दिया. भौगोलिक राजनीति की दुनिया में खोखले शब्दों में काम नहीं चलता है. राहुल गांधी ने कहा कि चीन के साथ सीमा संघर्ष के पीछे कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब सरकार से मांगा गया लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला. ये सवाल कुछ इस प्रकार से हैं…

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  • आखिर चीन इस समय आक्रमण क्यों हुआ?
  • चीन ने एलएसी पर अतिक्रमण के लिए यही समय क्यों चुना?
  • भारत की स्थिति में अभी ऐसा क्या है जिसने चीन को मौका दिया आक्रामक होने का.
  • इस समय में ऐसा क्या विशेष है जिससे चीन को यह विश्वास हुआ कि वह भारत के विरूद्ध दुस्साहस कर सकता है?

इन सभी बातों को समझने के लिए राहुल गांधी ने कई अलग अलग पक्ष को वीडियो के माध्यम से समझाया है. उन्होंने कहा कि देश की रक्षा किसी एक बिंदू पर टिकी नहीं होती बल्कि यह कार्य कई शक्तियों का संगम होता है. यह समायोजन कई प्रकार की व्यवस्थाओं का होता है. अत: देश की रक्षा विदेशी संबंधों से, पड़ौसी राष्ट्रों से, अर्थव्यवस्था से, जनता की भावनाओं से होती है. इस संदर्भ में जनता का जो दृष्टिकोण है, पिछले 6 सालों में ऐसा क्या हुआ जो उन सभी क्षेत्रों में भारत क्षत्रिस्त एवं संकटग्रस्त हुआ. इन सभी मुद्दों और विषयों की राहुल गांधी ने विस्तार से चर्चा की. आइए हम भी जानते हैं राहुल गांधी की इस विषय पर क्या है राय ..

1. भारत की विदेश नीति

भारत का दुनिया के कई राष्ट्रों से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं और कई राष्ट्रों से बेहतर रहे हैं. हमारे रिश्ते अमेरिका से भी रहे हैं. ये एक रणनीतिक साझेदारी है जो काफी महत्वपूर्ण है. भारत के रिश्ते रूस और अन्य यूरोपीय राष्ट्रों से भी थे और ये सभी राष्ट्र हमारे सहयोगी थे लेकिन आज आज हमारे विदेशी संबंध मतलब परस्त हो गए हैं.

2. हमारे पड़ौसी राष्ट्र

नेपाल पहले हमारा करीबी दोस्त था, भूटान और श्रीलंका भी करीबी दोस्तों में से थे. पाकिस्तान को छोड़कर सभी पड़ौसी देश भारत के साथ मिलकर कार्य करते थे और वे सभी पड़ौसी राष्ट्र सभी संदर्भ में भारत को अपना साझीदार मानते थे. आज नेपाल हमसे नाराज एवं उग्र है. राहुल गांधी ने कहा कि आप नेपाल जाएं और वहां के नागरिकों से बात करें, जो हुआ उससे वे गुस्से में हैं. श्रीलंका ने तो चीन को बंदरगाह तक दे दिया. मालदीव और भूटान भी परेशान है. इस प्रकार हमने अपने करीबी विदेशी साझेदारों से रिश्ते बिगाड़ लिए हैं.

3. भारत की अर्थव्यवस्था

हमारी कुछ अर्थव्यवस्था से जुड़ी विशेषताओं की चर्चा पूरे विश्व में हुआ करती थी. लेकिन अभी आर्थिक समृद्धि पिछले 50 वर्षों के सबसे निकृषृटम दौर में है. न स्पष्ट दिशा है और न ही दृष्टिकोण. अर्थात अर्थव्यवस्था का संपूर्ण विनाश. पिछले 40 से 50 सालों में बेरोजगारी अपने उच्चतम बिंदु पर है. ऐसे में सवाल उठता है कि हमारी मजबूती अचानक हमारी कमजोरी कैसे बन गई? हमने सरकार से कई बार कहा कि कृप्या ध्यान दीजिए, समझिए इस बात को कि हम दिन प्रतिदिन असु​रक्षित हो रहे हैं. ये सभी मुद्दे आपस में जुड़े हुए हैं. वे अलग अलग नहीं हैं.

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राहुल गांधी ने कहा कि जब आप किसी राष्ट्र को देखते है, तब इन सभी चीजों को एक साथ लेकर चलना होता है. कांग्रेस ने मोदी सरकार से कहा कि भगवान के लिए अर्थव्यवस्था में पैसा झोंकिए जिससे अर्थव्यवस्था का चक्का घूम सके और तेजी आ सके. हमने कहा कि छोटे और मध्यम व्यापार को बचाइए लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया. इस प्रकार आज हमारा देश आर्थिक संकट में है.

कांग्रेस सांसद ने कहा कि अब विदेश नीति के ध्वस्त होने के दौर में है, पड़ौसियों से रिश्ते खराब हैं और आर्थिक व्यवस्था गर्त की ओर बढ़ रही है. इसी कारण से चीन ने ये निर्णय लिया कि भारत के विरूद्ध कार्यवाही करने का संभवत: ये ही बेहतर समय है. यही निर्णायक कारण भी है चीन के साथ सीमा संघर्ष और आक्रमण करने का, जिसे हम पिछले महीने में देख चुके हैं.

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