Rahul Gandhi On Bharat Jodo yatra. कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा आज 77 दिन का सफर पूरा कर मध्यप्रदेश में प्रवेश कर गई है. अगले 10 से 12 दिन यात्रा मध्यप्रदेश में ही रहेगी और इसके पश्चात यह यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी. दोनों ही राज्यों के लिए यह यात्रा काफी अहम इसलिए भी है क्योंकि अगले साल के अंत में एमपी और राजस्थान दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. बुधवार को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के बोंदरली गांव से भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई. एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित पार्टी के कई दिग्गजों नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने यात्रा का स्वागत किया. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी 28 नवंबर को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करेंगे. इससे पहले राहुल गांधी ने आज यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘कुछ लोग भारत जोड़ो यात्रा को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं लेकिन अंत में तिरंगा तो हम श्रीनगर में ही फहराएंगे.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की आज मध्य प्रदेश में एंट्री हो गई है. सुबह करीब सात बजे बुरहानपुर के रास्ते राहुल गांधी मध्य प्रदेश पहुंचे. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के बोंदरली गांव से भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई, जो शाम 6 बजे ये यात्रा बुरहानपुर शहर पहुंचेगी. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्य प्रदेश पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित प्रदेश कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं व आम लोगों ने राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया. इस दौरान राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश की जनता और भारत जोड़ो यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘भाजपा युवाओं, किसानों और मजदूरों के दिलों में पहले डर फैलाती है और फिर इसे हिंसा में बदल देती है. हमारी जो यह यात्रा है वो देश में फैलाई जा रही नफरत, हिंसा और डर के खिलाफ है.’
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राहुल गांधी ने देश में बढ़ती बेरोजगारी एवं महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘भाजपा सबसे पहले युवाओं, किसानों और मजदूरों के दिलों में डर फैलाती है और जब यह डर अच्छी तरह से फैल जाता है तो वह इसे हिंसा में बदल देती है.’ राहुल गांधी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, ‘जबसे हमने कन्याकुमारी से हाथ में तिरंगा लेकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की थी तभी से बीजेपी के नेता एवं कार्यकर्ता इस यात्रा पर सवाल उठा रहे थे लेकिन मैं उनसे कहना चाहूंगा कि अंत में तिरंगा तो हम श्रीनगर में ही फहराएंगे. इस तिरंगे को श्रीनगर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता.’ देश का उद्योग जगत, हवाई अड्डे और बंदरगाह केवल तीन-चार उद्योगपतियों के हाथों में हैं और अब रेलवे भी उनके हाथों में जाने वाला है, यह अन्याय का हिंदुस्तान है, ऐसा हिंदुस्तान हमें नहीं चाहिए, गरीबों को न्याय चाहिए.’
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सरकार पर शिक्षा के निजीकरण का आरोप लगाते हुए कहा, ‘आज के हिंदुस्तान में रुद्र का डॉक्टर बनने का सपना पूरा नहीं हो सकता, क्योंकि निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पढ़ाई के लिए उसके माता-पिता को करोड़ों रुपये की फीस देनी होगी. फीस नहीं दे पाने के कारण उसे मजदूरी करनी पड़ेगी.’ राहुल की अगुवाई वाली यह पदयात्रा चार दिसंबर को राजस्थान में दाखिल होने से पहले 12 दिन के भीतर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल से गुजरेगी. गौरतलब है कि इस किसान बहुल इलाके में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने भाजपा पर अहम बढ़त हासिल की थी और राज्य में कमलनाथ की अगुवाई में पार्टी की सरकार बनी थी.
कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च 2020 को पतन हो गया था. कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च 2020 को सूबे की सत्ता में लौटी थी. इस बीच, यात्रा में शामिल होने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में प्रभातफेरी के रूप में तिरंगे झंडे लहराते हुए बोदरली गांव पहुंचे. करीब 6,000 की आबादी वाले इस गांव में यात्रा के स्वागत के लिए सभास्थल को खासतौर पर केलों के पत्तों से सजाया गया था, क्योंकि यह इलाका केले की खेती का गढ़ है.