Politalks.News/Rajasthan/PrivateSchoolsFeeMovement. प्रदेश में फीस भुगतान की मांग को लेकर पिछले 15 दिनों से जारी निजी स्कूल संचालक का आंदोलन अब अगर होने जा रहा है. निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग को आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दे दी है और इसके लिए निजी स्कूलों की ओर से 2 दिनों का समय दिया गया है. दो दिनों में अगर सरकार की ओर से वार्ता की कोई पहल नहीं की जाती है तो प्रदेशभर के निजी स्कूलों के करीब 11 लाख स्टाफ जयपुर में जुटकर आंदोलन करते हुए नजर आएंगे.
अभिभावकों और निजी स्कूलों के बीच फीस की मांग को लेकर शहीद स्मारक पर पिछले 8 दिनों से चला आ रहा अनिश्चितकाली धरना और आमरण अनशन अब और उग्र होता हुआ नजर आ रहा है. निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग को आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दे दी है और इसके लिए निजी स्कूलों की ओर से 2 दिनों का समय दिया है. बता दें, 8 महीनों से निजी स्कूलों में फीस का भुगतान का भुगतान नहीं हुआ है. हाल ही में 5 नवंबर से जहां निजी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई को स्थगित कर दिया था तो वहीं, 8 नवंबर से शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन दिया जा रहा है. धरने को समर्थन करने के लिए मंगलवार को प्रदेशभर के सभी 33 जिलों से 5-5 निजी स्कूल प्रतिनिधि जयपुर में जुटे तो वहीं, NISA हेड दिलीप मोदी और एमपीएस प्रिंसीपल अशोक वैद भी धरने को समर्थन देने पहुंचे.
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दिलीप मोदी और अशोक वैद ने कहा, ‘8 महीनों से निजी स्कूलों को फीस का भुगतान नहीं हो पाया है, जिसके चलते निजी स्कूलों के आर्थिक हालात खराब हो गए हैं. कई राज्यों में स्कूल खोलने का फैसला ले लिया गया है.लेकिन राजस्थान में अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. इसके साथ ही 7 सितंबर को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने निजी स्कूलों को राहत देने वाला फैसला लिया था. उस पर भी खंडपीठ की रोक लग गई है. ऐसे में निजी स्कूलों को राहत देते हुए 7 सितंबर का आदेश प्रभावी हो. स्कूलों को खोलने का फैसला लिया जाए. साथ ही बकाया आरटीई राशि का भुगतान किया जाए.’
आपको बता दें, 8 नवंबर से ही फीस की मांग को लेकर दो निजी स्कूल संचालिका आमरण अनशन पर बैठी हैं. दो दिन पहले एक निजी स्कूल संचालिका सीमा शर्मा की तबियत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. लेकिन मंगलवार को फिर से सीमा शर्मा धरना स्थल पर पहुंची. हेमलता शर्मा और सीमा शर्मा का कहना है कि ‘दिवाली पर निजी स्कूलों के करीब 11 लाख स्टाफ को वेतन नहीं मिल पाया है. जिसकी वजह से उनकी दिवाली नहीं मनी है, तो वहीं फीस की मांग को लेकर हम भी दिवाली पर धरने पर बैठे रहे. लेकिन इसके बाद भी अभी तक किसी प्रतिनिधि ने वार्ता नहीं की है. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.