Politalks.News/Delhi/#AmitShah/#GupkarGang. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की पार्टियों के बीच हुए गुपकार गठबंधन को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए उन्हें ‘गुपकार गैंग‘ की संज्ञा दे दी. वहीं एक ट्वीट में शाह ने कांग्रेस से भी पूछा कि क्या राहुल और सोनिया भी गुपकार गैंग की हिस्सा हैं? अब इस आरोप का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हमारी पार्टी किसी भी तरह से गुपकार गठबंधन का हिस्सा नहीं है. सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पीएजीडी में शामिल नहीं है और वह जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद का चुनाव लड़ रही है ताकि भाजपा का ‘जनविरोधी चेहरा’ बेनकाब हो सके.
रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि, आए दिन झूठ बोलना, कपट फैलाना व नए भ्रमजाल गढ़ना मोदी सरकार का चाल, चेहरा और चरित्र बन गया है. शर्म की बात तो यह है कि देश के गृहमंत्री, अमित शाह राष्ट्रीय सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी को दरकिनार कर जम्मू, कश्मीर व लद्दाख पर सरासर झूठी, भ्रामक व शरारतपूर्ण बयानबाजी कर रहे हैं. सुरजेवाला ने कहा कि भारत की सरजमीं से चीन को वापस खदेड़ने तथा पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की जिम्मेदारी निभाने की बजाय अनर्गल बयानबाजी ही अमित शाह व मोदी सरकार के मंत्रियों का प्रतिदिन का व्यवहार बन गया है.
सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कड़े शब्दों में अमित शाह व मोदी सरकार के मंत्रियों के आचरण की निंदा करती है तथा याद दिलाती है कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को लेकर उनका आचरण ऐसा ही है, जैसा कि नौ सो चूहे खाकर बिल्ली हज को चली. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार व उसके मंत्रियों की खोयी हुई याददाश्त को दुरुस्त करने की आवश्यकता है, ताकि सही तथ्य जान लें:-
- कांग्रेस पार्टी गुपकार अलायंस’ या ‘पीपुल्स एसोसिएशन फॉर गुपकार डिक्लरेशन’ (PAGD) का हिस्सा नहीं है.
- देश के लिए कुर्बानी और बलिदानी की परिपाटी कांग्रेस के नेतृत्व ने अपने लहू से लिखी है. महात्मा गांधी, श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री राजीव गांधी सरीखे नेताओं की देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की परंपरा सबको याद है. आजादी के बाद भी उग्रवाद और आतंकवाद से लड़ते हुए हजारों कांग्रेसजनों ने जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में कुर्बानियां दीं. सरदार बेअंत सिंह, श्री नंद कुमार पटेल, श्री विद्याचरण शुक्ल, श्री महेंद्र कर्मा व हजारों कांग्रेसजन देश के लिए कुर्बान हो गए, जिन पर हमें नाज़ है.
- अंग्रेज के गुलाम और पिट्ठु दलों के लोग शायद न तो देश और न ही तिरंगे के लिए कुर्बानी का जज़्बा समझ सकते हैं. कांग्रेस पार्टी यह कभी स्वीकार नहीं करेगी कि राष्ट्र की अस्मिता, अखंडता या तिरंगे को कोई आँच पहुंचाए. न ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर सहित भारत के आंतरिक मामलों में कोई विदेशी दखलंदाजी स्वीकार की है और न ही करेगी. 70 वर्षों तक भारत का गौरवशाली इतिहास कांग्रेस के इस संकल्प का गवाह है. शायद अमित शाह और मोदी सरकार को राष्ट्रभक्ति का नया पाठ पढ़ने की आवश्यकता है, क्योंकि उनके पितृ संगठन, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने तो देश का तिरंगा ही आजादी के 52 साल तक आरएसएस मुख्यालय पर नहीं लहराया था.
- अमित शाह यह भी बताएं कि जिस पीडीपी की वो आलोचना कर रहे हैं, उसके साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने सरकार का गठन क्यों किया था?
- अमित शाह यह भी बताएं कि भाजपा सरकार जम्मू-कश्मीर की जेल से कुख्यात आतंकवादी, मौलान मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद ज़रगर व अहमद उमर सईद शेख को अफगानिस्तान और पाकिस्तान रिहा करके क्यों आई थी और क्या यही उग्रवादी 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के जिम्मेदार नहीं?
- अमित शाह यह भी बताएं कि उन्होंने पाकिस्तान की उग्रवादियों की पोषक, आईएसआई को पठानकोट एयरबेस हमले की जाँच के लिए न्यौता देकर भारत क्यों बुलाया था और श्री अमित शाह ने आईएसआई में विश्वास क्यों जताया था?
- अमित शाह यह भी बताएं कि साल 2016 में कुख्यात आतंकवादी दाउद इब्राहिम की बीवी खुलेआम मुंबई जाकर वापस पाकिस्तान कैसे लौट गई और इसकी इजाजत किसने दी?
- अमित शाह यह भी बताएं कि भाजपा के महाराष्ट्र के एक मंत्री के तथाकथित टेलीफोन पर दाउद इब्राहिम से वार्ता के बाद उसे पद से क्यों हटाया था?यदि यह सही था, तो मुकदमा दर्ज कर जाँच क्यों नहीं की गई? पूरे मामले को रफा दफा क्यों किया गया?
- अमित शाह यह भी बताएं कि पीडीपी-भाजपा सरकार के समय उस सरकार के चहेते मसरत आलम को अप्रैल, 2015 में कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा लहराने और भारत विरोधी नारे लगाने की इजाजत कैसे दी थी?
- अमित शाह यह भी बताएं कि पीडीपी-भाजपा सरकार में आसिया अंद्राबी को सरकार का बेटी बचाओ का चेहरा कैसे बनाया, जिसने फिर पाकिस्तान जाकर मसूद अजहर उग्रवादी के साथ भारत विरोधी प्रदर्शन किया?
रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में प्रजातांत्रिक चुनाव की पक्षधर है तथा इसी उद्देश्य से कांग्रेस पार्टी डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल का चुनाव लड़ रही है ताकि भाजपा का जनविरोधी चेहरा प्रजातांत्रिक तरीके से बेनकाब हो सके.