Maharashtra politics: महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव की घोषणा के बाद से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. महाराष्ट्र के सियासी महासंग्राम का चुनावी मैदान भी सजने लगा है. महाराष्ट्र में एक तरफा जीत के बाद एक ओर जहां महायुति का हौसला सातवें आसमान पर है. वहीं महाविकास अघाड़ी में दरार आ रही है. उद्धव ठाकरे समर्थित शिवसेना यूबीटी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ आने से कांग्रेस अलग थलग हो गयी है, जबकि शरद पवार ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वहीं अब छिपी हुई खबर आ रही है कि नगर निगम चुनाव में दोनों एनसीपी एकजुट होने जा रही हैं. पहल अजित पवार की ओर से की जा रही है जबकि महायुति एकजुट होकर चुनाव लड़ने का दावा ठोक रही है.
दरअसल, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पुणे में NCP (शरदचंद्र पवार गुट) के वरिष्ठ नेता आजम पानसरे से मुलाकात कर पुणे नगर निगम चुनावों में सहयोग पर चर्चा की. पानसरे ने दावा किया कि दोनों गुट गठबंधन चाह रहे हैं और जल्द इस पर फैसला लिया जाएगा. वहीं NCP (SP) नेता अंकुश काकडे ने बताया कि सीट बंटवारे पर चर्चा जल्द होगी जबककि कांग्रेस व शिवसेना (UBT) से भी बातचीत जारी है.
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यह पहली बार होगा जब विभाजन के बाद दोनों एनसीपी गुट किसी चुनाव में साथ उतरेंगे. जब एनसीपी एकजुट थी, तब अजित पवार ने पार्टी को तोड़ महायुति में शरण ली और राज्य के डिप्टी सीएम बन बैठे. फिलहाल ये बातचीत केवल पुणे नगर निगम चुनाव को लेकर हुई है या फिर महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव को लेकर, इस बात की पुष्टि होना शेष है.
इधर, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे समर्थित शिवसेना का एक साथ चुनाव लड़ना तय है. हालांकि महायुति ने कहा कि 200 सीटों पर बात हो चुकी है. शेष 27 सीटों पर बात चल रही है. वहीं AIMIM और आम आदमी पार्टी ने भी चुनावी समर में उतरने का ऐलान कर दिया है. AIMIM ने तो 13 उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी की है. वहीं आप ने ने ठाणे, भिवंडी-निजामपुर और नवी मुंबई नगर निगमों में पहली बार अपने उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है. पार्टी भिवंडी की 90 में से 30 सीटों के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग कर चुकी है, जबकि नवी मुंबई की सभी 111 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है. ठाणे में भी 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का लक्ष्य रखा गया है.
हालांकि महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव में सबसे अधिक नजर मनसे-शिवसेना यूबीटी गठबंधन और एनसीपी पर ही रहने वाली है. अगर एनसीपी गठबंधन होता है तो वर्तमान में हालात कैसे भी हों, भविष्य में दोनों गुटों के एक होने की संभावनाओं का रास्ता साफ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.



























