विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर से विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. नया बयान दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को लेकर है, जिसे लेकर विजयवर्गीय ने विवादित बयान दिया। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. ये राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय माना जा रहा है.
एमपी के सागर जिले के बीना में आयोजित स्वर्गीय राकेश सिरोठिया की याद में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट के शुभारंभ के मौके पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘ताजमहल मूल रूप से कभी एक मंदिर था. बाद में इसे मुगल शासक शाहजहां ने बाद में मकबरे में तब्दील कर दिया.’ उन्होंने दावा किया कि मुमताज को पहले बुरहानपुर में दफनाया गया था. मगर बाद में जिस स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया था, उसी जगह शव को दफना कर ताजमहल का निर्माण कराया गया.
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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का ताजमहल को लेकर दिया गया बयान राजनीतिक हलकों के साथ आम जनता के बीच भी चर्चा का केंद्र बना हुआ है. उनके बयान की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. उनके बयान को ऐतिहासिक तथ्यों से जोड़कर देखा जा रहा है. कुछ लोग इसे विवादित के साथ भड़काऊ बता रहे हैं.
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब ताजमहल को लेकर इस तरह के दावे सार्वजनिक रूप से मंच से किए गए हों, लेकिन एक कैबिनेट मंत्री की ओर दिए गए बयान के कारण यह मामला और अधिक तूल पकड़ता दिख रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे अक्सर इतिहास,आस्था और राजनीति को एक साथ जोड़कर बहस को जन्म देते हैं. इस बयान को लेकर विपक्ष प्रतिक्रिया और राजनीतिक बयानबाजी तेज होने की संभावना बताई जा रही है.



























