पॉलिटॉक्स न्यूज. लगता है कि भारत ने पाक को उसी की जुबान में जवाब देने का पूरा पूरा मन बना लिया है. सोमवार को विदेश मंत्रालय के कड़े रूख के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नाम न लेते हुए स्पष्ट रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधा है. साथ ही अन्य देशों को भी साथ आने को कहा है. गुट निरपेक्ष देशों (NAM) के वर्चुअल सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान में हम सभी कोविड-19 संकट से जूझ रहे हैं लेकिन इस संकट की घड़ी में भी कुछ लोग आतंकवाद जैसे दूसरे घातक वायरस फैलाने में लगे हुए हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट ने विश्व को वर्तमान अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की सीमाओं से परिचित करा दिया है. इस समय हमारे साथ पूरी दुनिया कोविड-19 संकट से जूझ रही है. मानवता भी पिछले कई दशकों के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है और गुट निरपेक्ष आंदोलन (NAM) के सदस्य देश वैश्विक एकजुटता को प्रोत्साहित करने में सहायता कर सकते हैं, क्योंकि वे विश्व की सबसे नैतिक आवाज हैं. पीएम मोदी ने इस भूमिका को निभाने के लिए गुट निरपेक्ष देशों को समावेशी रहने की अपील की.
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वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने बिना किसी का नाम लिए पाक पर निशाना साधते हुए कहा कि जहां दुनिया विश्व कोविड-19 से मुकाबला कर रहा है, वहीं कुछ लोग दूसरे तरह के घातक वायरस फैलाने में लगे हुए हैं जैसे कि आतंकवाद, फर्जी खबरें और समुदायों व देशों को बांटने वाले छेड़छाड़ कर तैयार किये गए वीडियो. पीएम ने कहा कि महामारी से मुकाबला करने के दौरान भारत ने यह दिखाया है कि लोकतंत्र, अनुशासन और निर्णायक क्षमता किस प्रकार एक साथ मिलकर सच्चे जनांदोलन का रूप ले लेते हैं. यहां उन्होंने पारदर्शिता, समानता और मानवता पर आधारित वैश्वीकरण की एक नई व्यवस्था की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
#COVID19 has shown us the limitation of existing international system. In the post COVID world, we need a new template of globalisation based on fairness, equality & humanity. We need international institutions that are more representative of today's world: PM Modi at NAM summit pic.twitter.com/WaOenE9ibh
— ANI (@ANI) May 4, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मानवता एक बड़े संकट के दौर से गुजर रही है और इससे मुकाबला करने में गुट निरपेक्ष देश योगदान दे सकते हैं और इस समय गुट निरपेक्ष देश वैश्विक एकजुटता को प्रोत्साहित करने में सहायक हो सकते हैं. नॉन एलाइन मूवमेंट (एनएएम) अक्सर दुनिया की नैतिक आवाज रहा है. गुट निरपेक्ष देश हमेशा विश्व का नैतिक स्वर रहे हैं और इस भूमिका को निभाने के लिए गुट निरपेक्ष देशों को समावेशी रहना होगा. उन्होंने कहा कि आज हमें ऐसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की आवश्यकता है जो आज के विश्व का बेहतर ढंग से प्रतिनिधित्व कर सकें. हमें केवल आर्थिक उन्नति ही नहीं बल्कि मानव कल्याण को भी प्रोत्साहित करना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की संकट की घड़ी में भी हमने दिखाया है कि किस प्रकार से लोकतंत्र और अनुशासन एक साथ मिलकर जन आंदोलन बना सकते हैं. भारतीय सभ्यता पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है. हम अपने नागरिकों की देखभाल करने के साथ अन्य देशों की भी मदद कर रहे हैं. भारत ने लंबे समय तक इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है. कोविड-19 के संकट को देखते हुए घरेलू जरूरतों के बावजूद भारत ने करीब 120 देशों को दवा की आपूर्ति की जिनमें 59 गुट निरपेक्ष देश शामिल हैं.
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पीएम ने कहा कि कोविड-19 ने हमें वर्तमान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की सीमाओं से परिचित कराया है. कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए हमने अपने पड़ोसियों के साथ कॉर्डिनेशन को बढ़ावा दिया है. हम कई अन्य देशों के साथ मेडिकल क्षेत्र में अपनी विशेषता को भी साझा कर रहे हैं और ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दे रहे हैं.
बता दें, पूर्वी यूरोप और एशिया के बीच बसे देश अजेरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव की पहल पर गुट निरपेक्ष देशों के प्रमुखों की यह बैठक बुलाई गई थी. इल्हाम अलियेव गुट निरपेक्ष आंदोलन के मौजूदा चेयरमैन हैं. वर्तमान में गुट निरपेक्ष आंदोलन संयुक्त राष्ट्र के बाद विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक समन्वय और परामर्श का मंच है. इस समूह में 120 विकासशील देश शामिल हैं.